नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे कमलनाथ रहेंगे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

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नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ेंगे कमलनाथ रहेंगे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष

मध्य प्रदेश में राजनीतिक दल मिशन 2023 के रण की तैयारियां कर रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस में भी बड़े स्तर पर हलचल हो रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने बैठक बुलाई है। जिसमें पूर्व मंत्रियों और सीनियर लीडर्स को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि कमलनाथ इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने की पेशकश कर सकते हैं। जिसके संकेत वे दो दिन पहले भी दे चुके हैं। इसी दौरान कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में प्रतिनिधि भेजने पर भी चर्चा की संभावना जताई जा रही है। बैठक से पहले लंबे अरसे के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव एकसाथ नजर आए। दोनों ने सीहोर जिले के सलकनपुर पहुंचकर मां विजयासन मंदिर में पूजा-अर्चना की। 

इस तरह साथ आकर दोनों ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि मप्र कांग्रेस में सब ठीक चल रहा है। अरुण यादव पार्टी की पिछली बैठकों में शामिल नहीं हुए थे। लेकिन घटनाक्रम के बाद संभावना है कि वे बैठक में शामिल हो सकते हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक्शन मोड में है, इसलिए इस बार बिना विवाद के आगे बढ़ने की कोशिश करेगी। 3 दिन पूर्व कमलनाथ ने देश में बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान कमलनाथ ने कहा था कि 'मैं तो किसी भी पद पर रहने का इच्छुक नहीं हूं। 

मैंने तो पद के लिए एप्लाई भी नहीं किया था, तो जैसा फैसला होगा, ठीक है। मैं तो 2018 में पहली बार अध्यक्ष बना था। मैंने तो नहीं कहा था कि मुझे बना दो। मैं तो बड़ा संतुष्ट था दिल्ली में, पर एक मई 2018 से मैं यहां शिफ्ट हो गया। मैं तो दो साल से नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष भी हूं। कोई आज से नहीं हूं। कांग्रेस में राज्यसभा सीट के लिए भी खींचतान चल रही है। इसके लिए अरुण यादव भी बड़े दावेदार हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में यादव बुधनी से शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ खड़े हुए थे। 

इसके बदले पार्टी हाईकमान ने उन्हें राज्यसभा भेजने का वादा किया था। अब उस वादे को निभाने की घड़ी आ गई है। इससे पहले अरुण यादव पार्टी को लेकर मुखर रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली में उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि राज्यसभा सीट के लिए बैठक में चर्चा हो सकती है। मध्य प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। इनमें से 8 पर बीजेपी और सिर्फ 3 सीट पर कांग्रेस है। जून में बीजेपी की 2 और कांग्रेस के खाते से 1 सीट कम हो रही है। यह एक सीट सांसद विवेक तन्खा का कार्यकाल पूरा होने पर खाली होगी। हालांकि कांग्रेस का एक धड़ा तन्खा काे दोबारा राज्यसभा में भेजने के पक्ष में है। अब देखना होगा कि पार्टी में किसके नाम पर सहमति बनती है।

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