स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू कश्मीर के परगल में उरी हमले जैसी साजिश नाकाम

हमले में 2 आतंकी ढेर…

स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू कश्मीर के परगल में उरी हमले जैसी साजिश नाकाम

जम्मू। स्वतंत्रता दिवस से पहले जम्मू कश्मीर के परगल में उरी हमले जैसी साजिश नाकाम हो गयी है। यहां कुछ आतंकियों ने आर्मी कैम्प में घसने की कोशिश की और इसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी फायरिंग की तो इसमें 2 आतंकी ढेर हो गये। 11 राष्ट्रीय राइफल से मिली जानकारी के अनुसार, राजौरी के परगल आर्मी कैम्प में कुछ लोगों ने घुसने की कोशिश की थी। इसके बाद दोनों ओर से फायरिंग हुई। इस हमले में 2 आतंकी ढेर हो गये। वहीं, 2 सेना के जवान घायल हो गये। सर्च ऑपरेशन जारी है। उधर, धरहल पुलिस स्टेशन से 6 किमी स्थित दूसरी पार्टियों को कैम्प की ओर रवाना किया गया है। 

ऐसा माना जा रहा है कि आतंकियों ने उरी जैसे हमले की कोशिश की थी। राजौरी के परगल कैम्प 25 किमी दूर है। 11 राष्ट्रीय राइफल से मिली जानकारी के अनुसार, आर्मी कैम्प में आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था। इसमें दोनों आतंकी ढेर हो गये। हालांकि, इस हमले में 3 सेना जवान के शहीद हो गये। अभी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। उधर, धरहल पुलिस स्टेशन से 6किमी स्थित दूसरी पार्टियों को भी कैम्प की ओर रवाना किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि आतंकियों ने उरी जैसे हमले की कोशिश की थी। दरअसल, 2016 में जम्मू कश्मीर के उरी में पाकिस्तान से आये जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकियों ने आर्मी हैडक्वार्टर पर हमला कर दिया था। 

इसमें 19 जवान शहीद हो गये थे। वहीं, 19-30 जवान घायल हुए थे। आतंकी ढेर हो गये थे। इसके जवाब में भारत ने पीओके में घुसकर सर्जीकल स्ट्राइक की थी और आतंकी लांच पैड तबाह कर दिये थे। इससे पहले बुधवार 10 अगस्त को सुरक्षाबलों ने बडगाम में 3 आतंकियों को ढेर कर दिया था। मारे गये आतंकी लश्कर के थे। इनमें लतीफ राथर भी शामिल था। लतीफ कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या में शामिल था। सुरक्षाबलों को काफी समय से उनकी तलाश थी। लतीफ 10साल से एक्टिव था। वह 2012 में श्रीनगर हाइवे पर हुए हमले में भी शामिल था। इसमें 8 जवान शहीद हो गये थे।

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