जेसीमिल की भूमि पर एकीकृत विकास परियोजना तैयार की जाए : शेजवलकर

ग्वालियर के विकास के क्रियान्वयन हेतु...

जेसीमिल की भूमि पर एकीकृत विकास परियोजना तैयार की जाए : शेजवलकर

ग्वालियर। शहर विकास की परियोजनाओं को सभी विभाग समन्वित प्रयास कर तेज गति से पूर्ण करने का कार्य करें। शहर विकास के लिये सभी विभागों को प्रयास करना जरूरी है। स्वर्ण रेखा के ऊपर एलीवेटेड रोड़ निर्माण की मंजूरी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दी गई है। इसकी डीपीआर बनाने का कार्य तत्परता से किया जाए। 850 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली इस एलीवेटेड रोड़ से शहर के विकास में एक नया अध्याय जुड़ेगा। क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने यह बात ग्वालियर एवं साडा विकास क्षेत्र के क्रियान्वयन हेतु  बनाई गई नियोजन एवं पर्यवेक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। शहर के विकास के लिये हुई इस बैठक में विकास की अनेक परियोजनाओं पर चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में विधायक ग्वालियर दक्षिण प्रवीण पाठक, ग्वालियर पूर्व डॉ. सतीश सिकरवार, ग्वालियर संभाग के आयुक्त आशीष सक्सेना, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, सीईओ स्मार्ट सिटी जयति सिंह, सीईओ विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण बी के शर्मा, सीईओ ग्वालियर विकास प्राधिकरण  के के गौर, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, कार्यपालन यंत्री सेतु विकास निगम, हाउसिंग बोर्ड के साथ ही अन्य विकास विभागों के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 

विकास योजनाओं की इस बैठक में सर्व सम्मति से तय किया गया कि जेसीमिल की जो जमीन शासन को प्राप्त हुई है। उस जमीन पर एकीकृत विकास का प्लान तैयार किया जाए। जिसमें आवास, उद्योग, वाणिज्य के लिये स्थान शामिल हो। इस परियोजना की विस्तृत प्लानिंग का कार्य स्मार्ट सिटी के माध्यम से किया जाए। परियोजना में उस क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों के लिये भी बेहतर सुविधायें हों, यह भी सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही स्वर्ण रेखा पर 850 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले एलीवेटेड रोड़ की डीपीआर बनाने की मंजूरी प्रदेश सरकार द्वारा दी गई है। इसकी डीपीआर बनाने का कार्य 31 जनवरी तक किया जाए। एलीवेटेड रोड निर्माण की घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई थी, जिसके परिपालन में शासन द्वारा डीपीआर तैयार करने की मंजूरी भी प्रदान कर दी गई है। 

सांसद श्री शेजवलकर एवं संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने कहा कि स्वर्ण रेखा पर स्मार्ट सिटी के माध्यम से भी रिवर फ्रंट निर्माण का प्रस्ताव है। इसके साथ ही अमृत परियोजना के तहत सीवर लाईन बिछाने का कार्य भी किया जाना है। इन सभी कार्यों के संबंध में सेतु विकास निगम योजनाओं का आंकलन करें और अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें। एलीवेटेड रोड़ के कारण अगर कोई परियोजना प्रभावित हो रही है तो उसकी भी जानकारी दी जाए। बैठक में यह भी तय किया गया कि पूर्व में विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के विकास के लिये स्टेशन से साडा तक एलीवेटेड रोड़ बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि सोन चिरैया अभ्यारण्य के कारण तत्समय उस परियोजना पर कार्य नहीं हो सका था। वर्तमान में सोन चिरैया से उस क्षेत्र का डीनोटिफिकेशन हो गया है। उक्त परियोजना पर पुन: विचार करना उचित होगा। बैठक में सर्व सम्मति से उक्त परियोजना पर पुन: अपनी रिपोर्ट आगामी बैठक में रखने का निर्णय लिया गया। संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने बैठक में कहा कि क्षेत्र विकास के लिये इंदौर शहर में बेटरमेंट टैक्स का अच्छा उपयोग हुआ है। 

इस पर ग्वालियर नगर निगम भी विचार कर कार्य करे। बेटरमेंट टैक्स उन क्षेत्रों में लिया जाता है जहाँ पर सड़कों के विकास से उस क्षेत्र का बाजार मूल्य बढ़ता है। ग्वालियर में इस तरह का प्रयोग किया जाना चाहिए। ग्वालियर पूर्व के विधायक डॉ. सतीश सिकरवार ने भी बैठक में कहा कि शहर के चहुँमुखी विकास के लिये कार्य किया जाना चाहिए। शहर का एरिया चारों ओर विकसित हो ताकि विकास और तेजी से हो सके। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट मार्ग से जड़ेरूआ, लाल टिपारा, छावनी रिंग रोड़ निर्माण का कार्य भी किया जाना चाहिए। इस मार्ग के बन जाने से यातायात को तो सुविधा होगी ही, साथ ही क्षेत्र के विकास में भी एक नया अध्याय जुड़ेगा। सीईओ स्मार्ट सिटी जयति सिंह ने स्मार्ट सिटी के माध्यम से किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के माध्यम से महाराज बाड़े पर स्थित शासकीय प्रिंटिंग प्रेस को भी खाली कराकर विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। इस पर तेजी से कार्य हो रहा है। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी के माध्यम से प्रारंभ की गई परियोजनाओं का कार्य भी लगभग पूर्ण हो गया है।

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