किसान आंदोलन में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज

SP, BSP, AAP, कांग्रेस सभी आए आगे...

किसान आंदोलन में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज

कृषि बिल के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर राजनीतिक दलों का सियासत भी तेज है. दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर बवाल के बाद शुरू हुई कार्रवाई को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान नेता राकेश टिकैत को फोन कर उनका हालचाल जाना है. बातचीत में राकेश टिकैत ने अखिलेश यादव को सेहत का हाल बताया है. फोन पर बात करने के बाद अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बताया कि अभी राकेश टिकैत जी से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना. भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है, वो पूरा देश देख रहा है. 

आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुंह छिपाए फिर रहे हैं. आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ऐलान किया है कि किसानों के समर्थन में आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का उनकी पार्टी बहिष्कार करेगी. मायावती ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं का बलि का बकरा न बनाया जाए. वहीं आज दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की. 

साथ ही दिल्ली सरकार की ओर से की गई पानी की व्यवस्था का जायजा लिया. सिसोदिया ने इस दौरान कहा कि मुझे सीएम अरविंद केजरीवाल ने भेजा है. कल रात आपकी बात हुई थी तो पानी की सप्लाई की गई. डिप्टी सीएम सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा है और कोई ज़रूरत हो तो हम तैयार हैं. उन्होंने कहा कि पेट इंटरनेट से नहीं, रोटी से भरता है. आज कुछ पूंजीपतियों के दबाव में किसान को गद्दार कहा जा रहा है. जिस सरदार को कट्टर देशभक्त माना जाता है उसको गद्दार कहा जा रहा है. संसद परिसर में किसानों को लेकर अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, यह आंदोलन पूरे देश का आंदोलन है. देश के किसानों की आवाज है, जिसको सरकार कुचलना चाहती है. देश की जनता इसको बर्दाश्त नहीं करेगी. कोर्ट ने कहा था ये उनका अधिकार है- बैठने का.

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