तोड़ी गई दुकानों को मिले स्टे के विषय में कोई जानकारी नहीं थी : कलेक्टर

 कलेक्टर श्रीसिंह ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र पेश कर कहा कि... 

तोड़ी गई दुकानों को मिले स्टे के विषय में कोई जानकारी नहीं थी : कलेक्टर

ग्वालियर। ग्वालियर बस स्टैंड की दुकानें तोड़े जाने के मामले में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने हाईकोर्ट में लिखित माफी मांगी है। कलेक्टर ने 2 अगस्त को वहां की 9 दुकानों पर हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद जेसीबी चलवा दी थी। स्टे के बावजूद दुकानें तोड़े जाने पर 26 अगस्त को हाईकोर्ट ने कलेक्टर के खिलाफ बहुत तीखी टिप्पणी करते हुए शपथ पत्र मांगा था।

हाईकोर्ट में इस मामले की 16 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान कलेक्टर का शपथ पत्र पेश किया गया। शपथ पत्र में ही कलेक्टर कौशल विक्रम सिंह ने बिना शर्त माफी मांगी है। कलेक्टर ने शपथ पत्र में कहा है कि उन्हें तोड़ी गई दुकानों के स्टे के विषय में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि सच्चाई यह है कि कोर्ट पिछली तीन तारीखों से स्टे आगे इसलिए बढ़ा रहा था क्योंकि सरकार जवाब दाखिल करने के लिए समय मांग रही थी। कोर्ट में सरकार की तरफ से एडीशनल एडवोकेट जनरल अंकुर मोदी स्वयं शामिल हो रहे हैं। 

शपथ पत्र में कलेक्टर की ओर से यह भी कहा गया है कि प्रशासन दुकानदारों को किसी भी तरह की धमकी नहीं दे रहा है। हाई कोर्ट ने 26 अगस्त को कलेक्टर को चेतावनी दी थी कि अगर दुकानदारों को किसी भी तरह से धमकाने का प्रयास हुआ तो यह कलेक्टर को बहुत महंगा पड़ेगा। हाईकोर्ट ने तोड़ी गई दुकानों की जगह पर सरकार या प्रशासन के जाने पर पूरी तरह रोक भी लगा दी है। यानी अब उक्त जगह दुकानदारों के ही कब्जे में रहेगी।

प्रशासन ने भी कोर्ट में लिख कर दिया है कि दुकानदारों को उक्त जगह पर काम करने की अनुमति दी गई है। इसी सुनवाई में हाईकोर्ट ने दुकानदारों के वकील से पूछा था कि क्या उन्होंने अब तक हाई कोर्ट की अवमानना की याचिका दाखिल नहीं की है। जब वकील ने सूचित किया कि अवमानना याचिका दाखिल कर दी गई हैं तो वह संतुष्ट हो गए।



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