सिखों के पहले धर्मगुरु गुरु नानक देव की 553वीं जयंती के मौके पर...
विभाजन के शिकार हिन्दू-सिख को हमने CAA लाकर नागरिकता देने का प्रयास किया:मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि विभाजन में हमारे पंजाब के लोगों ने, देश के लोगों ने जो बलिदान दिया, उसकी स्मृति में देश ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की शुरुआत भी की है. विभाजन के शिकार सिख हिंदू परिवारों के लिए हमने सीएए कानून लाकर उन्हें नागरिकता देने का प्रयास किया है. प्रकाश पर्व का जो बोध सिख परंपरा का रहा है, जो महत्व रहा है आज देश भी उसी तन्मयता से कर्तव्य और सेवा परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे लगातार इन अलौकिक आयोजनों का हिस्सा बनने का, सेवा में सहभागी होने का अवसर मिलता रहा है. आजादी के इस अमृतकाल में देश, समता, समरसता, सामाजिक न्याय और एकता के लिए 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' के मंत्र पर चल रहा है. जो मार्गदर्शन देश को गुरुवाणी से मिला था, वो आज हमारे लिए परंपरा भी है, आस्था भी है और विकसित भारत का विजन भी है.
गुरु नानक जयंती के बारे में
1469 में कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को सिखों के 10 गुरुओं में पहले गुरु, गुरु नानक देव का 15 अप्रैल 1469 को रावी नदी के तट पर बसे तलवंडी गांव में जन्म हुआ था. गुरु नानक जी के पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता देवी थी. वे सिख धर्म के संस्थापक थे. इसलिए हर साल इस दिन को गुरु पूरब या प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है. गुरु नानक देव के जन्म को दुनिया भर में गुरु पर्व के रुप में मनाया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी अक्सर सिख गुरुओं से संबंधित कार्यक्रमों में शामिल होते हैं और गुरुद्वारों में मत्था टेकने भी जाते हैं.
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