G.News 24 : एक्स IAS का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ प्रचार !

 लंबे समय तक विवादों में रहीं...

एक्स  IAS का मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह के खिलाफ प्रचार !


भोपाल | बीजेपी और शिवराज सरकार पर तीखे वार करने वाली कर्णावत अब चुनाव में बुंदेली लोकगीत के माध्यम से शिवराज पर हमला बोल रही है और ‘मामा’ को बाहर निकालने की अपील जनता से कर रही हैं। ये आईएएस है मध्य प्रदेश में लंबे समय तक विवादों में रहीं बर्खास्त शशि कर्णावत l इन्होने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है|

आईएएस रहीं डॉ. कर्णावत को पहले भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया गया था, और उसके बाद न्यायालय का फैसला आने पर राज्य सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया| बर्खास्तगी से पहले कर्णावत ने निलंबन वापस लेने के लिए बहुत हाथ पैर मारे, लेकिन शिवराज सरकार में उनकी सुनवाई नहीं हुई, आखिरकार उन्हें बर्खाश्त कर दिया| जिसके बाद से ही शशि कर्णावत ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए छह माह पहले कांग्रेस ज्वाइन कर ली| अब विधानसभा चुनाव में कर्णावत ने शिवराज को बाहर करने की मुहीम छेड़ दी है|  शशि मंच पर लोकभाषा में गीत गाती हैं और लोगों को यह समझा रही हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज कंस वाले मामा हैं। 

महिलाओं के सम्मान की बात करने वाले सीएम शिवराज पर इस पूर्व महिला अधिकारी के आरोप हैं कि  इस व्यक्ति ने मेरे सिर पर हाथ रख कर कहा था कि बहन मैं तुम्हारे साथ अन्याय नहीं होने दूंगा। लेकिन उसी ने मुझे जबरन सेवानिवृत्त करवाया। घर से मेरा सामान बाहर फिंकवाया। आज तक मुझे कोई भुगतान नहीं मिलने दिया। जब मेरे साथ यह किया जा सकता है तो आम गरीब जनता के साथ क्या नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 सालों से मामा का राज चल रहा है, वास्तव में कंस मामा ने यह दूसरा अवतार धर लिया है जिसने किसानों की छाती पर गोली चलवाई, आधे कपडे उतरवाकर किसानों की पिटाई करवाई| कर्णावत बुंदेली में गीत गा गाकर कहती हैं ‘मामा बेईमान, माँ बेईमान रोजई किसानन को मार रये’ अवैध उत्खनन पर उन्होंने हमला बोलते हुए बुंदेली में गाते हुए कहा ‘मामा के डम्पर ढो रहे रेता, खुदी नदियां बिलख रई रेवा मात हो, मामा के डम्पर हो’ |  शशि कर्णावत ने शिवराज के खिलाफ हर मुद्दे पर लोकगीत लिखा है, जिसे वह मंच से खुद गा कर सुनाती हैं। 

एमपी कैडर 1999 बैच की आईएएस अफसर शशि कर्णावत को प्रिंटिंग घोटाले में दोषी पाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। 1999-2000 में मंडला जिला पंचायत सीईओ रहते हुए 33 लाख के प्रिंटिंग घोटाले के आरोप में ईआेडब्ल्यू ने कर्णावत के खिलाफ केस दर्ज किया था। स्पेशल कोर्ट ने कर्णावत को 5 साल की सजा सुनाई थी। सितंबर 2013 में वहीं के स्पेशल कोर्ट ने कर्णावत को 5 साल जेल और 50 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके अगले माह ही उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। तब से निलंबन आदेश बढ़ाया जा रहा था। इसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें बर्खास्त करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। प्रस्ताव पर संघ लोक सेवा आयोग की सहमति के बाद कर्णावत से दाेबारा जवाब मांगा गया, लेकिन वे सरकार के सवालों के पूर्ण उत्तर और तर्क प्रस्तुत नहीं कर पाईं। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग के सहमति व्यक्त करने पर कर्णावत के बर्खास्तगी आदेश जारी कर दिए गए।

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