मंडी के मुख्य गेट के सामने धरने पर बैठे किसान
सरकार द्वारा लागू मॉडल एक्ट व निजीकरण के विरोध में…
मंडी के मुख्य गेट के सामने धरने पर बैठे किसान
सरकार द्वारा लागू किए जा रहे मॉडल एक्ट व निजीकरण के विरोध में मप्र के गुना जिले में कृषि उपज मंडी में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई। मंडी कर्मचारियों सहित तुलावटी, हम्माल, हाथ ठेला-लोडिंग गाड़ी चालक सहित कई संगठनों भी इस हड़ताल में शामिल हुए। मंडी कर्मचारियों का कहना था कि सरकार मॉडल एक्ट लागू कर मंडी का निजीकरण कर रही है। इससे स्थिति बिगड़ेगी। इस व्यवस्था से मंडी में कार्यरत कर्मचारियों का भविष्य संकट में है। इन लोगों का कहना था कि जब तक सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेते है यह प्रदर्शन पूरे प्रदेश में जारी रहेगा।
इस दौरान कोई काम काज भी नहीं होगा। मंडी के गेट को बंद कर दिया गया तो कर्मचारी वहीं बाहर बैठकर धरना देने लगे। मंडी में अपने काम-काज एवं उपज आदि बेचने के लिए आने वाले किसानों तक को मंडी परिसर में घुसने नहीं दिया गया। इस वजह से किसानों में भी नाराजगी थी। किसानों का कहना था कि कायदे से सरकार को व्यवस्था करनी थी कि उनकी उपज खरीदी एवं विक्रय को लेकर कोई अवरोध न हो। वहीं संयुक्त मोर्चा के संभागीय अध्यक्ष बसंत खरे का कहना था कि यह आंदोलन जारी रहेगा, जब तक मॉडल एक्ट और निजीकरण जैसे फैसले सरकार वापस नहीं ले लेती है।
संयुक्त मोर्चा के संभागीय अध्यक्ष बसंत खरे ने बताया कि मॉडल एक्ट कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के विपरीत है। अधिनियम 1972 में किसानों को दलालों, आढ़तियों के शोषण से मुक्त रहने के लिए कड़े प्रावधान के साथ बनाया गया था। इसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि उपज का उचित मूल्य दिलाना था। जबकि मॉडल एक्ट में बड़े व्यापारी, निजी कंपनी को सुविधा दी गई है। मॉडल एक्ट 2020 के अंतर्गत निजी मंडी, उपज मंडी, यार्ड के प्लेटफार्म और सीधे उपार्जन की व्यवस्था की गई है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में छोटे और मझोले किसानों के लिए दिक्कत होगी।
Comments
Post a Comment