G.NEWS 24 : नेता बोलते हैं कि,हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई सफर करेगा,लेकिन वास्तविकता सभी जानते हैं !

हवाई अड्डे के उद्घाटन में झूट बोल कर लाई गई सैकड़ों हवाई चप्पल वाली सैकड़ो महिलाएं...

नेता बोलते हैं कि,हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई  सफर करेगा,लेकिन वास्तविकता सभी जानते हैं !

देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा रविवार को 15 हवाई अड्डों का उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से वर्चुअल उद्घाटन किया गया। देश के विभिन्न हिस्सों में उद्घाटन के अवसर पर इन हवाई अड्डों के उद्घाटन स्थल पर लाई गई भीड़ में अधिकतर ग्रामीण पिछड़ी बस्तियों के लोग देखने को मिले। ऐसा ही एक नजारा ग्वालियर के हवाई अड्डे के उद्घाटन अवसर पर देखने को मिला यहां ज्यादातर भीड़ महिलाओं की थी। क्षेत्रीय नेताओं द्वारा पिछड़ीं दलित बस्तियों से पार्टी से जुड़े कार्यकर्ताओं छुटभैया नेताओं के द्वारा  इन महिलाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं आदि के माध्यम से भीड़ बढ़ने के लिए स्कूली बसों में भर भर के लाया गया था। 

इन हवाई अड्डों के उद्घाटन अवसर पर कायदे से तो उन लोगों को उद्घाटन स्थलों पर पहुंचना चाहिए था, जो हवाई सेवाओं का लाभ लेते हैं, हवाई जहाज में सफर करते हैं, लेकिन इस अभिजात्य वर्ग की संख्या को देखा जाए तो तो यह संख्या उन लोगों के मुकाबले बेहद ही कम दिखाई दी, जो लोग इस आयोजन में शामिल होने पहुंचे थे। और जो लोग इस उद्घाटन समारोह में शामिल हुए उनमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के महिला पुरुष मजदूर वर्ग के लोग ज्यादा दिखाई दिए। 

अब सोचने वाली बात ये है की पैरों में हवाई चप्पल पहनने वाली ये महिलाएं यह पुरुष आखिर हवाई अड्डे के उद्घाटन समारोह में क्यों लाए गए थे ? क्या इन्हें सिर्फ हवाई पट्टी दिखाने के लिए लाया गया था ? क्योंकि हवाई अड्डे की बिल्डिंग के अंदर तो इन्हें आज भी नहीं जाने दिया गया। आज भी इन्हें कार्यक्रम स्थल से ही वापस रवाना कर दिया गया, तो फिर इस दिन के बाद तो इन्हें हवाई अड्डा कैंपस के भीतर पैर भी नहीं रखने दिया जाएगा। क्या कभी ये हवाई जहाज का सफर कर सकेंगे ? 

वैसे कहने और सुनने में बड़ा अच्छा लगता है कि अब हवाई जहाज से हवाई चप्पल पहनने वाला भी सफर कर सकेगा लेकिन वास्तविकता सभी जानते हैं। कि जिसके पास अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार नहीं है, पैसा नहीं है,तो ऐसे में वह हवाई सफर कैसे करेगा ? इनका कहना है कि हवाई सफर के बारे में तो ये सोच भी नहीं सकते हैं।

इस भीड़ का हिस्सा बनने के लिए यह लोग अपनी किसी न किसी मजबूरी के चलते यहां आने पर विवस हुए, जब इनसे कार्यक्रम में आने का कारण पूछा गया तो इन्होंने बताया कि कि इन्हें बताया गया था कि यहां पर मुख्यमंत्री जी उनके खातों में पैसा डालेंगे। उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ देंगे। ये अनपढ़ और सीधे-साधे, भोले-भाले लोग उन छुटभैया नेताओं की बातों में आकर के इस भीड़ का हिस्सा बन गए जो अपने नेता के लिए किसी भी तरीके से भीड़ बढ़ाने का काम करते हैं। लेकिन जब इन्हें यहां आकर के वास्तविकता पता चली तो ये महिलाएं और पुरुष इन नेताओं को गरियाते हुए देखे गए।

इस सबके बावजूद आयोजन स्थल पर मुख्य डम के अतिरिक्त अगल-बगल बनाए गए दोनों दो अन्य डोम एवं इन डोमस के बाहर लगी ज्यादातर कुर्सियां खाली ही दिखाई दी।

- दिव्या  सिंह

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