4 हजार करोड़ रुपये है ग्वालियर के आलीशान महल की कीमत

दरबार हॉल की दीवारों पर जड़ा है सोना चांदी…

4 हजार करोड़ रुपये है ग्वालियर के आलीशान महल की कीमत

ग्वालियर। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक सफल भारतीय राजनेता होने के साथ-साथ ग्वालियर के सिंधिया वंश का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सिंधिया ग्वालियर रियासत के अंतिम महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। दशकों से मप्र के शाही शहर ग्वालियर में स्थित जयविलास पैलेस सिंधिया वंश का घर रहा है। महाराजी जयाजीराव सिंधिया ने सन् 1874 में जयविलास महल निर्माण करवाया था। तब इसकी लागत एक करोड़ रूपये के लगभग थी। लेंकिन आज इस शानदार और आलीशान महल की कीमत 4 हजार करोड़ के रूपये के लगभग है। 

इस महल में 400 से भी अधिक कमरे है। इसमें से 30 से अधिक कमरों को म्यूजियम बना दिया गया है। ऐसा बताते हैं कि जयविलास पैलेस की छतों पर कई जगहों पर सोने, चांदी और रत्न जड़े हुए हैं। हमारे सूत्रों के अनुसार हॉल में लगभग 560 किलो सोने का इंटीरियर है। महल में एक फाइव स्टार होटल बना हुआ है जो कि महल परिसर के बाहर बना हुआ हे। इसके अलावा महल में एक बड़ा संग्रहालय है। जिसमें औरंगजेब और शाहजहां की तलवार भी है और इसके साथ ही देश विदेश की कई शानदार कलाकृतियां भी है। 

जयविलास महल के संग्रहालय में 2 बड़े-बड़े झूमर लगे हुए हैं, जिनका वजन हजारों टन है। ये झूमर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते है।  कहते हैं कि इन झूमरों को टांगने से पहले 10 हाथियों को छत पर चढ़ा कर पहले छत की मजबूती मापी गई थी, उसके बाद इन्हें टांगा गया था। जयविलास महल के संग्रहालय की एक और प्रसिद्ध चीज है, जो लोगों का मन मोह लेती है और वो है चांदी की रेल, जिसकी पटरियां डाइनिंग टेबल पर लगी हुई हैं और विशिष्ट दावतों में यह रेल खाना परोसती चलती है।  

भारतीय नागरिकों को यहां घूमने के लिए 150 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से टिकट लेना होता है।  जबकि विदेशी नागरिकों के लिए टिकट की कीमत 800 रुपये है। सिंधिया खानदान को आज भी राजपरिवार की तरह मानते हैं सिंधिया खानदान को आज भी राजपरिवार की तरह माना जाता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर के महाराज हैं। पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया महारानी हैं। जबकि बेटे महाआर्यमन राजकुमार व अनन्या राजकुमारी हैं।

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