मंत्रालय में भोपाल जिले के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक...
भोपाल को 2047 के विजन के साथ विरासत और विकास का मेल मिलेगा : मुख्यमंत्री
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को 2047 के दृष्टिकोण के अनुरूप विकसित किया जाएगा, जिसमें आधुनिकता के साथ इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को भी सहेजा जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मंत्रालय में भोपाल जिले के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल को इस तरह से विकसित किया जाए कि इसमें प्रदेश के विभिन्न अंचलों की झलक दिखे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि शहर की प्लानिंग करते समय उसकी समृद्ध विरासत को भी महत्व दिया जाए। इसी सोच के तहत, भोजपुर मार्ग पर राजा भोज और उज्जैन मार्ग पर सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर भव्य स्वागत द्वार बनाए जाएंगे। इन द्वारों के निर्माण का भूमि पूजन भी जल्द किया जाएगा।
मेट्रोपॉलिटन भोपाल की दिशा में कदम
डॉ. यादव ने राजधानी को मेट्रोपॉलिटन एरिया के रूप में विकसित करने की बात कही। इसके तहत आगरा-मुंबई रोड, विदिशा, रायसेन और सीहोर तक मजबूत यातायात नेटवर्क तैयार करने की योजना है।बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। इससे न केवल ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर हुई है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी गिरावट आई है।
झुग्गी-मुक्त भोपाल और अवैध निर्माण पर सख्ती
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि झुग्गी-मुक्त भोपाल के लिए बनाए जा रहे आवास किराये पर न जाएं। अवैध कॉलोनियों और झुग्गियों के निर्माण पर पूरी तरह नजर रखी जाए। उन्होंने चेताया कि अगर किसी क्षेत्र में ऐसी गतिविधि होती है, तो वहां के राजस्व और नगर निगम अधिकारी सीधे जिम्मेदार माने जाएंगे।
हर सरकारी भवन पर सोलर पैनल की पहल
डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पूरे देश के लिए उदाहरण बनाना है। इसीलिए सभी सरकारी भवनों पर प्राथमिकता से सोलर पैनल लगाए जाएं।
स्मार्ट पुलिसिंग और ट्रैफिक व्यवस्था पर जोर
मुख्यमंत्री ने शहर में असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण और बेहतर पुलिसिंग के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भोपाल में स्मार्ट ट्रैफिक और पुलिस व्यवस्था के जरिए एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया जाए।बैठक में प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, मंत्री विश्वास सारंग, राज्यमंत्री कृष्णा गौर, मुख्य सचिव अनुराग जैन, महापौर मालती राय, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, विष्णु खत्री समेत अनेक अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
0 Comments