G News 24 : दुनिया में अभी भी 78 करोड़ लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं !

100 करोड़ भोजन थाली की रोजाना हो जाती हैं बर्बाद !

दुनिया में अभी भी 78 करोड़ लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं !

दुनिया में कहीं भी चले जाइये, मां के हाथ का स्वाद महंगे से महंगे रेस्ट्रॉन्ट में मोटा पैसा खर्च करके भी नहीं मिल सकता. इसीलिए महिलाओं को अन्नपूर्णा भी कहा जाता है. अन्नपूर्णा यानी भोजन की देवी क्योंकि वो सिर्फ हमारा पेट नहीं भरतीं, बल्कि हमारे स्वाद और सेहत के साथ- साथ रसोई का अर्थशास्त्र भी संभालकर चलती हैं. 

शायद ही आपने कभी अपनी मां को खाना बर्बाद करते देखा होगा, अगर आपकी प्लेट में रोटी बच जाती है या आप लंच में लाई हुई सब्ज़ी लौटाकर ले जाते हैं तो घर जाकर डांट सुनने को मिलती है. धार्मिक मान्यताओं में तो खाना बर्बाद करना उसके अपमान के बराबर है. लेकिन इन सबके इतर हाल ही में खाने की बर्बादी पर यूएन की एक रिपोर्ट आई है, जिसके आंकड़े देखकर हो सकता है निवाला आपके गले में अटक जाए. 

यूएन की रिपोर्ट कहती है कि घरों में बर्बाद कर रहे सबसे ज्यादा भोजन !

आपको लगता होगा कि खाना तो होटेल और रेस्ट्रॉन्ट में बर्बाद होता है. लेकिन यूएन की रिपोर्ट कहती है कि सबसे ज़्यादा खाना हमारे घरों में बर्बाद हो रहा है. 61 प्रतिशत खाने की बर्बादी घरों में, जबकि 23 प्रतिशत खाना फूड सर्विस यानी रेस्ट्रॉन्ट में बर्बाद होता है और 13 प्रतिशत रिटेल चेन यानी सप्लाई के दौरान, स्टोरेज या दुकानों में बर्बाद होता है. 

अब अगर आप अपनी थाली में बचे रोटी के दो टुकड़े और दो चम्मच दाल को बेहद कम समझते हैं तो इन आंकड़ों को याद कर लीजिएगा...क्योंकि वही दो-तीन टुकड़े ही खाने की बर्बादी का सागर भर रहे हैं, जबकि ये खाना किसी भूखे को चैन की नींद दे सकता था. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यूएन की ही दूसरी रिपोर्ट 2023 के मुताबिक भारत में कुपोषण के शिकार लोगों की संख्या 16 दशमलव 6 प्रतिशत है. यानी इतनी आबादी को भर पेट और संतुलित भोजन नहीं मिल पा रहा. जिनमें छोटे कद के बच्चे 31 दशमलव 7 फीसदी हैं, जबकि ज्यादा वजन वाले 2 दशमलव 8 प्रतिशत और देश में 76 प्रतिशत लोगों को सेहतमंद खाना नसीब ही नहीं होता.    

बेहद शर्मनाक हैं बर्बादी के आंकड़े

अपने घरों में ही झांक कर देखिए, कितनी बार ऐसा होता है कि बच्चों की पसंद का खाना न बनने पर वो आपसे खाना ऑनलाइन ऑर्डर करने की ज़िद करते हैं. जहां उनकी ये ज़िद पूरी होती है वहीं आपकी रसोई में बना खाना बर्बाद होता है. ये एक घर की नहीं दुनिया के हर देश और हर घर का हाल है, भोजन की बर्बादी के ये आंकड़े जितना डराने वाले हैं उतने ही शर्मनाक भी. आंकड़ों के मुताबिक 100 करोड़ थाली हर रोज़ बर्बाद, 61 प्रतिशत खाना घरों में बर्बाद और 55 किलो खाना पूरे साल में बर्बाद हो जाता है. खाने की इतनी बर्बादी अपने देश में हो रही है. घर की रसोई जहां आप खाना बर्बाद करने से बचते हैं. वहीं सबसे ज़्यादा खाना बर्बाद होता है. लेकिन एक आम घर में खाना बर्बाद होने की वजहें क्या हैं हमने महिलाओं से ये जानने की कोशिश की.

इन वजहों से होती है भोजन की बर्बादी

बचा हुआ खाना कई दिन तक फ्रिज में रखा रहता है, या फिर किसी को दे दिया जाता है. लेकिन उसकी शेल्फ लाइफ़ खत्म होने के बाद वो खाना डस्टबिन में चला जाता है. सिर्फ यही एक वजह नहीं है. कई घरों में बच्चों की ज़िद खाना बर्बाद करवाती है, ऑनलाइन ऑर्डर करते वक्त अक्सर भूख से ज़्यादा खाना ऑर्डर किया जाता है. 

खाने की वैरायटी से फ्रिज भरा होने के बाद भी बाहर खाने की प्लानिंग हो जाती है और पूरा खाना वेस्ट हो जाता है. अन्नपूर्णा कही जाने वाली हमारे घरों की महिलाएं मानती है कि खाना बर्बाद होने से सिर्फ खाना ही नहीं और भी संसाधन खराब होते हैं.

अगर आप कम खाना खा रहे हैं लेकिन सेहतमंद खाना खा रहे हैं तो आप लंबी और स्वस्थ उम्र गुज़ारेंगे लेकिन डॉक्टर्स का मानना है कि देश में लोग ज़रूरत से ज़्यादा खा रहे हैं जिसकी वजह से वो बीमार पड़ रहे हैं. और आखिर में खाना वेस्ट हो रहा है.

भारत में प्रति व्यक्ति 55 किलो भोजन हो रहा बर्बाद

यूएन की नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर साल भारत में एक व्यक्ति औसतन 55 किलो खाना बर्बाद कर देता है. जबकि बांग्लादेश में 82 किलो, अफगानिस्तान में 127 किलो और पाकिस्तान में ये आंकड़ा 130 किलो है. दुनिया में हर इंसान औसतन 79 किलो खाना बर्बाद कर देता है. दुनिया में जितना खाना बर्बाद हो रहा है, वो कुल खेती का 30 प्रतिशत है. यानी किसानों की 30 प्रतिशत मेहनत हर साल बेकार हो जाती है.दुनिया के अमीर देश हों या ग़रीब, खाने की बर्बादी में सब तरफ एक ही हाल है. लेकिन भोजन से भरी थालियों की बर्बादी के ये आंकड़े शर्मनाक हैं. एक तरफ लोग ज़रूरत से ज्यादा खा रहे हैं और बर्बाद कर रहे हैं तो दूसरी तरफ करोड़ों लोगों को दो वक्त की रोटी तक नहीं मिल रही.

दुनिया में 78 करोड़ लोग बिना खाए सो रहे

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की नई रिपोर्ट ‘फूड वेस्ट इंडेक्स 2024’ के मुताबिक, 2022 में 73 करोड़ लोग बिना खाए सो रहे थे . 2023 में ये आंकड़ा बढ़कर 78 करोड़ हो गया है. वहीं 2022 में भारत में प्रति व्यक्ति 50 किलो खाना बर्बाद हो रहा था लेकिन 2023 में ये आंकड़ा 55 किलो प्रति व्यक्ति पहुंच गया.

हर गुज़रते साल भूखे लोगों की संख्या भी बढ़ रही है और खाने की बर्बादी भी. भारत में 19 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें रोज तीन वक्त का भरपेट खाना नहीं मिलता. जबकि 14 करोड़ लोग रात में भूखे पेट सो रहे हैं. ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 125 देशों में भारत 111वें स्थान पर है. सुपरमार्केट के दौर में जब शेल्फ एक ही चीज़ के तमाम विकल्पों से भरी हुईं हैं और लुभाने वाले ऑफ़र दिए जाते हैं, कुछ चीज़ों का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी हो जाता है.

खाने को बर्बाद होने से कैसे बचाएं !

  1. - ज़रूरत से ज़्यादा सामान खरीदने से बचें, कई बार हम एक के साथ एक फ्री जैसे ऑफर्स में फंसकर ज़रूरत से ज़्यादा चीज़ें खरीद लेते हैं.
  2. - बाज़ार से सामान लाने से पहले लिस्ट तैयार करें, ताकि आप थैले में गैर ज़रूरी और ज़रूरत से ज़्यादा सामान न भरकर लाएं
  3. - एक्सपायरी डेट का ध्यान रखें, पैकेट पर दी गई तारीख से पहले ही उस सामान का इस्तेमाल कर लें 
  4. - थाली में उतना ही भोजन लें, जितना आप खा सकते हैं, बुफे में प्लेट को ज़्यादा भरने से बेहतर है आप भूख के हिसाब से दोबारा ले लें.
  5. - रसोई को मैनेज करें, उतना ही पकाएं जितना खाया जा सके, ताकि फ्रिज में बचा हुआ खाना जमा न करना पड़े.
  6. - भूख से थोड़ा कम खाना खाया जाए तो सेहत भी अच्छी रहेगी और खाना बर्बाद भी नहीं होगा.

अगली बार प्लेट में खाना लेने से पहले ये बात जरूर सोचिएगा

अगली बार जब आप दफ्तर से खाना बचाकर लाएं. या उसे रास्ते में डिज़्पोज़ करें या अपनी सजी हुई थाली में झूठा खाना छोड़ दें तो ये ज़रूर सोचिएगा कि जिस वक्त आप खाना बर्बाद कर रहे हैं उस वक्त देश में करोड़ों लोग भूखे सो रहे हैं.


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