अब तो जाग जाओ ओ हिन्दुओं !
कौन कहता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है भाई,धर्म होता है और हमेशा एक ही होता है !
मुझे इन पर गुस्सा भी आता है और दया भी आती है, क्या अंजाम होगा इनकी इस बेपरवाही और भोलेपन का, सोये हुए हैं सदियों से और जागने का नाम भी नहीं ले रहे हैं !इन कुंभकर्ण के वंशजों को पता ही नहीं है कि जिस पर वो सो रहे हैं उसी चारपाई के नीचे आग लगा दी गई है। और इस आग को लगाने वाले हैं एक धर्म विशेष के समर्थक और सत्ता के भूखे गद्दार लालची हरमखोर नेता उनकी पार्टियों से जुड़े उनके समर्थक !
इन सोये हुए हिन्दुओं को भाईचारे और कथित सेक्युलरिज़म की चारों ओर से लोरियाँ सुनाई जा रही है ताकि वे यूं ही सोते रहें ! ये सोए हुए हिन्दू लोरियाँ तो सुन रहे हैं पर आग की जलन अनुभव नहीं कर रहे हैं। जलन तो छोड़ो इन्हें तो जलने की बू तक नहीं आ रही है। नींद में बेचैनी लगती है तो करवट बदलकर और भी गहरी नींद में जाने की कोशिश करते हैं। पर ये कमबख्त़ जागते ही नहीं हैं और अगर कोई जाग रहा है तो उसे भी कंबल ओढ़ा के सुलाने की कोशिश करते हैं ! बड़े ही बेवकूफ़ लोग हैं जो लोरियों की आवाज़ में उन्हें जगाने की आवाज़ नहीं सुन रहे हैं।
पर बस, अब तो बहुत हुआ अब तो ढ़ोल नगाड़े बजाने ही होंगे और इन सोए हुए कुंभकर्णों को जगाना ही होगा, क्योंकि अगर ये अब भी नहीं जागे तो ये लोग अपने संग जागे हुए हिन्दुओं को भी नुकसान ही पहुंचाएगे ! अब तो जागो और जगाओ बस यही एकमात्र उपाय है ! तो उठो ए कृष्ण के वंशजों और एक बार फिर महाभारत हो जाने दो
इस युद्ध में पांडव बनो, अधर्म से लडो और अपने धर्म के साथ स्वयं को भी बचाओ ! अब भी नहीं जागे तो नींद में ही मारे जाओगे ! अरे ओ सोये हुए हिन्दुओं, अब तो जाग जाओ, अब तो जाग जाओ, अब तो बस जाग ही जाओ !!!
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