ग्वालियर में एक बार फिर कोरोना की दस्तक़ !

24 घंटे में दो नए केस मिले…

ग्वालियर में एक बार फिर कोरोना की दस्तक़ !

ग्वालियर में एक बार फिर कोरोना की दहशत फैल गई है। कोरोना के नए वैरियंट ओमिक्रॉन को लेकर एयरपोर्ट से लेकर बाजारों तक अलर्ट है। इसी बीच बीते 24 घंटे में दो नए मरीज मिले हैं। एक 72 वर्षीय बुजुर्ग है, जो हाल में जयपुर से लौटे हैं, जबकि दूसरा मुंबई की मल्टी नेशनल कंपनी में कर्मचारी है। वह एक महीने से ग्वालियर में थे। अभी मुंबई जाने से पहले टेस्ट कराया, तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके अलावा, गुरुवार को यूनाइटेड किंगडम (UK) से 9 लोग शहर में आए हैं। इनमें से 7 के सैंपल ले लिए गए हैं। बाकी दो लोगों के सैंपल भी शुक्रवार को लिए जाएंगे। बाहर से आने वाले लोगों पर एयरपोर्ट से ही निगरानी रखी जा रही है। गुरुवार को 2337 सैंपल की जांच रिपोर्ट आई है। इसमें दो लोगों को कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही अब जिले में एक्टिव केस की संख्या दो हो गई है। यह वह आंकड़ा है, जो प्रशासन मान रहा है। हकीकत में एक्टिव केस 4 हैं। इसमें BSF टेकनपुर के इंस्टीट्यूट के दो छात्र भी हैं। 

जो बीते 5 दिन में कोलकाता से लौटने के बाद पॉजिटिव मिले हैं। उनको बीएसएफ का मानकर एक्टिव केस में शामिल नहीं किया गया है। गुुरुवार को मिले संक्रमितों में 72 वर्षीय बुजुर्ग सिटी सेंटर के अल्कापुरी में रहते हैं। हाल में वह जयपुर से लौटे हैं। यहां आने के बाद जब उनका कोरोना टेस्ट कराया गया, तो वह पॉजिटिव निकले। वह वैक्सीन के डोज लगवा चुके हैं। इसके अलावा दूसरा पॉजिटिव नई सड़क पर रहने वाला 35 वर्षीय युवक है। यह मुम्बई की मल्टी नेशनल कंपनी में जॉब करता है। दीपावली से पहले यह ग्वालियर आया था। यह वर्क फ्रॉम होम कर रहा था। अभी उसे मुंबई जाना था, इसलिए RT -PCR टेस्ट कराया था, जिसमें पॉजिटिव निकला है। इसने वैक्सीन लगवाई है या नहीं यह पता नहीं चल सका है। गुरुवार को युनाइटेड किंगडम से 9 लोग ग्वालियर आए हैं। इनमें से एयरपोर्ट पर ही 7 लोगों की सैंपलिंग की गई है। दो लोग एयरपोर्ट से निकल गए थे। उनकी सैंपलिंग शुक्रवार को होगी। इससे पहले दो दिन पहले 23 लोग यूके से ग्वालियर पहुंचे थे। 

सभी के सैंपल लिए गए थे और जांच के लिए दिल्ली भेजे गए थे। इन सभी की रिपोर्ट गुरुवार को निगेटिव आई है। कोरोना का नया वैरियंट और तीसरी लहर की आशंका के चलते हाइ अलर्ट है। ऐसे में बचने के इंतजाम की हकीकत खुद अफसरों के सामने आ गई। ऑकसीजन प्लांट ड्राय रन में ही फेल हो गए हैं। JAH में ट्रायल के दौरान चार प्लांट में से एक प्लांट फेल होना सामने आया है। उधर, हजीरा अस्पताल में खुद CMHO डॉ.मनीष शर्मा के सामने जब ऑक्सीजन प्लांट में आक्सीजन की शुद्धता जांची गई, तो निर्धारित फीसदी से कम पाई गई। एक हजार बिस्तर अस्पताल के C-BLOCK का निरीक्षण किया गया, तो वहां ICU और ऑपरेशन थिएटर का कार्य अधूरा होना पता चला। फिलहाल मरीज रखना मुश्किल भरा है। हस्तिनापुर में प्लांट तो है, पर ऑक्सीजन लाइन ही नहीं बिछी है। अब कोरोना से बचने के इंतजामों का ऐसा हाल होगा, तो कैसे तीसरी लहर से लड़ सकेंगे।

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