G News 24 : स्कूल में 12 वीं 85 छात्र-छात्राएं है लेकिन इनमें से एक भी विद्यार्थी नहीं हो पाया पास !

 12वीं के 85 छात्र-छात्राओं वाला एक ऐसा सरकारी स्कूल... 

स्कूल में 12 वीं  85 छात्र-छात्राएं है लेकिन इनमें से एक भी विद्यार्थी नहीं हो पाया पास !

बडवानी। सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति तो बना ली गई, लेकिन इसके दायरे में शासकीय शिक्षकों और सरकारी विद्यालयों के लिए कड़े नियम बनाना शायद भुला दिया गया। इसके चलते ही आज के दौर में जहां प्राइवेट स्कूलों में 100% रिजल्ट देने की होड़ लगी रहती है, और पढ़ाई के लिए बच्चों पर अनावश्यक दबाव बनाने की बात अक्सर सामने आती रहती है, तो वहीं मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के खेतिया में एक ऐसा सरकारी स्कूल भी है जहां माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 12वीं के 85 बच्चों ने परीक्षा तो दी, लेकिन इनमें से कोई भी पास नहीं हो पाया। हालांकि स्कूल के प्रभारी प्राचार्य इसको लेकर मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी की बात कह रहे हैं।

यूं तो सरकारी विद्यालय के शिक्षकों पर अक्सर पढ़ाई नहीं कराने के आरोप समय-समय पर लगते रहते हैं, लेकिन बड़वानी जिले के खेतिया ब्लॉक के समीप स्थित ग्राम मल्फा का एक शासकीय विद्यालय ऐसा है जहां कक्षा 12वीं के कुल 89 में से 85 विद्यार्थियों ने पास ही के ग्राम टेमला स्थित परीक्षा केंद्र पर जाकर परीक्षा तो दी, लेकिन इनमें से कक्षा 12वीं में कोई भी विद्यार्थी यहां से उत्तीर्ण ही नहीं हो सका। अब इसके चलते यहां इन सभी विद्यार्थियों के पालक और ग्रामीण आक्रोशित हैं व अनियमितता की शिकायत करते हुए सम्पूर्ण स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि स्कूल के प्रभारी प्राचार्य इसको लेकर मूल्यांकन में हुई गड़बड़ी की बात कह रहे हैं। बता दें कि यहां उच्चतर विद्यालय का नया भवन भी बनकर भी तैयार है। वहीं यहां पहुंचे आक्रोशित पालकों का कहना है कि विद्यालय में पढ़ाई होती ही नहीं है। यहां पालकों ने स्कूल के शिक्षकों सहित प्रिंसिपल पर कई तरह की गंभीर आरोप लगाते हुए पढ़ाई नहीं करवाने की और पढ़ाई को लेकर जिम्मेदार नहीं होने की बात भी कही है।

प्रभारी प्राचार्य बोले, मूल्यांकन की गलती दिख रही है

स्कूल के प्रभारी प्राचार्य ने जीरो रिजल्ट की बात को मानते हुए कहा कि हम इस बात की समीक्षा कर रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। हालांकि उन्होंने कहा कि अभी उन्हें ऐसा कोई त्वरित कारण नहीं दिख रहा है, जिसके चलते रिजल्ट जीरो आया है। वहीं उन्होंने कहा कि वे खुद एक-एक बच्चे से वन टू वन मिल रहे हैं और उससे इसको लेकर बात कर रहे हैं, और उन्हें लग रहा है कि यह मूल्यांकन की गलती है। क्योंकि इनमें से कई बच्चे पहले 75% से अधिक अंक ला चुके हैं, और अब उनका रिजल्ट जीरो आया है, जो कि उन्हें भी समझ नहीं आ रहा है कि ऐसी स्थिति क्यों बनी है।

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