बाढ़ प्रभावित लोगों को सुविधायें शीघ्र मुहैया कराई जायें : कार्तिकेयन

मुख्यालय से अनुपस्थित रहने पर दो जेएसओ को कारण बताओ नोटिस…

बाढ़ प्रभावित लोगों को सुविधायें शीघ्र मुहैया कराई जायें : कार्तिकेयन

मुरैना। चंबल नदी में जलस्तर बढ़ने से मुरैना जिले की लगभग 60 पंचायतें बाढ़ की चपेट में आई थीं। इस कारण उन ग्राम पंचायतों के मजरे टोले डूब में आये थे। इस संबंध में कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चंबल नदी का जलस्तर कम होने से जो गांव डूब में आने से प्रभावित हुये हैं उन गांव में विभागीय योजनाओं के माध्यम से सुविधायें शीघ्र मुहैया कराई जायें। ये निर्देश उन्होंने रविवार को गूगल मीट के माध्यम से जिले के वार्ड से जुड़े अधिकारियों को दिये। समीक्षा बैठक में जेएसओ, जौरा, और सबलगढ़ मुख्यालय पर नहीं थे इस पर कलेक्टर ने तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। बैठक के दौरान मुख्यकार्यपालन अधिकारी रोशन कुमार सिंह, अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव एवं समस्त एसडीएम, तहसीलदार, संबंधित अधिकारी, गूगल मीट के माध्यम से जुड़े हुये थे। 

कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने कहा कि चंबल नदी में बाढ़ आने से जिले के लिये गांव में भयावय स्थिति बन गई थी। अधिकारियों ने सूझबूझ के साथ उन्हें बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और कैम्पों में उन्हें दोनों टाइम का भोजन उपलब्ध करया क्योंकि अब चंबल नदी उतर चुकी है जो गांव डूब में प्रभावित हुये हैं वहां कीचड़ सफाई करना, लोगों की दवाईयां, विद्युत, मकान क्षति, सड़क, पेयजल, पशुओं का उपचपार, कुपोषण, आदि सुविधायें उपलब्ध कराना प्राथमिकता में है। कलेक्टर ने कहा कि उन गांव में अधिकारी सर्वे करें और अपने अपने विभाग से संबंधित सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये उनके बीच पहुंचें। राजस्व अधिकारी गणना में लगी हुये हैं। गणना में किसी प्रकार की काताही न बरती जाये। 

कलेक्टर बी कार्तिकेयन समस्त एसडीएम, तहसीलदार एव जनपद सीईओ को निर्देश दिये कि अपने अपने क्षेत्र के ग्रामों में गांव? परिवार,, सदस्य, पशुपालन, भेड़ बकरी, कच्चे व पक्के मकान सूचीबद्ध नोट करें। इसकी जानकारी उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि गांव में पहुंच मार्ग सडकें क्षतिग्रस्त हुई हैं। उनका सर्वे व आंकलन करें। राजस्व अधिकारी फसल चक्र का आंकलन भी करें। कलेक्टर ने कहा कि उन गांव में सर्वोंपरी शुद्ध पेयजल मिले , वहां ग्रामीण विकास विभाग द्वारा साफ सफाई की जाये जिससे लोगों को समस्याओं का समाना न करना पड़े। उन्होंनेे हाककि जिले में अगर कोई गांव टापू पर नहीं है। कहीं भी एनडीआरएफ की टीम की आवश्यकता हो तो शीघ्र बतायें। उन्होंने कहा कि राहत कैम्प कभी और चलाना हो तो अवगत करायें। 

कलेक्टर ने कहा कि विशेषकर कई परिवार अभी भी ऐसे होंगे जिनके पास चंबल नदी के जल स्तर बढ़ने से उनकी गृहस्थी साफ हो गई होगी। उन्हें पंचायतों के माध्यम से 50 किलो सूखा राशन उपलब्धन कराने के लिये निर्देश दिये गये हैं। इसका भी एसडीएम तहसीलदार अवलोकन कर लें। अपर कलेक्टर नरोत्तम भर्गव ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों को सहयोग के रूप में स्वयं के वेतन से 10000 रूपये चेक के माध्यम से दे रहा हूं जिले के काई भी अधिकारी, कर्मचारी स्वयं की राशि में से बाढ़ पीड़ितों के लिये देना चाहते हैं तो वे नगद राशि नहीं चैक यहा खाद्यान्न की सामग्री लाकर जनसुनवाई कक्ष में खनिज अधिकारी को प्रस्तुत कर सकते हैं। इससे वह सूखा राशन बाढ़ पीड़ितों के लिये जिला मुख्यालय से भिजवाया जा सके।

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