अब हाई स्कूल के बच्चों को पढ़ाएंगे प्राइमरी के टीचर

पुनः नियुक्त नहीं होंगे सभी अतिथि शिक्षक…

अब हाई स्कूल के बच्चों को पढ़ाएंगे प्राइमरी के टीचर

भोपाल। कमिश्नर डीपीआई के आदेश के बाद अतिथि शिक्षकों में हड़कंप मच गया है, असल में लोक शिक्षण संचनालय ने एक बार फिर शिक्षा व्यवस्था का मजाक उड़ाने वाला आदेश जारी किया है। नवीन आदेश में कहा गया है कि पिछले साल पढ़ाने वाले सभी अतिथि शिक्षकों को फिर से नियुक्त नहीं किया जाएगा, एक शाला एक परिसर के तहत दर्ज हुए स्कूलों में अतिथि शिक्षक नियुक्त नहीं किए जाएं, बल्कि प्राइमरी स्कूल के टीचर हाईस्कूल और माध्यमिक हायर सेकेंडरी के बच्चों को पढ़ाएंगे l

असल में पूरे मध्यप्रदेश के 27000 स्कूलों में 13000 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति होनी है, स्कूल शिक्षा विभाग अगले सप्ताह से 9वीं व 12वीं  तक के स्कूल खोलने की तैयारी में हैं, स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की भरने के लिए विभाग ने 7 दिसंबर तक अतिथि शिक्षकों को भर्ती करने आदेश जारी किए थे, प्रदेश के 27000 सरकारी स्कूलों में करीब 13000 अतिथि शिक्षकों को रखा जाना है, पिछले साल तक जिन अतिथि शिक्षकों को रखा गया था उन्हें ही रखा जाना था पोर्टल पर स्कूलों में रिक्त पदों की सूची भी दर्शाई गई लेकिन सूची अपडेट नहीं होने के कारण अतिथि शिक्षकों को परेशानी हो रही है, वह जिन स्कूलों में जा रहे हैं वहां पद रिक्त है लेकिन पोर्टल भरा हुआ दिखाई दे रहा है ऐसे में प्राचार्य अतिथि शिक्षकों की जॉइनिंग नहीं करा पा रहे हैं, इस संबंध में लोक शिक्षण संचनालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया है कि 31 दिसम्बर तक अतिथि शिक्षकों की जॉइनिंग कराकर सूची सौंपी जाए। 

आदेश में यह भी निर्देशित किया गया है कि एक शाला एक परिसर के तहत मर्ज हुए स्कूलों में अतिथि शिक्षक नहीं रखा जाए, स्कूलों में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के शिक्षकों से 9वीं  से 12वीं तक के विद्यार्थियों की क्लास लगाई जाए, डीपीआई ने आदेश में लिखा है कि स्कूल खुलने पर कोविड-19 के कारण विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति नहीं होगी इस कारण अधिक से अधिक एक विषय के ही एक अतिथि शिक्षक को रखा जाए, आमंत्रित किए गए अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन जोइनिंग की व्यवस्था सीएफएमएस पोर्टल पर उपलब्ध करवाई जाएगी, अतिथि शिक्षकों के पास स्कोरकार्ड एवं विमर्श पोर्टल पर दर्ज करें, आदेश में यह भी कहा गया है कि अतिथि शिक्षक का मानदेय कालखंड के मांग से निर्धारित है लेकिन उन्हें यह अकादमिक कार्य मूल्यांकन कार्य पर ड्यूटी करनी होगी l

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