शीघ्रता से करें शिकायतों का निराकरण : एडीजीपी

समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील रवैया रखते हुए…

शीघ्रता से करें शिकायतों का निराकरण : एडीजीपी 

ग्वालियर। शुक्रवार को थाना हजीरा परिसर मल्लगढ़ा, यातायात भवन में ‘‘कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता’’ विषय पर द्वितीय रेंज स्तरीय दो दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। इस सेमीनार का शुभारंभ प्रातः 11ः00 बजे अति. पुलिस महानिदेषक/पुलिस महानिरीक्षक चम्बल जोन राजेष चावला,भापुसे द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पमाला पहनाकर एवं दीप प्रज्वलित कर किया। तद्उपरांत पुलिस अधीक्षक, अजाक, चम्बल रेंज द्वारा कार्यक्रम के अति. पुलिस महानिदेषक/पुलिस महानिरीक्षक चम्बल जोन राजेष चावला का पुलिस अधीक्षक, अजाक रंेज ग्वालियर/चम्बल पंकज पाण्डेय द्वारा स्वागत किया गया।

इस आयोजन में अजाक चम्बल रेंज के अंतर्गत आने वाले जिलों के उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक, उप निरीक्षक एवं सहायक उप निरीक्षक स्तर के कई पुलिस अधिकारी सम्मलित हुए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एडीजी/आईजी चम्बल जोन ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशील रवैया रखते हुए उनसे संबंधित शिकायतों का शीघ्रता से निराकरण किया जाना चाहिए। विवेचक को रिपोर्ट दर्ज करते समय अपने आप को पीड़ित के स्थान पर रखकर रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए और एससी/एसटी तथा महिला संबंधी प्रकरणों की विवेचना में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

दो दिवसीय सेमीनार में उद्घाटन उपरान्त पुलिस अधीक्षक, अजाक ग्वालियर पंकज पाण्डेय ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि पीड़ितों की सहानुभूति पूर्वक बात सुनी जाकर रिपोर्ट दर्ज की जाना चाहिए तथा एससीएसटी के प्रकरणों की विवेचना निर्धारित अवधि में पूर्ण कर चालान पेश किया जाना चाहिए, जिससे पीड़ित पक्ष को समयसीमा में न्याय व सहायता राशि मिल सके। दो दिवसीय सेमीनार में उद्घाटन उपरान्त पंकज पाण्डेय, पुलिस अधीक्षक (अजाक) चम्बल रेंज, ग्वालियर ने ‘‘गम्भीर अपराध घटित होने पर घटना स्थल का निरीक्षण एवं भौतिक साक्ष्य का समुचित संकलन कर जाॅच हेतु प्रयोगषाला भेजने की सही प्रक्रियां’’ एवं प्रगति नायक विधि अधिकारी ग्वालियर ने ‘‘अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पंजीबद्ध अपराधों की विवेचना में डिजीटल साक्ष्य का महत्व एवं ग्राह्ता’’  विषय पर विस्तृत जानकारी उपस्थित पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जानकारी दी। 

इसी क्रम में विधि अधिकारी कार्यालय पुलिस अधीक्षक (अजाक), ग्वालियर रेंज, ग्वालियर प्रगति नायक द्वारा ‘‘ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पंजीबद्ध अपराधों की विवेचना के दौरान साक्ष्य अधिनियम के महत्वपूर्ण उपबंधों की क्रियान्वयन’’ संबंधित विषय पर तथा इसी कड़ी में प्रोफेसर अनुरोध सिंह सिसौदिया, एल.एन.आई.पी.ई ग्वालियर द्वारा ‘‘तनाव प्रबंधन’’ विषय पर विस्तृत व्याख्यान देकर उपस्थित पुलिस अधिकारियों को महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया जाकर सेमीनार के प्रथम दिवस की कार्यषाला का समापन किया गया। 

सेमीनार के द्वितीय दिवस में विधि अधिकारी कार्यालय पुलिस अधीक्षक (अजाक), ग्वालियर रेंज, ग्वालियर प्रगति नायक ’’अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की विवेचना एवं विचारण संबंधी महत्वपूर्ण तथ्यों ’’ पर व्याख्यान एवं आर.एफ.एस.एल. ग्वालियर के वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी विनोद ढींगरा द्वारा ‘‘अनुसूचित जाति/ जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत पंजीबद्ध अपराधों में अनुसंधान के दौरान भौतिक साक्ष्यों का महत्व’’ पर अपना व्याख्यान दिया जावेगा तथा सेमीनार का समापन उप पुलिस महानिरीक्षक चम्बल रेंज, मुरैना सचिन अतुलकर द्वारा किया जावेगा।

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