बाल-बाल बचे संत प्रेमानंद...
संत प्रेमानंद की पदयात्रा के दाैरान गिरने लगा लोहे का ट्रस,भक्तों ने थामा,अनहोनी टली !
वृंदावन में प्रेमानंद महाराज एक बड़े हादसे से बाल-बाल बचे. लोहे का ट्रस गिरने से पहले भक्तों ने उसे पकड़ लिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. लोग इसे राधा रानी की कृपा मान रहे हैं कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.
मथुरा के वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज बुधवार को एक बड़े हादसे से बाल-बाल बच गए। उनकी पदयात्रा के दौरान स्वागत के लिए लगाए गए लोहे के भारी ट्रेस का एक हिस्सा अचानक भीड़ के दबाव में गिरने लगा।संत प्रेमानंद की पदयात्रा के दौरान उनके स्वागत के लिए रास्ते में कई जगहों पर सजावट और स्वागत द्वार बनाए गए थे। इन्हीं में एक जगह पर लोहे से बना एक भारी ट्रेस संत के स्वागत के लिए लगाया गया था। लेकिन, वजन के कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वह संत के बिल्कुल सामने गिरने लगा।
हालांकि, गनीमत यह रही कि वहां मौजूद कुछ लोगों और आयोजकों ने गिरते हुए ट्रेस को सड़क पर गिरने से पहले ही पकड़ लिया। इससे संत प्रेमानंद महाराज और अन्य श्रद्धालुओं को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच पाया।
घटना के बाद मची अफरा-तफरी घटना के बाद कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। लेकिन, आयोजकों और सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया। संत प्रेमानंद महाराज ने भी सभी को शांत को शांत रहने का संदेश दिया। साथ ही अपनी पदयात्रा जारी रखी। प्रेमानंद महाराज के संदेश के बाद लोग शांत हो गए और यात्रा बिना किसी और बाधा के चलती रही।
सुरक्षा पर उठे सवाल इस घटना के बाद से प्रशासन और पदयात्रा आयोजकों पर सवाल उठने लगे हैं। सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही को लेकर श्रद्धालुओं ने चिंता जताई की है। प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।
2 मई को केली कुंज आश्रम ने जारी की थी सूचना 2 मई को केली कुंज आश्रम ने यात्रा बंद किए जाने की सूचना दी। हालांकि, आश्रम की ओर से दी गई जानकारी में यह नहीं बताया गया कि यात्रा कब तक बंद रहेगी। केली कुंज आश्रम ने भक्तों से अपील की है कि प्रेमानंद महाराज ने रात्रिकालीन यात्रा बंद कर रखी है। इसलिए, दर्शन के लिए रास्ते में खड़े ना हों।
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