शिक्षा विभाग के कारनामे चलते प्रमोशन में फंसा पेंच...
100 से अधिक शिक्षकों के नाम के आगे से हटाया हिंदी साहित्य विषय
प्रतीकात्मक तस्वीर
राजगढ़। संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण भोपाल संभाग द्वारा सहायक शिक्षकों का प्रमोशन करने के पहले जो अंतरिम पदक्रम सूची जारी की गई है उसमें राजगढ़ जिले के करीब सौ से अधिक सहायक शिक्षकों के नाम के आगे से हिंदी साहित्य विषय ही हटा दिया गया। जिसके चलते अब विषय विशेषज्ञ होने के बावजूद यह 100 से अधिक सहायक शिक्षक भी कला संकाय में सामान्य शिक्षकों के रूप में शो हो रहे हैं। इसको लेकर शिक्षकों में खासी नाराज़गी है।
आगामी दिनाें में होगा प्रमोशन
आने वाले समय में शिक्षा विभाग द्वारा सहायक शिक्षकों को पदोन्नत करते हुए शिक्षक बनाया जाना है। इसके लिए पिछले लंबे समय से तैयारियां की जा रही थी। इसी बीच प्रमोशन के ठीक पहले 8 जून को एक पदक्रम सूची जारी की थी। इसमें बकायदा सभी शिक्षकों के नाम के आगे हिंदी साहित्य विषय दर्ज किया गया था, लेकिन 6 जुलाई को फिर से अंतरिम पदक्रम सूची जारी की गई। इसमें संबंधित शिक्षक-शिक्षकाओं के नामों के आगे से विषय ही हटा दिया गया।
नाराज़ हैं शिक्षक
जून माह की सूची में संबंधित हिंदी साहित्य के शिक्षकों के नाम के आगे अंग्रेजी में लिखा था कि विथ हिंदी और जुलाई में जो सूची जारी की गई उसमें लिखा गया है कि विथाउट लैंगवेज। जिसके चलते 100 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं विषय-विशेषज्ञ होने के बावजद बिना किसी विषय के नजर आ रहे हैं। इसको लेकर अब संबंधित शिक्षक न केवल नाराज है, बल्कि विभागीय अधिकारियों से संपर्क करने के भी प्रयास में हैं, लेकिन बावजूद इसके अभी तक उनकी समस्या का न तो निकाल हो सका और न ही संतोषजनक जवाब किसी भी स्तर से उन्हें मिल सका है। हालांकि मामला सामने आने के बाद विभाग ने दावे-आपत्ति लेने शुरू कर दिए हैं।
सूची में पहले कराने थे संबंधितों के हस्ताक्षर, वह भी नहीं कराए
जो सूची बनना थी उसमें सूची तय होने के बाद पहले संबंधित शिक्षक-शिक्षिकाओं के हस्ताक्षर भी कराए जाना थे। यह हस्ताक्षर संकुल या डीईओ स्तर पर होना थे, लेकिन राजगढ़ जिले में सूची बनकर तैयार हो गई और किसी के हस्ताक्षर भी नहीं कराए गए। यही कारण रहा कि जिनके विषय संबंधित या अन्य कोई विसंगतियां हुई है उसका पता ही नहीं लगा। उसकी भनक संबंधित शिक्षकों को तब लगी जब अंतरिम पदक्रम सूची फाइनल सूची के पहले जारी की गई। ऐसे में माना जा रहा है कि अब प्रमोशन लिस्ट इसी हिसाब से जारी होगी। जिसका नुकसान हिंदी साहित्य के शिक्षकों को हो सकता है।
विषय हटाने से प्रमोशन में आएगी बाधा
जो शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं उनका कहना है कि नाम के आगे से विषय हटाने के चलते हम कला संकाय के सामान्य शिक्षकों की श्रेणी में आएंगे। ऐसे में जब भी प्रमोशन की बारी आएगी तो हमारा नंबर आना मुश्किल रहेगा। क्योंकि सबसे पहले विषय विशेषज्ञों के प्रमोशन होते हैं। उनकी संख्या कम होती है और विषय विशेषज्ञों की जरूरत रहती है, इसलिए उनके प्रमोशन की संभावना जल्द रहती है, लेकिन अब हमारे नामों के आगे से विषय हटाने के चलते हमें सामान्य श्रेणी में डाल दिया गया है। जिसका नुकसान समय-समय पर उठाना पड़ सकता है।
इनके नाम के आगे से हटाया गया विषय
केस- 01
कन्या हायर सेकंडरी स्कूल ब्यावरा में पदस्थ सहायक शिक्षक राजेश कुमार मिश्रा हिंदी साहित्य के शिक्षक हैं। जून में जो सूची जारी हुई थी उसमें उनका नाम 1382 वे नंबर पर था। उनके नाम के आगे विषय के कालम में लिखा था कि विथ हिंदी, लेकिन जुलाई में जो अंतरिम पदक्रम सूची जारी हुई उसमें भी उनका नाम तो 1382 नंबर पर ही था पर विथ हिंदी के स्थान पर लिखा है विथाउट लैंगवेज। इनके नाम के आगे से विषय हटा दिया गया।
केस- 02
कन्या हायर सेकंडरी स्कूल ब्यावरा में पदस्थ सहायक शिक्षक प्रभा सक्सेना भी हिंदी साहित्य की शिक्षिका हैं। जून में जो सूची जारी हुई थी उसमें उनका नाम 1986 नंबर पर दर्ज था। उनके नाम के आगे विषय के कालम में लिखा था विथ हिंदी, लेकिन जुलाई में जो पदक्रम सूची जारी कि उसमें उनका नाम 1979 पर दर्ज है। नाम के आगे विथ हिंदी के स्थान पर लिखा है विथाउट लैंगवेज।
केस- 03
प्राथमिक शाला भाटखेड़ा में पदस्थ सहायक शिक्षक कमल किशोर शर्मा भी हिंदी साहित्य के शिक्षक हैं। जून में जो सूची जारी हुई थी उसमें उनका नाम 298 नंबर पर दर्ज था। उनके नाम के आगे विषय के कालम में लिखा था विथ हिंदी, लेकिन जुलाई में जो पदक्रम सूची जारी कि उसमें उनका नाम 297 पर दर्ज है। नाम के आगे विथ हिंदी के स्थान पर लिखा है विथाउट लैंगवेज।
केस- 04
धनोरा स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक शिवनारायण यादव भी हिंदी साहित्य के शिक्षक हैं। जून में जो सूची जारी हुई थी उसमें उनका नाम 243 नपंबर पर दर्ज थी। उनके नाम के आगे विषय के कालम में लिखा था विथ हिंदी, लेकिन जुलाई में जो पदक्रम सूची जारी कि उसमें उनका नाम 240 पर दर्ज है। नाम के आगे विथ हिंदी के स्थान पर लिखा है विथाउट लैंगवेज।
इनका कहना है
इस मामले की जानकारी सामने आने व शिकायत मिलने के बाद हमने दावे आपत्ति लेना शुरू कर दिए हैं। संबंधित शिक्षक सूची पर दावे-आपत्ति हमारे यहां कर सकते हैं। -केएस भिलाला, जिला शिक्षाधिकारी, राजगढ़
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