चार साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को दोहरे मृत्युदंड की सजा

चाची के साथ भी कर चुका था दुष्कर्म…

चार साल की मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को दोहरे मृत्युदंड की सजा

 


मुरैना। चार साल की बच्ची का अपहरण, दुष्कर्म और फिर हत्या करने के एक साल पुराने सनसनीखेज मामले में मुरैना जिला न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी को दोहरे मृत्युदंड और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। मासूम के साथ दुष्कर्म हत्या के दोषी ने पहले मृतक बालिका की चाची के साथ भी दुष्कर्म किया था। मामले में शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक प्रतिभा उमरैया एवं वरिष्ठ एडीपीओ इंद्रेश कुमार प्रधान ने बताया, कि यह मामला सबलगढ़ थाना क्षेत्र के खिरकारी गांव का है, जहां 4 फरवरी 2021 को चार साल की बालिका अपने घर के बाहर बहन-भाईयों के साथ खेल रही थी।

इसी दौरान गांव का ही 32 साल का बंटी उर्फ विश्राम रजक बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया और खेत में ले जाकर मासूम का दुष्कर्म किया उसके बाद हत्या कर भाग गया। बंटी रजक को खेत से भागते हुए बालिका के दादा ने देख लिया, इसके बाद स्वजनों ने खेत में जाकर देखा तो वहां चार साल की मासूम का खून से लथपथ शव पड़ा था। उक्त मामले में शनिवार को फैसला सुनाते हुए पाक्सो एक्ट के स्पेशल कोर्ट की न्यायाधीश शिप्रा पटेल के बंटी रजक को अपहरण के मामले में दोषी पाते हुए तीन साल की सजा सुनाई।

इसके बाद हत्या के मामले में मृत्युदंड की सजा और फिर पाक्सो एक्ट दुष्कर्म के मामले में भी मृत्युदंड की सजा सुनाई। उक्त मामले में डीएनए रिपोर्ट ने मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई मुरैना जिले में करीब 12 साल बाद दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई है। दोहरा मृत्युदंड पाने वाला बंटी रजक चार साल की मासूम की चाची के साथ भी दुष्कर्म कर चुका था। इस मामले में पीड़िता ने थाने में शिकायत की तो बंटी रजक ने बदला लेने की धमकी दी थी। मासूम की चाची से दुष्कर्म के आरोप में बंटी रजक करीब छह माह जेल में रहा था। जमानत पर जेल से छूटने के पांच दिन बाद ही उसने चार साल की मासूम को अपनी हवस का शिकार बना लिया।

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