जिसके पास श्रद्धा नहीं वो अवसाद का शिकार : रमेशभाई

समापन दिवस आज, सुबह 9 बजे से शुरू होगी कथा…

जिसके पास श्रद्धा नहीं वो अवसाद का शिकार : रमेशभाई

ग्वालियर। श्रद्धा बहुत बड़ी शक्ति है, जिसके पास श्रद्धा नहीं हैं, वो बड़ा कमजोर है। धर्म, ईश्वर, सद्गुरू और स्वयं श्रद्धा होना जरूरी है, जिनमें श्रद्धा नहीं हैं वे अवसाद के शिकार बन जाएंगे। यह विचार संत रमेशभाई ओझा ने फूलबाग सांईधाम में आयोजित हो रही श्रीमद्भागवत कथा के सांतवे दिन व्यक्त किए। समापन दिवस की कथा 16 मार्च को सुबह 9 बजे से आरंभ होगी। सांईभक्त मंडल द्वारा आयोजित हो रही कथा में हजारों श्रद्धालु श्रोताओं के  बीच अमृतवर्षा करते हुए संतश्री ने कहा कि जो ज्यादा ज्ञानी होते हैं, वे अवसाद के अधिक शिकार होते हैं। उनके पास तर्क और विचार तो है, लेकिन श्रद्धा नहीं हैं,इसलिए वे अवसाद से त्रस्त रहते हैं। अवसाद का भय उन्हें तनावग्रस्त बनाए रहता है। उन्होंने कहा कि जिसप्रकार जीवन के लिए रोटी और पानी और मां क ी गोद की सबसे ज्यादा जरूरत है। माता भवानी श्रद्धा और पिता शिव विश्वास है। परंतु बालक श्रद्धा की गोद में पलता है। 

बौद्धिक विकास कितना ही क्यों न हो जाए, अगर श्रद्धा नहीं है तो जिंदगी की नाव डगमगाती रहेगी। श्रद्धा नहीं हैं तो ज्ञान भी नहीं हो सकता है। श्रद्धा माता पार्वती और पुत्र ज्ञान गणेश है। श्रद्धा की गोद में ज्ञान खेलता है,साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पूजा-पाठ उतना ही करो जिससे कर्म पर उसका विपरीत प्रभाव न पड़े। भाग्य पर भरोसा करके बैठा रहना कायरों का काम है। उन्होंने कहा कि दुनिया में जितने लोग भूख से नहीं उतने लोग ज्यादा और गलत खानपान से मरते हैं। अमृत की अति भी विष है। उन्होंने कहा कि राजा गणपति के समान होना चाहिए, जिसके बड़े कान सबकी सुन सकें, जिसकी पैनी दृष्टि सबको समभाव से देख सके। जिसकी लंबी नाक गंध लेकर वस्तुस्थिति के भांप सके। बड़ा पेट रहस्यों को अपने भीतर रहस्यों को समेट सके। गणेश जैसा राजा हो तो रिद्ध- सिद्धि आती हैं और उनसे शुभ-लाभ जैसे पुत्र होते हैं।

जनता पर इतना बोझ मत 

लादो कि वो उठ न सके

उन्होंने कहा कि विशालकाय लंबोदर का वाहन चूहा है,क्या वह उन्हें लेकर चल पाएगा? गणपति राजा और चूहा जनता का प्रतीक है। उस पर इतना बोझ मत लादो जो वह उठा न से। राजा को मोदक प्रिय होना चाहिए। वह सदा खुश रहे तभी जनता खुश रहेगी, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के भरोसे मत बैठे, जिसके भीतर कुछ करने का जज्बा है वो न सिर्फ काम करता है बल्कि आगे निकल जाता है। संसाधनों के अभाव में भी उसे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। राजनैतिक मूल्य यदि कम होते जाएंगे तो राजनीति कचरा बन जाएगी। उन्होंने कहा कि मनुष्य प्रकृति की सबसे खूबसूरत रचना है,जिसके पास कर्म करने की स्वतंत्रता है। अपने सुख-दुख के निर्माता हम स्वयं है। हम संसार में प्रारब्ध लेकर आते हैं और कर्म का फल लेकर जाते हैं। संसार में हम जैसा कर्म करते हैं, फल भी वैसा ही मिलता है। अच्छे काम के अच्छे परिणाम को पुण्य कहते हैं।  

संसार में दीनहीन बनकर मत रहो। समस्याओं में भी शेर बनकर दहाड़ो। उन्होंने कहा कि गरीब से गरीब आदमी के बच्चे को भी अच्छी शिक्षा और चिकित्सा मिलना चाहिए। संसाधनों के आभाव में कोई बच्चा अच्छी शिक्षा पाने से वंचित नहीं होना चाहिए। जो सुविधाएं धनाड्य परिवार के बच्चों को स्कूल में मिलती हैं, वैसी सुविधाएं हम अपने विद्यालय में आदिवासियों के बच्चों को नि:शुल्क दे रहे हैं। ये फ्री नहीं इनवेस्टमेंट है, जिसका अच्छा परिणाम आने वाले समय में समाज को मिलेगा। भाईश्री ने कहा कि स्वार्थवादी सोच ने देश को कमजोर किया है। राष्ट्र सर्वोपरि रहना चाहिए। गुलामी से हम कमजोर नहीं हुए, बल्कि कमजोरी से गुलाम हुए। हमारे भीतर यदि स्वार्थ की कमजोरी नहीं होती तो महमूद गजनवी जैसे लुटेरे भारत में नहीं घुस पाते। भगवान अच्छा करेंगे ये भरोसा लेकर पुरूषार्थर् करोगे तो सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि उपभोक्तावाद के चलते व्यक्ति कुछ भी गलत काम करने को तैयार हो जाता है। वस्तु व्यक्ति के लिए है, व्यक्ति वस्तु के लिए नहीं हैं,इसलिए वस्तुओं का मोह न कर गलत काम में न पड़े।

दो साल बाद फिर हो सकती है कथा: अनूप

कथा आरंभ से पूर्व श्रोताओं को संबोधित करते हुए श्रोताओं से आह्वान किया कि कथा के विराम दिवस अधिक से अधिक श्रोता आकर संतश्री को बताएं कि ग्वालियर के श्रोताओं में सबसे अधिक श्रद्धा है। यह कथा 17 साल बाद हो रही है, लेकिन मुझे भरोसा है कि दो साल के भीतर भाईश्री पुन: ग्वालियर में कथामृत की वर्षा करेेंगे। अंतिम दिन कथा आरंभ से पूर्व तालियां बजाकर सभी उनसे इसके लिए निवेदन करेंगे।

इस मौके पर गंगादास की शाला के महंत रामसेवक दास महाराज, जडेरूआ सरकार, पूर्वमंत्री मायासिंह, पूर्वमंत्री भगवान, पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, पूर्व विधायक घनश्याम पिरोनियां, पूर्व विधायक राकेश शुक्ला, भाजपा के जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, उपाध्यक्ष रामेश्वर भदौरिया, दीपक शर्मा, विनोद शर्मा, राजू सेंगर, बिरजू शिवहरे,संजय शर्मा, जयसिंह कुशवाह मौजूद रहे।

आज की कथा में कृष्ण रुकमणी के विवाह का उत्सव मना। कृष्ण रुकमणी की सुंदर झांकी देख श्रद्धालु श्रोता हर्षित हो उठे। होली के बाद सांई भक्त मंडल ट्रस्ट एक गरीब बेटी की शादी कर इस आयोजन को पूर्ण करेगा।

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