पीड़ा बताने लोक अभियोजक कार्यालय पहुंचे लोग

 निवेशकों को नहीं मिल रहे पैसे !

पीड़ा बताने लोक अभियोजक कार्यालय पहुंचे लोग 

ग्वालियर। चिटफंड कंपनियों मेें निवेश करने वाले निवेशकों को पैसे नहीं मिल रहे हैं। इधर-उधर भटकने के बाद लोक अभियोजक कार्यालय में पहुचं रहे हैं और अपनी पीड़ा बता रहे हैं। पालिसी पूरी हो चुकी है। प्रशासन के पास संपत्ति कुर्क है। कोर्ट से भी अदेश मिल चुका है, लेकिन पैसा नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर सक्षम डेयरी चिटफंड कंपनी में निवेश करने वाले निवेशकों को अपने पैसे के लिए इंतजार करना होगा। क्योंकि इस कंपनी की संपत्तियों की नीलामी प्रक्रिया में बोली लगाने वाले शामिल नहीं हुए है। इस कारण पैसा इकट्ठा नहीं हो पा रहा है। कंपनी के कुर्क किए गए खाते में ढाई लाख रुपये ही जमा है। जबकि 1424 निवेशकों को 10 करोड़ रुपये से अधिक लौटाने हैं।


सक्षम डेयरी ने ग्वालियर अंचल सहित उत्तर प्रदेश में चिटफंड का कारोबार किया था। निवेशकों को पैसा डबल करने का भरोसा दिया। पालिसी पूरी होने के बाद जब निवेशकों ने कंपनी से पैसा मांगा तो वापस करने मना कर दिया। जिला प्रशासन के पास शिकायत पहुंचने के बाद वर्ष 2011 में चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई की गई थी। प्रशासन ने चिटफंड कंपनी की संपत्ति कुर्क कर ली थी। संपत्ति कुर्क होने के बाद प्रशासन ने निवेशकों का पैसा नहीं लौटाया। अपना वापस लेने के लिए निवेशक लंबे समय से प्रयासरत थे। इन्वेस्टर वेल्फेयर एसोसिएशन ने पैसे लेने के लिए कोर्ट में आवेदन पेश किया एसोसिएशन की ओर से तर्क दिया कि कंपनी में 1425 लोगों ने 10 करोड़ से अधिक का निवेश किया है।


कंपनी की संपत्ति व खातों को कुर्क किया है, लेकिन पैसा नहीं लौटाया जा रहा है। कोर्ट ने कंपनी की संपत्ति नीलाम कर पैसा लौटाने के आदेश दिया है। जिला प्रशासन अपने जवाब में कहा है कि प्रशासन ने चार संपत्तियों को नीलाम करने के लिए 2021 में नीलामी की प्रक्रिया की थी, लेकिन खरीदार नहीं आए। दूसरी बार भी नीलामी की प्रक्रिया कर चुके हैं। अब तीसरी बार की जाएगी। दो करोड़ से अधिक की चार संपत्तियां कुर्क हैं, जिन्हें नीमाम किया जाना है। जिला प्रशासन ने संपत्ति नीलामी को लेकर किए प्रयासों की जानकारी कोर्ट में पेश की है। लोक अभियोजक विजय शर्मा का कहना है कि कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कराने के लिए न्यायालय में आवेदन पेश कर रहे हैं।

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