आज इंडिया गेट पर लगेगी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा, PM मोदी करेंगे अनावरण

नेताजी की 125वीं जयंती पर सच्ची श्रद्धांजलि…

आज इंडिया गेट पर लगेगी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा, PM मोदी करेंगे अनावरण

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जनवरी यानी आज शाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर इंडिया गेट पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करेंगे। बाद में इस होलोग्राम प्रतिमा की जगह ग्रेनाइट से बनी भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। कल पीएम मोदी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस बारे में जानकारी दी थी।

PM ने कल सोशल मीडिया पर लिखा- ऐसे समय में जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा। जब तक नेताजी बोस की भव्य मूर्ति पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। मैं नेताजी की जयंती 23 जनवरी को होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से अपील की है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए। ममता बनर्जी ने कहा कि इससे पूरा देश नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपयुक्त तरीके से 'देशनायक दिवस' मना सकेगा। शुक्रवार को दिल्ली में 50 साल से इंडिया गेट की पहचान बन चुकी अमर जवान ज्योति को वॉर मेमोरियल की ज्योति में विलीन कर दिया गया। अमर जवान ज्योति को पूरे सैन्य सम्मान के साथ मशाल के जरिए वॉर मेमोरियल ले जाया गया। जहां वॉर मेमोरियल पर प्रज्ज्वलित ज्योति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इंडिया गेट पर 6 दशक से खाली पड़ी एक छतरी में नेताजी की प्रतिमा लगाई जाएगी।

इससे पहले इस छतरी पर किंग जॉर्ज V की मूर्ति लगी थी, जिसे बाद में 1968 में हटा दिया गया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत अब 24 जनवरी की बजाय 23 जनवरी से होगी। यह फैसला नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल करने के उद्देश्य से किया गया। नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था। भारत सरकार ने पिछले साल को ये घोषणा की थी कि हर साल 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिवस को प्रराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके पीछे का मकसद था कि देश के लोग, खासतौर पर युवाओं के भीतर नेताजी की तरह ही विपरीत परिस्थितियों का सामना करने और उनमें देशभक्ति की भावना का संचार हो सके।

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