लोग नहीं कर रहे हैं झंडा फहराने के protocol का पालन

हो रहा है राष्ट्रीय ध्वज का अपमान !

लोग नहीं कर रहे हैं झंडा फहराने के प्रोटोकॉल का पालन

हर घर तिरंगा नि: संदेह मोदी जी की का यह प्रयास देश के हर उस नागरिक को तिरंगे के प्रति सम्मान और अपना जज्बा प्रदर्शित करने का मौका देता है। इस तिरंगे को फहराने का अवसर अभी तक चंद लोगों को ही मिलता था । अभी तक तिरंगा सरकारी कार्यक्रमों में सरकारी इमारतों पर ही  फहराया जाता था लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयास से आज देश की स्वतंत्रता के 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर घर-घर तिरंगा फहराया जा रहा है। मन प्रफुल्लित भी हो रहा है और हर वह भारतवासी तिरंगा फहराकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है। वह देश के प्रति स्वयं की देशभक्ति की भावना, देश के प्रति प्यार और वफादारी का जज्बा उसके दिल में हिलोरा मार रहा है। 

हर घर तिरंगा अभियान को लेकर लोगों में अपार उत्साह है लेकिन कुछ उत्साहित लोग तिरंगा के प्रोटोकॉल को भी नजरअंदाज कर रहे हैं जोकि कतई नहीं होना चाहिए। तिरंगा हमारे देश के आन बान शान है उसका स्थान सर्वोपरि है लेकिन कुछ नादान या यूं कहें कि पढ़े लिखे और समझदार लोग तिरंगे के सम्मान में मूर्खों जैसा व्यवहार कर  रहे हैं। इस समय तिरंगा यात्रा यात रंगा रैलियों का आयोजन जगह-जगह किया जा रहा है लेकिन आयोजन के दौरान लोग तिरंगे के प्रोटोकॉल को का बिल्कुल भी पालन नहीं कर रहे लोग तिरंगे को अपने वाहनों पर हाथ ठेले पर साइकिल रिक्शे पर मोटर बाइक पर ट्रैक्टर पर बस पर दुकान पर लगा तो रहे लेकिन उसके लगाने का उचित स्थान तय नहीं कर पा रहे हैं कई लोग तिरंगे को अपने वाहनों, ट्रैक्टर जीप कार के बंपर और मडगार्ड पर लगा रहे हैं जो कि तिरंगे का उचित स्थान नहीं है।

तिरंगे को हमेशा अपने सिर से ऊपर के स्थान पर लगाया जाना चाहिए ना की अपने पैरों के आसपास। कुछ लोग तो कार्यक्रमों के दौरान तिरंगे को इस प्रकार पकड़ रहे हैं जैसे वह तिरंगा ना होकर किसी पार्टी का आम झंडा हो चाहे फिर वो जमीन पर लग रहा हो या फिर लोगों के पैरों को टच कर रहा है और यह कार्य करने में केवल आम लोग ही नहीं खास लोग भी हैं जो कि तिरंगे के प्रोटोकॉल को भलीभांति समझते हैं केंद्र सरकार में मंत्री हैं राज्य सरकारों के मंत्री हैं विधायक हैं पार्षद हैं विभिन्न पदों पर बैठे हुए लोग भी हैं लेकिन तिरंगे के प्रोटोकॉल का ख्याल उनके दिमाग में नहीं है परिस्थितियों को देखकर तो ऐसा ही लगता है।

कई जगह तो र्जीर्ण - शीर्ण हालत वाले तिरंगे भी लगे दिखाई दे रहे हैं जिनमें से सिलाई के धागे निकल गए हैं धूल मिट्टी गंदगी लगी हुई है ऐसे में ये हमारे राष्ट्रीय ध्वज यानी कि तिरंगे का अपमान नहीं तो और क्या है ? इसलिए मोदी जी और अन्य जिम्मेदार मंत्रियों,गृह मंत्रालय को तिरंगा फहराने बालों के लिए कुछ इंस्ट्रक्शन जरूर लागू करना चाहिए, उन्हें आदेश देना चाहिए कि तिरंगे को फहराते समय अपने घर , दुकान या वाहन पर लगाते समय उसके प्रोटोकॉल का ध्यान अवश्य रखा जाए और जो लोग प्रोटोकॉल का पालन नहीं करेंगे उनके साथ कानूनी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। 

क्योंकि किसी इवेंट को करने से पहले उसके परिणामों को भी ध्यान में रखा जाना अति आवश्यक है । और फिर ये तो देश के मान सम्मान से जुड़ी हुई बात है इसलिए सर्वोपरि है कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज के मान सम्मान को किसी भी प्रकार से कोई क्षति ना हो। इसके लिए झंडा फहराने/ वंदन के लिए जो प्रोटोकॉल हैं उन प्रोटोकॉल का पालन अति आवश्यक हो जाता है।

- रवि यादव

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