नेपाल की 20 फीसदी आबादी है भारत पर निर्भर

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नेपाल की 20 फीसदी आबादी है भारत पर निर्भर

भारत की सीमा (लैंड बॉर्डर) की कुल लंबाई 15,106.7 किलोमीटर है, जो कुल सात देशों से लगती है। ये सात देश हैं - बांग्लादेश, चीन , पाकिस्तान , नेपाल ,म्यांमार , भूटान और अफगानिस्तान। भारत के साथ नेपाल 1751 किमी बॉर्डर शेयर करता है। भारत के कुल पांच राज्य - उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम नेपाल सीमा से लगे हुए हैं। नेपाल के कुल 75 जिलों में से 23 जिले भारत की सीमा से लगते हैं। बिहार के साथ नेपाल के 12 जिले, यूपी के साथ 8, पश्चिम बंगाल के साथ 2 (जिसमें एक बिहार के साथ भी शामिल), उत्तराखंड के साथ चार ( दो पश्चिम बंगाल , एक सिक्किम व एक यूपी के साथ भी) लगते हैं। नेपाल की कुल आबादी लगभग 3 करोड़ है। 

भारत सरकार के 2019 के एक डेटा के मुताबिक, नेपाल के लगभग 60 लाख लोग भारत में रहते हैं और यहीं पर काम भी करते हैं। यानी नेपाल की करीब 20 फीसदी आबादी भारत में रहती है और भारत पर ही उनकी जीविका निर्भर है। इसके साथ ही भारतीय सेना में भी नेपाल के लोगों की भर्ती होती है। वर्तमान में 32,000 गोरखा सैनिक भारतीय सेना में तैनात हैं और करीब 3000 करोड़ रुपए पेंशन के तौर पर हर साल करीब सवा लाख पूर्व गोरखा सैनिकों को दी जाती है। विदेशों में काम कर रहे नागरिकों में सबसे ज्यादा लोग भारत में ही हैं क्योंकि दोनों देशों की सीमाएं एक-दूसरे के लिए खुली हुई हैं। जहां किसी तीसरे देश में काम करने के लिए नेपालियों को लेबर परमिट के लिए आवेदन करना पड़ता है, वहीं भारत में काम करने के लिए ऐसे किसी परमिट की जरूरत भी नहीं पड़ती है। 

भारत सरकार हर साल लगभग 3 हजार नेपाली छात्रों को स्कॉलरशिप देती है। इसके साथ ही भारत के संस्थानों में भारी संख्या में नेपाली पढ़ते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश से आने वाले छात्रों में 26 फीसदी नेपाली होते हैं। भारत सरकार की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल में भारत के करीब 6 लाख लोग रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग बिजनेस के लिए नेपाल जाते हैं। सीमा से सटे इलाकों के कई ऐसे लोग भी हैं जो रहते तो भारत में हैं लेकिन उनकी जीविका नेपाल से चलती हैं। भारत की कई प्राइवेट और सरकारी कंपनियां भी नेपाल में काम करती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाल के एफडीआई में 30 फीसदी हिस्सा भारत से आता है। 

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