G News 24 : श्रीमंत माधव राव सिंधिया ‘धरोहर’ हैरिटेज फैस्ट आठवें समरोह का भव्य समापन !

 ‘धरोहर’ हैरिटेज फैस्ट का सिंधिया कन्या विद्यालय बना विजेता 

श्रीमंत माधव राव सिंधिया ‘धरोहर’ हैरिटेज फैस्ट आठवें समरोह का भव्य समापन !

ग्वालियर। श्रीमंत माधव राव सिंधिया ‘धरोहर’ हैरिटेज फैस्ट का भव्य समापन हुआ। विद्यालय प्राचार्या श्रीमती निशी मिश्रा के नेतृत्व में समस्त कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. बी. कल्याण चक्रवर्ती, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, गवर्नमेंट ऑफ़ असम (डिपार्टमेंट ऑफ़ लेबर वेलफेयर, कल्चरल अफेयर्स, स्किल एंड एन्त्रेप्रेन्‍यूर्शिप) उपस्थित थे। 

 इस वर्ष इस उत्सव की थीम " आसाम धरोहर " थी । इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों से लगभग 250 छात्र-छात्राएँ भाग लेने आए। इसमें मेजबान विद्यालय सिंधिया कन्या विद्यालय ग्वालियर सहित 15 विद्यालय क्रमशः— बिरला पब्लिक स्कूल, पिलानी; दिल्ली पब्लिक स्कूल, पठानकोट; एल.के. सिंघानिया एजुकेशन सेंटर, गोटन; माइल्स ब्रॉनसन रेसिडेंशियल स्कूल, गुहाटी; मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल, अजमेर; द आसाम वैली स्कूल, आसाम; राजमाता कृष्णा कुमारी गर्ल्स पब्लिक स्कूल, जोधपुर; स्टेपिंग स्टोन्स हाई स्कूल, औरंगाबाद; सनबीम स्कूल, लहरतारा; सनबीम स्कूल, वरुणा; सनबीम स्कूल, मुगलसराय; विद्या देवी जिंदल स्कूल, हिसार; द संस्कार वैली स्कूल, भोपाल; द सिंधिया स्कूल, ग्वालियर; के.सी. पब्लिक स्कूल, जम्मू उपस्थित थे।

इस धरोहर फैस्ट में 10 प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री उपेन बोरा बोरगयन द्वारा राम की शक्ति और भक्ति पर भोर गीत की प्रस्तुति दी गई, एवं सुश्री उषा रानी बैश्या द्वारा रामायण के विभिन्न चरित्रों को 'हे जय रघुवंदन' असामी नृत्य की भव्य प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात सिंधिया कन्या विद्यालय ग्वालियर की 70 छात्राओं द्वारा सात्रिया एवं बिहू कुम्भ की भव्य प्रस्तुति हुई।विजेता विद्यालय सिंधिया कन्या विद्यालय , ग्वालियर रहा, परंतु मेजबान टीम होने के कारण रनर-अप टीम राजमाता कृष्ण कुमारी गर्ल्स पब्लिक स्कूल जोधपुर को ट्रॉफी प्रदान की गई। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि सबसे पहले मैं आदरणीय ज्योतिरादित्य सिंधिया जी का धन्यवाद करता हूँ साथ ही मैं  विद्यालय प्रधानाचार्या और सभी शिक्षकगणों का भी आभार प्रकट करता हूँ, जिनके सहयोग से यह आयोजन संभव हो पाया। आसाम एक ऐसी भूमि है जो संस्कृति, त्यौहारों और परंपराओं से भरी हुई है। इस विद्यालय में आयोजित महोत्सव ने आसाम को जीवंत कर दिया। हर छात्र के पास तीन चीज़ें होनी चाहिए: नैतिकता , महत्वाकांक्षा , तथा प्रेरणास्रोत। मेरे जीवन का मंत्र रहा है। अगर रास्ता न मिले, तो खुद रास्ता बनाओ। ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने कहा था ,असफलताएँ हमारे लिए सीख हैं। वे हमें अगली बार सफलता दिलाती हैं। अंत में मैं कहना चाहता हूँ कि आप ही देश का भविष्य हैं, और देश को आपकी ज़रूरत है। अपने देश की धरोहर को इसी तरह संभाल कर रखो। 

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