भाजपा के 12 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत…
प्रमोशन में आरक्षण के पैमाने तय करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सरकारी नौकरियों में SC और ST को पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि पिछले फैसलों में तय किए गए आरक्षण के पैमाने हल्के नहीं होंगे। केंद्र और राज्य अपनी-अपनी सेवाओं में एससी-एसटी के लिए आरक्षण के अनुपात में समुचित प्रतिनिधित्व को लेकर तय समय अवधि पर रिव्यू जरूर करेंगे। प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है। इस मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी। जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि हमने माना है कि हम प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकते।
राज्य SC- ST प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य हैं। कोर्ट ने कहा कि एक निश्चित अवधि के बाद प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है। ये समीक्षा अवधि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए। प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए अदालत कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकती। राज्य अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य है। कैडर आधारित रिक्तियों के आधार पर आरक्षण पर डेटा एकत्र किया जाना चाहिए। राज्यों को आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से समीक्षा करनी चाहिए। केंद्र सरकार समीक्षा की अवधि निर्धारित करेगी। नागराज मामले में फैसले का संभावित प्रभाव होगा।
जुलाई 2021 में निलंबित
हुए महाराष्ट्र भाजपा
के 12 विधायकों को
सुप्रीम कोर्ट से बड़ी
राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने मानसून
सत्र के दौरान
विधानसभा स्पीकर द्वारा एक
साल के लिए
निलंबित किए जाने
के फैसले को
असंवैधानिक करार दिया
है। साथ ही
सभी विधायकों का
निलंबन भी रद्द
कर दिया गया
है। सुप्रीम कोर्ट
ने इस फैसले
के साथ तल्ख
टिप्पणी भी की
है। अदालत ने
कहा कि ये
फैसला लोकतंत्र के
लिए खतरा ही
नहीं बल्कि तर्कहीन
भी है। इससे
पहले की सुनवाई
में जस्टिस एएम
खानविलकर और जस्टिस
सीटी रवि कुमार
की पीठ ने
महाराष्ट्र शासन के
वकील अर्यमा सुंदरम
से सत्र की
अवधि के बाद
भी साल भर
तक निलंबन के
आधार को लेकर
कई सीधे और
तीखे सवाल पूछे
थे।
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