एक महीने पहले हुई ATM की चोरी कांड का पुलिस ने किया खुलासा

हरियाणा से बुलाए गए थे अपराधी, 2 आरोपी गिरफ्तार, 6 लाख बरामद…

एक महीने पहले हुई ATM की चोरी कांड का पुलिस ने किया खुलासा

 

शिवपुरी। पुलिस ने एक महीने पहले एटीएम काट कर हुई 42 लाख की चोरी कांड का खुलासा किया है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं चोरी के 6 लाख रूपए भी बरामद हुए है। वारदात के तीन अन्य आरोपियों की तलाश अब भी जारी है। वारदात 11 दिसंबर की देर रात की है,जहां अपराधियों ने दो एटीएम काट कर चोरी की घटना को अंजाम दिया था। वारदात में इलाके के बड़े ठेकेदार की कार का इस्तेमाल हुआ था। फिजिकल थाना क्षेत्र से कमलागंज ग्वालियर बाइपास पर स्थित एसबीआई के दो एटीएम काट कर 11 दिसंबर की रात अज्ञात बदमाशों ने 42 लाख 15 हजार 500 रुपए चोरी कर लिए थे। पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि बदमाशों ने प्रदेश के एक बड़े ठेकेदार ऋषव जैन की कार का उपयोग किया था।

एटीएम चोरी के लिए अपराधियों को हरियाणा के मेवात से बुलाया गया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया के अनुसार, इस वारदात का खुलासा करने में फिजिकल थाना प्रभारी कृपाल सिंह राठौड़ ने सबसे पहले एक-एक सीसीटीवी कैमरे को खंगाला। जेल में बंद बदमाशों से बात की और अपने मुखबिरों को सक्रिय कर एक महीने के प्रयासों के बाद इसका खुलासा किया। इस चोरी का मास्टरमाइंड करैरा में पास स्थित ग्राम कांकर का सुनील गुर्जर निकला, उसी ने हरियाणा के चंगेज खान, हैदर खान, सुब्बा खान सहित एक अन्य आरोपी को शिवपुरी बुलाया था सुनील ने ही झांसी से गैस कटर कार का इंतजाम किया था। पुलिस ने सुनील और चंगेज को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही चोरी हुए 42 लाख में से छह लाख रुपए बरामद कर लिए हैं। वारदात के मास्टर माइंड सुनील गुर्जर का भाई ऋषव जैन के यहां ड्राइवर था, उसने ऋषव जैन की कार किसी मरीज को दिखाने के बहाने से मांगी थी और उसका उपयोग चोरी की इस वारदात को अंजाम देने के लिए किया।

पुलिस ने पहले चंगेज को गिरफ्तार किया, बाद में उसकी निशानदेही पर सुनील गुर्जर को पकड़ा गया। एटीएम से 42 लाख रुपए की चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश बड़े शातिर हैं। उन्हें इस बात की जानकारी थी कि ज्यादातर एटीएम पर गार्ड नहीं होते हैं। एटीएम में रखे पैसों का बीमा होता है, ऐसे में बैंक पुलिस पर ज्यादा दबाव नहीं बनाती है। और पुलिस पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है और बैंक को बीमा की राशि मिल जाती है। बदमाशों ने पूछताछ में यह भी बताया है कि वह एटीएम में कम या अधिक राशि होने का अंदाजा लगाने के लिए एटीएम की डस्टबिन का सहारा लेते हैं, अगर डस्टबिन में अधिक पर्चियां पड़ी हैं तो एटीएम में राशि कम होती है और अगर पर्ची कम हैं तो राशि ज्यादा होती है।

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