अखिल भारतीय भवभूति समारोह का हुआ समापन...
प्राचीन संस्कृति की धरोहर संस्कृत भाषा के विद्वानों से ही भारतीय समाज अनुप्राणित है : डाॅ. शोभा सिकरवार
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर,कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन और महाकवि भवभूति शोध एवं शिक्षा समिति ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय अखिल भारतीय भवभूति समारोह का समापन नगर निगम ग्वालियर द्वारा संस्कृत के विद्वानों को शाॅल एवं श्रीफल प्रदान कर किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में ग्वालियर की महापौर डाॅ.शोभा सिकरवार,विशिष्ट अतिथि के रूप में कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन के डाॅ.संतोष पण्ड्या एवं अध्यक्षता जेयू के कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी ने की।इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित महापौर डाॅ. शोभा सिकरवार ने कहा कि गालव ऋषि की इस पवित्र तपोभूमि पर देश भर से पधारे संस्कृत विद्वानों का सम्मान कर नगर निगम गौरवान्वित है। प्राचीन संस्कृति की धरोहर संस्कृत भाषा के विद्वानों से ही भारतीय समाज अनुप्राणित है।
अध्यक्षता कर रहे जेयू के कुलपति प्रो.अविनाश तिवारी ने कहा कि महाकवि भवभूति के साहित्य की सेवा में निरन्तर लगे संस्कृत विद्वानों का आतिथ्य कर जीवाजी विश्वविद्यालय स्वंय को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। भवभूति समारोह और भवभूति साहित्य के लिए जीवाजी विश्वविद्यालय हर प्रकार के सहयोग के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।इस अवसर पर शोध संगोष्ठी के द्वितीय सत्र में 10 से अधिक शोध पत्रों का वाचन किया गया एवं संस्कृत कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया।कार्यक्रम का संचालन डॉ.विकास शुक्ला और आभार व्यक्त अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.एस.के.द्विवेदी ने किया।
कार्यक्रम के अन्त में महापौर डाॅ.शोभा सिकरवार द्वारा शाॅल एवं श्रीफल प्रदान कर प्रो.मनुलता शर्मा,डाॅ.विजय कुमार पाण्डेय,डाॅ.लक्ष्मी नारायण पाण्डेय,डाॅ.रामलखन पाण्डेय,डाॅ. कौशल तिवारी,डाॅ.ओमप्रकाश दुबे,डाॅ. वनमाली विश्वास,डाॅ.बाबूलाल मीणा, डाॅ.आशा शर्मा,डाॅ.बालकृष्ण शर्मा, डाॅ.कृष्णा जैन,डाॅ.मनीष खैमरिया,डाॅ. आशा सिंह रावत,डाॅ.नीरज शर्मा,डाॅ. हिमांशु द्विवेदी को सम्मानित किया गया।
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