ग्वालियर थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण में 4 कंपनियों ने दिखाई रुचि

पहले टेंडर में कंपनी के काम छोड़ने के बाद…

ग्वालियर थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण में चार कंपनियों ने दिखाई रुचि

ग्वालियर। लंबे समय से लंबित थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण योजना के पहले चरण में 368 फ्लैट, स्कूल बिल्डिंग, आफिस काम्प्लेक्स, कम्युनिटी सेंटर के निर्माण के लिए किए गए टेंडर में चार कंपनियों ने रुचि दिखाई है। बोर्ड के स्थानीय अफसरों ने टेंडर के पहले चरण की प्रक्रिया के बाद तकनीकी मूल्यांकन के लिए इसे भोपाल स्थित मुख्यालय भेजा है। इस परियोजना में तमाम अड़ंगों के चलते देरी हो रही है। ऐसे में अफसरों ने आगामी 15 अगस्त तक फर्म के फाइनल करने की समय सीमा निर्धारित की है और वर्षा का मौसम बीतने के बाद सितंबर से काम शुरू कराने की तैयारी की जा रही है। वर्तमान में पहले चरण की हद में आने वाले सभी सरकारी आवासों को भी खाली करा लिया गया है। पहले चरण के लिए बोर्ड ने गुजरात की ज्योति इंफ्राटेक ने अप्रैल में यह काम छोड़ दिया था। 

दरअसल, अफसरों ने इस फर्म को स्वीकृति पत्र एक माह देरी से जारी किया था। इस बीच निर्माण सामग्री के दाम आसमान छूने लगे और कंपनी को नुकसान होने लगा। इसके अलावा सरकारी आवासों को खाली कराने में भी विवाद की स्थिति निर्मित हुई तो कंपनी ने स्वीकृति पत्र देर से जारी होने का हवाला देकर काम छोड़ दिया। ऐसे में नए सिरे से टेंडर का सेकंड काल किया गया। इसमें चार कंपनियों ने रुचि दिखाई है। इसमें मध्यप्रदेश की कृष्णा बिल्डर्स, झारखंड के बोकारो की कमलादित्य कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, उत्तर प्रदेश के आगरा की श्री रिद्धी-सिद्धी बिल्डवेल लिमिटेड और राजस्थान के जयपुर की मैसर्स लक्ष्मी नारायण अग्रवाल इंफ्राप्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इन कंपनियों का तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन भोपाल स्थित मुख्यालय में होगा। 

टेंडर खुलने से लेकर पात्र कंपनी का चयन होने के बाद वर्क आर्डर जारी करने की प्रक्रिया अगस्त में पूरी कर ली जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी होते ही कंपनी को काम करने के लिए जगह मिल सके, इसके लिए थाटीपुर में सरकारी आवासों की तुड़ाई शुरू कर दी गई है। पहले चरण के कार्य के लिए बोर्ड को 329 पेड़ों का ट्रांसप्लांट भी कराना है। यह कार्य अफसरों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। इसका कारण यह है कि बोर्ड इन पेड़ों की शिफ्टिंग के लिए टेंडर प्रक्रिया कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञ कंपनी इस कार्य के लिए नहीं मिल पा रही है। अफसरों ने अब 53.22 लाख रुपये की लागत से इन पेड़ों के ट्रांसप्लांट के लिए तीसरी बार टेंडर जारी किया है। इसमें पूर्व में शामिल कई शर्तों को हटाया भी गया है, ताकि कंपनी का चयन आसानी से हो सके। एक अगस्त को यह टेंडर खोला जाएगा।

पहले चरण के कार्य के लिए चार कंपनियों ने रुचि दिखाई है। अब तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन कार्य भोपाल स्थित मुख्यालय से होगा। हमने इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया है। अगस्त में यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी - सूर्यकांत शर्मा, कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड

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