37 घंटे तक लगातार आसमान में रहे B-2 बमवर्षक,हवा में ही कई बार ईंधन भरा ....
अमेरिका ने ईरान के परमाणु अड्डों पर बेहद घातक ‘बंकर बस्टर’ बम GBU-57 से किया अटैक !
इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी शामिल हो चुका है. रविवार सुबह अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया. B-2 बॉम्बर्स ने बिना जमीन पर उतरे लगातार करीब 37 घंटे की उड़ान भरी, लगातार 37 घंटे तक आसमान में उड़ते रहना, रास्ते में कई बार हवा में ही ईंधन भरना और फिर दुश्मन देश के सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकानों पर अचूक हमला करना. यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं, बल्कि अमेरिका की एक वास्तविक सैन्य कार्रवाई थी, जिसने रविवार सुबह पूरी दुनिया को चौंका दिया. अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे तनाव ने रविवार सुबह एक और खतरनाक मोड़ ले लिया. दरअसल, अमेरिका के अत्याधुनिक B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर्स ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों-फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान पर भीषण हमला कर दिया.
37 घंटे तक लगातार आसमान में रहे बमवर्षक....
मिज़ूरी (अमेरिका) से उड़ान भरने के बाद इन B-2 बॉम्बर्स ने बिना जमीन पर उतरे लगातार करीब 37 घंटे की उड़ान भरी. इस दौरान उन्होंने कई बार हवा में ही ईंधन भरा, ताकि बिना रुके मिशन को अंजाम तक पहुंचाया जा सके. ऐसे ऑपरेशन को लॉन्ग-रेंज स्ट्राइक का चरम उदाहरण माना जाता है.
फोर्डो: बंकर बस्टर से उड़ाया गया सबसे सुरक्षित परमाणु अड्डा...
ईरान का फोर्डो न्यूक्लियर साइट, जो कि पहाड़ों के नीचे गहराई में बना हुआ और अत्यंत सुरक्षित माना जाता था, इस हमले में सबसे बड़ा निशाना बना. राष्ट्रपति ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा, "Fordow is gone." यानी "फोर्डो अब नहीं रहा." यह हमला खास तरह के GBU-57 'Massive Ordnance Penetrator' बंकर बस्टर बमों से किया गया, जो खास तौर पर ऐसे ही गहरे और सुरक्षात्मक ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए बनाए जाते हैं.
एक साथ बम और मिसाइल का प्रयोग...
इस पूरे ऑपरेशन में अमेरिका ने 6 बंकर बस्टर बम फोर्डो पर गिराए, वहीं करीब 30 टोमहॉक मिसाइलें नतांज और इस्फ़हान जैसे अन्य परमाणु ठिकानों पर दागी गईं. यह अमेरिका का ईरान पर वर्षों में अब तक का सबसे प्रत्यक्ष और शक्तिशाली हमला था.
सुरक्षित वापसी और ट्रंप का संदेश...
राष्ट्रपति ट्रंप ने बाद में ट्रूथ सोशल पर जानकारी दी कि "हमारे सभी विमान सुरक्षित वापस लौट रहे हैं" और मिशन को उन्होंने "अद्भुत सफलता" बताया. उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसने अब भी शांति नहीं की, तो अगली बार हमला और घातक होगा.
इजरायल से तालमेल और ईरान की पुष्टि
अमेरिकी हमले से पहले इजरायल और अमेरिका के बीच करीबी समन्वय हुआ था. ट्रंप ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से सीधे बातचीत की. वहीं, ईरानी समाचार एजेंसी तसनीम के अनुसार, ईरान के एक अधिकारी ने फोर्डो साइट को हुए हमले से नुकसान की पुष्टि की है.
बेहद घातक होता है ‘बंकर बस्टर’ बम !
अमेरिका ने ईरान ‘बंकर बस्टर’ बम GBU-57 नामक विशाल आयुध भेदक का प्रयोग किया है जिसे 'बंकर बस्टर' कहा जाता है.ये हथियार बेहद घातक होता है। इसका वजन: 30,000 पाउंड (लगभग 13.6 टन) और लंबाई: 20 फीट !
यह बम कई सौ फीट गहराई में छिपे बंकरों और कंक्रीट संरचनाओं को भेदने में सक्षम है. इसे केवल B-2 स्टील्थ बॉम्बर ले जा सकता है. इस बम को फोर्डो जैसे दुर्गम ठिकानों को पूरी तरह नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
तीन बड़े परमाणु ठिकानों पर हमला ...
शनिवार रात अमेरिकी बमवर्षकों ने ईरान के फोर्डो (Fordo), नतांज (Natanz) और इस्फ़हान (Isfahan) स्थित तीन अत्यंत संवेदनशील परमाणु ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की. राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद इन हमलों की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “फोर्डो पर फुल पेलोड गिराया गया है. हमारे सभी विमान सुरक्षित लौट आए हैं.
- फोर्डो – पहाड़ों के नीचे स्थित एक अति-गोपनीय यूरेनियम संवर्धन केंद्र, जिसे अब तक अजेय माना जाता था.
- नतांज – ईरान का सबसे बड़ा और सक्रिय यूरेनियम संवर्धन संयंत्र.
- इस्फहान के पास का ठिकाना – जहां बम-स्तर का संवर्धित यूरेनियम संग्रहित होने की खबरें थीं.
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इजरायली हमलों में अब तक 400 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है, जिनमें 54 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. घायलों की संख्या 3,000 के पार जा चुकी है. कई मिसाइलें रिहायशी इलाकों, अपार्टमेंटों और सामान्य जीवन जी रहे नागरिकों पर गिरी हैं. साथ ही, ईरान में इंटरनेट ब्लैकआउट की स्थिति बनी हुई है, जिससे आम जनता का आपसी संपर्क और दुनिया से जुड़ाव पूरी तरह ठप हो गया है.
आयतुल्लाह खामेनेई खतरे में...
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई अपनी जान को लेकर गंभीर खतरा महसूस कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार वे लगातार अपने ठिकाने बदल रहे हैं और सीधे संवाद करने की बजाय अपने विश्वसनीय सहयोगियों के जरिए संपर्क में हैं. ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के तीन शीर्ष कमांडर भी हमलों में मारे जा चुके हैं.
इजरायल में हालात !
ईरान ने शनिवार को जवाबी कार्रवाई में हाइफ़ा और बेरशेवा जैसे इजरायली शहरों पर बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन हमले किए. कई इमारतें ध्वस्त हो गईं. गोलन हाइट्स और उत्तरी इजरायल में सायरन लगातार बजते रहे. येहुदा में क्लस्टर बम का प्रयोग हुआ, जो इस युद्ध में पहली बार देखा गया. हालांकि, इजरायल का अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम अधिकांश हमलों को हवा में ही नष्ट करने में सक्षम रहा. लेकिन अब स्थिति ये है कि इजरायल की इंटरसेप्टर मिसाइलों की खपत, उत्पादन से कहीं अधिक हो रही है.
ट्रंप का बदला रुख
पिछले हफ्ते तक अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने साफ कहा था कि अमेरिका इस युद्ध में शामिल नहीं है. लेकिन ट्रंप की रणनीति अचानक बदल गई. धीरे-धीरे आक्रामक बयानबाजी के बाद अब अमेरिका खुद इस लड़ाई में उतर चुका है. विशेषज्ञों का कहना है कि बंकर बस्टर जैसे हथियार केवल अमेरिका के पास हैं, और सिर्फ अमेरिका ही फोर्डो जैसे ठिकानों को पूरी तरह तबाह करने में सक्षम है.
अब तक की स्थिति...
ईरान में अब तक 400 से अधिक नागरिकों की मौत और 3,500 से अधिक घायल होने की खबर है, जबकि इजरायल में भी 14 लोगों की मौत और 1,200 से ज्यादा घायल हो चुके हैं. यह हमला दोनों देशों के बीच दशकों से चल रहे तनाव का अब तक का सबसे खतरनाक पड़ाव माना जा रहा है.
क्या यह वैश्विक युद्ध की शुरुआत है !
13 जून को शुरू हुआ यह संघर्ष अब धीरे-धीरे एक वैश्विक संकट का रूप लेता जा रहा है. अमेरिका की सैन्य भागीदारी के बाद अब यह सिर्फ इजरायल और ईरान की लड़ाई नहीं रही. पश्चिम एशिया के कई अरब देशों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के हमलों से उनके सीमाई इलाकों को भी खतरा हो सकता है. ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले से पूरे क्षेत्र में रेडियोएक्टिव रिसाव का खतरा बढ़ गया है, जिससे मानवता के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है.










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