संधि को अब री-निगोशिएट कर भारत के हितों के अनुसार बनाया जाएगा...
भारत का पाक को सख्त संदेश, सिंधु जल संधि नहीं होगी बहाल !
नई दिल्ली। भारत सरकार सिंधु जल संधि को बहाल करने की पाकिस्तान की गुजारिश पर विचार नहीं करेगी. आला सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी है. पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत सरकार को पत्र लिखकर के इस संधि को स्थगित करने के फैसले पर पुनर्विचार की गुजारिश की थी. सूत्रों ने कहा कि सिंधु जल संधि को अब री-निगोशिएट किया जाएगा और इसे अब भारत के हितों के अनुसार बनाया जाएगा. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया था. सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि की शर्तों का उल्लंघन किया है.
यह संधि सद्भावना और दोस्ती पर आधारित थी. हालांकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा देकर सद्भावना और दोस्ती को तोड़ा है. अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार, निचले इलाकों को पानी देना अनिवार्य है. भारत इन नियमों का उल्लंघन नहीं करेगा, लेकिन भारत अपने हिस्से का पानी लेगा. सूत्रों के मुताबिक, यह एक लंबी परियोजना है, जिस पर काम होगा. यह तय है कि सितंबर 1960 में दोनों देशों के बीच हुई सिंधु जल संधि पाकिस्तान के पक्ष में थी और काफी उदार थी. यह इस बात पर निर्भर थी कि पाकिस्तान की ओर से कोई शत्रुतापूर्ण गतिविधि न हो.
हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बावजूद संधि बनी रही. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की जरूरतों के हिसाब से इसे ठीक किया जाना चाहिए. यह पचास और साठ के दशक की इंजीनियरिंग के हिसाब से की गई थी. मौजूदा मौसम परिवर्तन, ग्लेशियरों के पिघलने, नदियों में उपलब्ध जल की मात्रा, बढ़ती जनसंख्या और स्वच्छ ऊर्जा के लिए इसे रिनिगोशिएट करना जरूरी है. साथ ही कहा कि पाकिस्तान इसे री-निगोशिएट करने में अड़ंगे डालता है और यह भी संधि के प्रावधानों का उल्लंघन है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. भारत संधि को अपने पक्ष में करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर के बाद 12 मई को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते हैं. वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर भी साफ कर चुके हैं कि सिंधु जल संधि तब तक स्थगित रहेगी जब तक कि इस्लामाबाद से समर्थित सीमा पार आतंकवाद को "पूरी तरह से रोक नहीं दिया जाता"है. पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 सैलानियों की हत्या कर दी थी. भारत सरकार ने इस आतंकी हमले के जवाब के रूप में सबसे पहले सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था. इससे पाकिस्तान जल संकट से जूझ रहा है.
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