किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य न मिलने पर हो दंड का प्रावधान : रघु ठाकुर

लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक ने कहा है कि…

किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने पर हो दंड का प्रावधान : रघु ठाकुर

ग्वालियर। प्रसिद्ध समाजवादी विचारक लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने कहा है कि जिन बुनियादी मुद्दों पर वे डेढ़ दशक से सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करते हैं अब जाकर व्यवस्था उन्हीं विषयों पर विचार कर रही है। रघु ठाकुर आज स्थानीय नवीन विश्राम गृह में पत्रकार- वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। रघु ठाकुर ने कहा कि हाल मे सुप्रीम कोर्ट ने चिकित्सा के अधिकार को हर नागरिक का मौलिक अधिकार बनाने की दिशा में वक्तव्य दिया है।

इसी मांग को लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी पिछले पंद्रह वर्ष से अधिक समय से उठाती रही है। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अब ' एक देश एक चुनाव' का नारा दिया है. यद्यपि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस नारे में लोकसभा विधानसभा के चुनाव ही शामिल होंगे या ग्राम पंचायत से लेकर त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाएं भी सम्मिलित होंगी या नहीं. लेकिन लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी की लम्बी समय से मांग रही है कि ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक के सभी चुनाव एक साथ दो महीने की अवधि में कराये जाएं जिससे समय धन का अपव्यय होने से बचे।

किसान आंदोलन कृषि संबंधि बिल पर बोलते हुए  रघु ठाकुर ने कहा है कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलने की दशा में दंड का प्रावधान होना चाहिए साथ ही न्यायालय में सुनवाई के अधिकार को सुनिश्चित करते हुए किसानों की कोर्ट फीस माफ करनी चाहिए. अभी की व्यवस्था में केवल एसडीएम को सुनवाई का अधिकार दिया गया है जो पर्याप्त नहीं है। स्वामीनाथन आयोग को अधूरा बताते हुए रघु ठाकुर ने कहा कि इस आयोग कि सिफारिशों में किसान को उपज की लागत का डेढ़ गुना दाम देने का प्रावधान है. यही व्यवस्था कारखानों औद्योगिक क्षेत्र पर लागू करनी चाहिए जिससे वे लागत के डेढ़ गुना से अधिक मूल्य पर अपना कोई सामान बेच सकें।

विवादित कृषि बिल को थोपा हुआ करार देते हुए श्री रघु ठाकुर ने कहा कि एक भी सांसद यदि इस बिल पर असहमति व्यक्त करता है तो संसद में मतदान कराया जाना चाहिए था, जो कि नहीं कराया गया और प्रतिपक्ष की आवाज को दबाया गया। भाजपा के घोषणा पत्र में यदि ऐसा कोई बिल शामिल होता तो भी इस तरह कानून बनाने की बात को समझा जा सकता था, लेकिन जब ऐसा कुछ नहीं था तो सरकार को जनमत संग्रह कराना चाहिए था। रघु ठाकुर ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के कारण जिनकी नौकरियां गयी हैं या जिनका कारोबार प्रभावित हुआ है उनके लिए सरकार को कोरोना पेंशन कोरोना अनुदान की व्यवस्था करनी चाहिए।

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