नीति आयोग के छह सूत्री एजेंडा को जमीन पर उतारेगा मध्यप्रदेश : CM शिवराज

इस साल 10 लाख करोड़ के सकल घरेलू उत्पाद का लक्ष्य...

नीति आयोग के छह सूत्री एजेंडा को जमीन पर उतारेगा मध्यप्रदेश : CM शिवराज

ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत को वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के लिए मध्यप्रदेश इस साल 10 लाख करोड़ के सकल घरेलू उत्पाद के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संकल्पित है।नीति आयोग के छह सूत्री एजेंडा को समय-सीमा में प्रदेश में व्यवहारिक रूप दिया जाएगा। प्रदेश में 30 लाख हेक्टेयर में फैले बिगड़े वन क्षेत्र में निजी सहयोग से वन विकसित करने और सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए पहल की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुपयोगी सार्वजनिक संपत्तियों का तार्किक और वैज्ञानिक तरीके से मॉनिटाइजेशन करके इससे प्राप्त राशि का उपयोग विकास कार्यों में करना समय की आवश्यकता है। श्री चौहान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न नीति आयोग की संचालन परिषद की छठवीं बैठक में मंत्रालय से वर्चुअल भागीदारी कर विचार व्यक्त कर रहे थे। 

बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक का आरंभ करते हुए कहा कि कोरोना के समय केंद्र और राज्यों ने मिलकर कार्य किया, जिससे विश्व में भारत की अच्छी छवि बनी है। सभी मिलकर कार्य करते हैं, तो अच्छे परिणाम आते हैं। कृषि प्रधान देश होने के बाद भी खाद्य तेल बाहर से आता है, प्रयास हों कि इसका उत्पादन देश में ही हो। अन्य कृषि उत्पाद भी यहीं खप जाएं, इसके लिए राज्य पहल करें। इस संदर्भ में उपलब्ध संभावनाओं को साकार करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ईज ऑफ डूईंग के साथ ईज ऑफ लिविंग को प्राथमिकता दें। 

अनावश्यक कानून समाप्त हों, नागरिकों की अपेक्षाओं को पूर्ण करने पर बल दें। श्री चौहान ने कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद केन्द्र के साथ ही राज्यों में परस्पर संवाद का उपयुक्त प्लेटफार्म तथा सहयोगी संघवाद का आदर्श उदाहरण है। इससे केन्द्र तथा राज्य को विचार-विमर्श करने और विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रभावी व्यवस्था विकसित हुई है, जिसका उपयोग पूरी प्रामाणिकता के साथ जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कठिन काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश को सशक्त नेतृत्व प्रदान किया। कई विकसित और समृद्ध देश उस सक्षमता और कुशलता से कोरोना का सामना नहीं कर पाये, जितना भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किया। अपने देश के साथ-साथ दुनिया के कई देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है। आपदा को अवसर में बदलने की प्रेरणा से नई ऊर्जा मिली है।

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