ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर लगा प्रतिबंध

रैली इत्यादि में उपयोग के लिये लेनी होगी अनुमति…

ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर लगा प्रतिबंध 

ग्वालियर। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के तहत आदेश जारी कर ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग के लिए शर्तें लागू कर दी हैं। जारी आदेश के अनुसार रात्रि 10 बजे से प्रात: 6 बजे तक किसी भी तरह के ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। इस आदेश के उल्लंघन पर कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जायेगी। दोषी को 6 माह तक कारावास एवं एक हजार रूपए तक का जुर्माना अथवा दोनों सजाएँ देने का अधिनियम में प्रावधान है।

प्रात: 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक विहित प्राधिकारी अर्थात संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी से अनुमति लेने के बाद ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा। एक अनुविभाग से दूसरे अनुविभाग के क्षेत्र से गुजरने वाली रैली के लिये ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग की अनुमति अपर जिला दण्डाधिकारी द्वारा दी जायेगी। अनुमति लेकर ही प्रात: 6 से रात्रि 10 बजे तक निर्धारित ध्वनि मानक 10 डीबीए साउण्ड तक ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा। 

जिला निर्वाचन अधिकारी के आदेश के अनुसार सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, नर्सिंग होम, टेलीफोन एक्चेंज, न्यायालयीन क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थाएं, छात्रावास, स्थानीय प्राधिकरण के कार्यालयों, बैंकों तथा अन्य क्षेत्र जो शांत क्षेत्र हैं। ऐसे स्थानों से 200 मीटर की परिधि के अंदर ध्वनि विस्तारण यंत्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी खुले स्थल या सार्वजनिक स्थल में टेप या अन्य प्रकार से पूर्व से रिकॉर्ड किए गए संगीत या आवाज को बजाने के लिये ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। कलेक्टर श्री सिंह ने आदेश में स्पष्ट किया है कि सभी राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को कोविड-19 संक्रमण की गाइडलाईन का भी पालन करना होगा। अर्थात राजनैतिक कार्यक्रमों में फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग इत्यादि का पालन अनिवार्य होगा।

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