रजिस्ट्रार फर्म्स व संस्थाएँ में है सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार !

 सबसे बदनाम और भ्रष्टाचार वाला विभाग…

रजिस्ट्रार  फर्म्स  व संस्थाएँ में है सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार !

ग्वालियर। ग्वालियर चंबल-संभाग का सबसे बदनाम और भ्रष्टाचार वाला विभाग मोतीमहल स्थित रजिस्ट्रार,  फर्म्स  एवं संस्थाएं साबित हो रहा है। इस विभाग में बिना कुछ दिए कोई भी काम नहीं होता है। सामाजिक संस्था, एनजीओ और पंजीयन से संबंधित जितने भी काम यहां पर होते हैं वह बिना अधिकारियों को रिश्वत दिए बिना पूरे नहीं होते हैं। इस विभाग की स्थिति इतनी ज्यादा बिगड़ चुकी है कि छोटे से छोटा कर्मचारी भी अपने आपको उच्च स्तर का अधिकारी समझता है। वहीं भोपाल बैठे सब रजिस्ट्रार भी यहां हफ्ते में एक-दो दिन आकर हिसाब -किताब कर चले जाते हैं। छोटे कर्मचारी से लेकर ऑनलाइन फॉर्म जमा करने वाले किओस्क सेंटर और अधिकारियों का ऐसा गठजोड़ अन्य किसी विभाग में देखने को तक नहीं मिलता है।

स्थिति इतनी गड़बड़ है कि किसी को अगर आरटीआई यानी सूचना के अधिकार के तहत कोई इंफॉर्मेशन लेना हो तो वह भी देने में अधिकारी कलई खुलने के डर से नहीं देते हैं। इतना ही नहीं सांसद का लेटर भी अनदेखा कर देते हैं। दरसअल शहर के वरिष्ठ डॉक्टर एसपी बत्रा दानाओली में अपना क्लीनिक संचालित करते हैं। श्री बत्रा ने देवीबाई शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति नामक संस्था के संबंध में असिस्टेंट रजिस्ट्रार फम्र्स एवं संस्थाएं ग्वालियर चंबल संभाग को 28 मार्च 2022 को एक आवेदन दिया था। इस आवेदन में स्पष्ट रूप से उल्लेख था कि यहां वित्तीय गड़बड़ी और घोटाले की जांच की जाए ताकि संस्थान का पैसा सही उद्देश के लिए खर्च हो सके। इसको लेकर श्री बत्रा ने कई बार सूचना के अधिकार के तहत इंफॉर्मेशन भी निकालने का प्रयास किया लेकिन उन्हें अब तक किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं मिल सकी है।

कई बार विभाग के चक्कर काटकार और अधिकारियों के पास जाकर भी उन्हें भ्रष्टाचार की जांच के लिए किसी भी प्रकार की सहायता संबंधित विभाग से नहीं मिली तो उन्होंने परेशान होकर कार्यालय आरएफएस रजिस्ट्रार प्रथम तल, विंध्याचल भवन भोपाल में इस मामले को लेकर पत्र लिखा जिसमें बताया गया कि उक्त संस्था के पदाधिकारियों द्वारा अपने निजी फायदे के लिए संस्था कोष का गबन लंबे समय से किया जा रहा है। इसकी शिकायतें एक वर्ष से मैं कर रहा हूं। कई बार ग्वालियर स्थित असिस्टेंट रजिस्ट्रार कार्यालय को कार्यवाही करने के लिए पत्र व्यवहार किया गया लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण उक्त संस्था के पदाधिकारियों पर अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही इंगित नहीं की गई है।

जब दबाव पड़ा तो अधिकारियों ने डॉ बत्रा को विभाग के चक्कर लगवाना शुरू कर दिए लेकिन यहां से भी उन्हें किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली। अंत में परेशान होकर श्री बत्रा ने यह पूरी जानकारी ग्वालियर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर को दी। सांसद ने 18 जून 2022 को उक्त संस्था की जांच कराने के लिए असिस्टेंट रजिस्ट्रार ग्वालियर संभाग को भी एक पत्र लिखा और उसमें आवश्यक कार्रवाई के लिए आग्रह किया। इसके बावजूद भी संस्था के अधिकारियों ने इस पत्र की गंभीरता को नहीं समझा और अनसुना करना कर दिया।

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