बंदियों को संक्रमण से बचाने 60 दिन की पैरोल बढ़ी

नजदीकी जेल में वापसी कर फिर से जा सकेंगे…
बंदियों को संक्रमण से बचाने 60 दिन की पैरोल बढ़ी

बंदियों को संक्रमण से बचाने के लिए 60 दिन की आपातकालीन पैरोल बढ़ा दी है। कोरोना काल में पैरोल पर गए बंदी को अवधि समाप्त होने के बाद अपनी वापसी करानी होगी। बंदी से जेल गेट पर ही रजिस्टर पर हस्ताक्षर कराकर वापस पैरोल पर छोड़ दिया जाएगा। बंदी को इस बात की छूट दी गई है कि वे वापसी के लिए ग्वालियर आने की बजाए अपने गृह जिले की उपजेल में भी वापसी कराकर पैरोल पर जा सकेगा।

प्रदेश की इंदौर सहित अन्य प्रांतों की जेलों में संक्रमण फैलने से काफी परेशानी हो रही है। क्योंकि जेलों में क्षमता से अधिक बंदी हैं। बैरक में क्षमता से अधिक बंदी रखे गए हैं। बंदियों के बीच शारीरिक दूरी बनाए रखना काफी मुश्किल हैं। कोरोना का संक्रमण शुरू होने के साथ ही जेलों से बंदियों का ओवरलोड करने के लिए सजायाफ्ता बंदियों को आपातकालीन पैरोल पर रिहा किया गया। पहले चरण में इन बंदियों को 45 दिन की पैरोल दी गई थी। जबकि सामान्य तौर पर 14 दिन की पैरोल एक दिन आने के लिए आने जाने के लिए दिया जाता है। कुल 16 दिन की पैरोल दी जाती है। सालभर में 2 बार पैरोल दी जाती है।

60 दिन की पैरोल अवधि बढ़ाईः जेल अधीक्षक मनोज साहू ने बताया कि समूचे प्रदेश के साथ ग्वालियर-चंबल अंचल में भी लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए संक्रमण शुरु होने पर पैरोल पर रिहा किए गए बंदियों की वापसी से वर्तमान में जेल में मौजूद ढाई हजार के लगभग बंदियों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए जेल मुख्यालय से निर्देशानुसार पैरोल पर गए बंदियों की 60 दिन की पैरोल अवधि और बढ़ा दी गई है। बंदियों को पैरोल की अवधि समाप्ती के दिन ही अपनी वापसी करानी होगी। वापसी के बाद तत्काल बाद जेल के अंदर लिए बगैर ही दूसरे चरण की पैरोल पर रिहा कर दिया जाएगा। बंदियों को वापसी के लिए रियायत दी गई है कि वह अपने गृह जिले व उपजेल में अपनी वापसी कराकर पुनः पैरोल पर जा सकते हैं।

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