आउटसोर्स मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी : महापाैर

 तीन बार बैठक स्थगित हुई...

आउटसोर्स मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी : महापाैर 


फाइल फोटो 

ग्वालियर l पुलिस सुरक्षा न हाेने के कारण आप और हिंदू सेना के लोग परिषद भवन के अंदर प्रवेश कर गए। जल विहार स्थित नगर निगम परिषद में शुक्रवार को सभापति मनोज तोमर काे तीन बार परिषद को स्थगित करना पड़ा। पुलिस की व्यवस्था नहीं होने पर पार्षद नाराज हुए। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि आंदोलन करने वाले परिषद भवन में दाखिल हो गए। पार्षद रवि तोमर ने कहा- अध्यक्ष जी आप लोगों से नहीं हो रहा, तो हमें स्वीकृति दें। हम लोग देख लेंगे। विधायक प्रतिनिधि कृष्णराव दीक्षित के समझाने पर आप पार्टी के लोग भवन से बाहर हुए। परिषद की बैठक खत्म होने के बाद पुलिस फोर्स और पुलिस जल विहार में आई।

इधर आउटसोर्स सफाई कर्मचारियों के वेतन देने को लेकर सभी पार्षद एकजुट नजर आए। लेकिन मेयर डॉ. शोभा सिकरवार ने कहा कि आउटसोर्स मामले की जांच चल रही है। दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा। जल विहार स्थित नगर निगम परिषद के भवन में बैठक तीन बजे चालू हुई। कोरम के अभाव में बैठक को पांच मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

आउटसोर्स सफाई श्रमिकों के वेतन भुगतान एवं शेष वित्तीय वर्ष के व्यय की स्वीकृति के प्रस्ताव पर सभापति ने कहा कि बीट के आधार पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए। अभी तक का कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया जाए।चंबल नदी से मोतीझील तक पानी लाने के एमआईसी के प्रतिवेदन को सर्वसम्मति से पास किया गया । संपत्तिकर में छह प्रतिशत छूट काे 15 जनवरी 2023 तक किया गया । स्थायी कर्मचारियों को 2000 रुपए प्रतिमाह और पेंशन भोगियों को चिकित्सा भत्ता 1000 रुपए प्रतिमाह देने का प्रस्ताव पारित किया गया । केदारपुर लैंडफिल साइट पर जमा 6.5 लाख टन कचरे के वैज्ञानिक तरीके से निपटान करने के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई ।

  • अवधेश कौरव: कर्मचारियों का भुगतान कर दिया जाए।
  • मनोज राजपूत: आसंदी और आयुक्त की तरफ बोलते हुए कहा कि आपके यहां पर कर्मचारी लगे हैं।
  • मोहित जाट: अतिरिक्त कर्मचारियों का घपला है। इसकी भी जांच कराई जाए।
  • संध्या कुशवाह: इन कर्मचारियों को स्थायी कर दो। घपले रुक जाएंगे।
  • सोनू त्रिपाठी: जो कर्मचारी बताए जा रहे हैं। वे मैदान में कितने हैं, लेकिन वेतन तो उन्हें दिया जाए।
  • जितेंद्र मुदगल: संपत्तिकर में छूट की तारीख बढ़ाने पर बोले नफा-नुकसान योग्य साथी बता दें।
  • नागेंद्र राणा: स्वीकृति से ज्यादा 1210 सफाई संरक्षक कैसे हो गए। जांच में सभी एजेंसियों को लें। सीबीआई जांच भी कराएं।
  • अनिल सांखला: कर्मचारियों का भुगतान कराया जाए। आउटसोर्स घोटाले में परिषद की एक समिति भी बनाई जाए।
  • आयुक्त की बात: बहुत सी चीजें अफवाह पर चलती है। यदि पार्षद या अन्य लोग साक्ष्य लाकर देंगे तो एक्शन लेने में दिक्कत नहीं आएगी। अभी 95 आउटसोर्स कर्मचारियों को हटा चुका हूं। स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान 180 कर्मचारियों को बढ़ाया गया था।
  • पार्षद गिर्राज कंषाना ने 8-8 करोड़ की मास्टर फाइल को लेकर शुरू में ही जवाब मांगा। इसे लेकर आयुक्त किशोर कन्याल ने कहा कि यदि सभी पार्षद एक करोड़ रोज निगम की इनकम करा दें, तो मौलिक निधि 45 से बढ़ाकर एक-एक करोड़ कर दूंगा। इसका पार्षदों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया। उन्होंने बताया कि मास्टर फाइल में 5-5 करोड़ रुपए की राशि हर विधानसभा स्तर पर कार्य के लिए दी गई है।
  • पार्षद मनोज राजपूत को सभापति तोमर बैठने की बार-बार कह रहे थे। वे नहीं माने तो सभापति ने 15 दिन परिषद से बाहर करने की बात कही।
  • पार्षद पीपी शर्मा और अपर्णा पाटिल से सभापति ने सदन की गरिमा बनाए रखते हुए बैठने को कहा। उनको बोलने की अनुमति नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने दिलाई। उन्होंने जनमित्र केंद्रों पर गड़बडिय़ों का मामला उठाया।

गार्बेज शुल्क माफ करने की मांग लेकर आप पार्टी ने शुक्रवार को निगम परिषद का घेराव किया। इस दौरान परिषद भवन में प्रवेश को लेकर सुरक्षा गार्डों से आप नेताओं की झूमाझटकी हुई। जिसके बाद महापौर व सभापति को आप नेताओं ने ज्ञापन देकर 7 दिन का अल्टीमेटम दिया। इधर हिंदू सेना ने गायों की दुर्दशा पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।


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