इतिहास में तब्दील होती छोटी रेल!

119 वर्षो से चल रही नैरोगेज... 

इतिहास में तब्दील होती छोटी रेल! 



ग्वालियर । रेलवे अब दुनिया की सबसे लम्बी नैरो गेज लाइन को बन्द कर उसकी जगह पर नई रेल लाइन बिछाने की शुरूआत करने जा रही है। ग्वालियर से श्योपुरकलाँ तक जाने वाली १३३ साल पुरानी छोटी रेल लाइन (नैरो गेज) पर अब ट्रेन नहीं चलेगी। इसके स्थान पर रेलवे ब्रॉड गेज पटरी बिछाने जा रही है।  इस लाइन का विस्तार किए जाने की भी योजना है। इसे सवाईमाधोपुर के रास्ते कोटा तक विस्तारित किया जाएगा, वहीं रेलवे ने ऐतिहासिक धरोहर को संजोकर रखने के लिए नैरो गेज पर चलने वाली ट्रेन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री  भी बनाइ है जो स्वतन्त्रता दिवस (१५ अगस्त) को प्रसारित की जा चुकी है।

झाँसी रेल मण्डल के अधीन ग्वालियर से श्योपुर तक नैरो गेज (छोटी रेललाइन) है। लगभग २०० किलोमीटर लम्बी यह नैरो गेज रेल लाइन इस इलाके की जीवनरेखा है। इस छोटी लाइन पर दौडऩे वाली ट्रेन में यात्रा करना किसी रोमाचक यात्रा से कम नहीं होता, क्योंकि इस गाड़ी की रफ्तार कई स्थानों पर पैदल चलने वालों से भी धीमी हो जाती है। इतना ही नहीं, पहाडिय़ों के बीच से गुजरती गाड़ी प्राकृति के मनमोहक नजारे से रूबरू कराती है। देश में कुछ ही स्थान ऐसे हैं, जहाँ नैरो गेज पर गाडिय़ाँ दौड़ रही हैं। जिन स्थानों पर भी यह ट्रेन चल रही है वहाँ, उनका उपयोग पर्यटन को बढ़ाने के उद्देश्य से हो रहा है। वहीं, ग्वालियर-श्योपुर (श्योपुरकलाँ) की नैरो गेज रेल लाइन आज भी यहाँ की बड़ी आबादी की ज़रूरत बनी हुई है। इस गाड़ी से यात्रा करना सस्ता तो है ही साथ में रोमांचकारी भी होता है। रेलवे इस लाइन को बन्द कर इसकी जगह ब्रॉड गेज बिछाने का खाका तैयार कर चुका है। इसके लिए रेलवे ने ३,७१२ करोड़ रुपये का टेण्डर जारी करते हुए आगामी कुछ सालों में कार्य पूरा करने की योजना को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। इस परियोजना से जहाँ नैरो गेज लाइन गुज़रे जमाने की बात हो जाएगी, वहीं ब्रॉडगेज लाइन के शुरू होने से यहाँ यात्रा करने वाले लोगों के समय की भी बचत होगी।

पहले चरण में रेलवे द्वारा ग्वालियर से श्योपुरकलाँ तक नैरो गेज के स्थान पर ब्रॉड गेज पटरी बिछाई जाएगी। इसके पूरे होते ही इस लाइन को आगे बढ़ाकर सवाई माधोपुर होते हुए कोटा तक बढ़ाया जाएगा।१३३ साल पुरानी ग्वालियर से श्योपुर (श्योपुरकलाँ) नैरो गेज रेल लाइन है, जिसे अब ब्रॉड गेज में परिवर्तित करने की मंज़ूरी रेलवे बोर्ड ने दे दी है। यह कार्य पूरा होने के बाद ग्वालियर से श्योपुरकलाँ तक का सफ़र महज ढाई घण्टे में तय होगा।गाभी इस मार्ग पर यात्रा करने वालों को १० घण्टे ट्रेन में बिताने  पड़ते हैं। रेलवे के अनुसार ४ साल में (वर्ष २०२४) यह परियोजना पूरी हो जाएगी। बिरलानगर स्टेशन से जीएस लाइन (गेज परिवर्तन लाइन) बिछाई जाएगी।  यहरायरू रेलवे स्टेशन से ४ किलोमीटर आगे जाने के बाद बानमौर गाँव स्टेशन  की तरफ मुड़ जाएगी। रेलवे इस रेल मार्ग का विद्युतीकरण भी करेगी, जिससे ट्रेन बिजली चलित इंजन द्वारा दौड़ेगी।


यहाँ से गुज़रेगी रेल लाइन

ब्रॉड गेज लाइन बिछने के बाद रेल ग्वालियर,बिरलानगर, रायरू, बामौर गाँव, अम्बिकेश्वर, सुमावली, जौरालापुर,भुट्टपुरा, कोलारस, सेमई, पीपलवाड़ी चौकी, सबलगढ़, रामपहाड़ी, विजयपुर रोड, कैमाराकलाँ, वीरपुर, सिल्लीपुर, इकडौरी, टर्राकलाँ, सिरोनी रोड,खोजीपुरा, दुर्गापुरी, गिरधरपुर स्टेशन से होती हुई श्योपुर और सवाईमाधोपुर होते हुए कोटा तक जाएगी।रेलवे रायरू और बानमौर हाइवे से ट्रैक को ऊपर से ले जाएगी। यहाँ से सीधा ट्रैक बानमौर गाँव स्टेशन के पुराने नैरो गेज ट्रैक से जुड़ जाएगा। फिर उसके बाद पुराने ट्रैक पर ही श्योपुरकलाँ व कोटा तक ब्रॉड गेज को बिछाया जाएगा। यह पूरा रेलमार्ग २८४ किलोमीटर का होगा। पूरे रेल मार्ग को मॉडल इण्टरलॉकिंग सिस्टम से लैस किया जायेग। मण्डल के जनसम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि आम तौर पर रेल प्रान्त की चौड़ाई ढाई मीटर होती है, लेकिन ग्वालियर-श्योपुर की रेल प्रान्त की चौड़ाई दो मीटर ही है।

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