G News 24 : पहाड़ों के नीचे 300 फीट नीचे ईरान के न्यूक्लियर बेस फोर्डो प्लांट को अमेरिका ही मिट्टी में मिलाएगा !

ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत इजरायल ने भी ईरान के नतांज परमाणु साइट को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है ! 

पहाड़ों के नीचे 300 फीट नीचे ईरान के न्यूक्लियर बेस फोर्डो प्लांट को अमेरिका ही मिट्टी में मिलाएगा !

खूबसूरत वादियां, हरे-भरे पहाड़ और चट्टानों के एकदम भीतर एक बंकर में मौजूद ईरान का फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट उसका सबसे गुप्त एटमी ठिकाना है। चट्टानों की करीब 300 फीट मोटी तह के नीचे मौजूद यह वह परमाणु साइट है। जहां इजरायली बमों का भी कोई असर नहीं होता है। इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन के तहत ईरान के नतांज परमाणु साइट को तगड़ा नुकसान पहुंचाया है। इजरायली हमले में वहां के 15 हजार सेंट्रीफ्यूज नष्ट हो गये हैं। इजरायल ने फोर्डो प्लांट पर भी हमला किया। लेकिन आईएएफए के अनुसार इसे सीमित नुकसान हुआ है।

इजरायल के पास इसे पूरी तरह से नष्ट करने की क्षमता नहीं है। इस प्लांट को नष्ट किये बिना इजरायल ईरान को परमाणु शक्तिविहीन करने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पायेगा। इस उद्देश्य का ेपाने के लिये इजराइल अमेरिका से जीबीयू-57 बंकर बस्टर बम और बी-2 बॉम्बर की मांग कर रहा है। लेकिन ऐसा करने का मकसद होगा। ईरान इजरायल वॉर में अमेरिका की डायरेक्ट एंट्री। क्या अमेरिका ऐसा करने के लिये तैयार होगा।

कहां और कैसा है ईरान का अभेद्य परमाणु साइट फोर्डो

दरअसल इससे बाद की सारी चीजें पहाड़ों के गर्भ में छिपी सुरंगों में मौजूद है। धार्मिक शहर क़ोम के नजदीक बना यह गुप्त, भारी सुरक्षा वाला परिसर 2009 में तब पहली बार सार्वजनिक हुआ जब 2009 में पश्चिमी खुफिया एजेंसियों ने इसका खुलासा किया है। यह लगभग 30 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित है. यह प्लांट पहाड़ों के भीतर करीब 80-90 मीटर (लगभग 300 फीट) की गहराई में बना है।  इसकी भौगोलिक स्थिति इसे प्राकृतिक और कृत्रिम सुरक्षा प्रदान करती है, क्योंकि यह हवाई हमलों और पारंपरिक बमबारी से लगभग अभेद्य है।

सीएनएन कहता है इसके बारे में हम जो कुछ भी जानते है। उसका एक बड़ा हिस्सा इजरायली खुफिया एजेंसियों द्वारा सालों पहले चुराए गए ईरानी दस्तावेजों के भंडार से आता है। इसका मुख्य हॉल जमीन से 80 से 90 मीटर (लगभग 262 से 295 फीट) नीचे है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे इजरायल के पास मौजूद किसी भी हवाई बम से सुरक्षित है, इस वजह से हवा से मारकर इसे ध्वस्त करना लगभग असंभव कार्य बन जाता है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यह फोर्डो ही है जहां ईरान एनरिच यूरेनियम भंडार को परमाणु बम में बदलने की जल्दी कर सकता है. पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार बनाने का अंतिम निर्णय लिया तो फोर्डो उसका प्राथमिक केंद्र होगा । इसकी गोपनीयता और सुरक्षा ने इसे इजरायल और अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा बना दिया है।

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