देश के लिए अपनापन या दिखावा

देश के लिए अपनापन या दिखावा


मेरे प्रिय देशवासियों...

जितना सोचा नही था ,कोरोना उतना फैल गया और कई लोगो को चपेट में ले लिया। पर हम भाग्यशाली साबित हुए की इटली और अमेरिका जैसी हालात होने से पहले हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने एक नहीं, कई ठोस कदम उठाये जो शायद पहले कभी नही उठाये गये, और भारत को पूरी तरह बंद कर कोरोना की चेन को प्रभावशाली ढंग से लगभग काबू कर ही लिया था, की तभी कुछ ज्यादा समझदार लोग दिल्ली में इकट्ठे हुए और चुपचाप कई राज्यों में फैल कर जाने कितने लोगों की मेहनत पे पानी फेर दिया और उन्हें अफसोस तक नहीं।

चलिए आप और हम तो घर पर बैठे थे ,मुझे बेहद दुख और अफसोस उन कर्तव्य निष्ठ पुलिस कर्मियों और डॉक्टर्स, नर्सेज, वार्ड बोयज़, एम्बुलेंस  ड्राइवर्स और अटेंडेंट्स, और सभी कर्मियों के लिए है जो आपातकाल में अपनी और अपने परिवार की चिंता किये बिना दिन और रात देश की और हमारी सुरक्षा में जुटे हैं।

इस परिस्तिथि में देश के हर एक इंसान का कर्तव्य है कि डाक्टर्स और पुलिस कर्मियों के लिए मुश्किल न बढ़ाएं और अगर कुछ नही कर सकते तो घर पर ही रहें और अगर उन समझदार लोग जिनकी  तलाश है उनकी जानकारी मिले तो तुरंत प्रशासन को सूचना दें। आज अचानक इन महकमों पर  काम का बोझ और बढ़ गया है।

यह देश सिर्फ उन पुलिस कर्मियों और डॉक्टर्स का नहीं है कि, वही सब कुछ करें ,यह हर एक भारतवासी का भी कर्तव्य है कि मुश्किल में देश का सहारा बनें।

ज़रा सोचिए इस जंगल की आग की तरह फैलते कोरोना संक्रमण के समय जहाँ हमारी आत्मा कांप उठती है जब हमारा कोई प्रिय बाहर जाता है, तो सोचिये  उन वीर डॉक्टर्स और पुलिस कर्मियों के घर परिवार  के सदस्यों पर क्या बीतती होगी। आइये सभी शपथ लें कि हम घर से बाहर नही जाएंगे और समाज के प्रति पूरी जिम्मेदारी उठाएंगे।
                                                                                         
                                                                                                                             मोनिका जैन                                                                                                                                          डी. बी. सिटी ग्वालियर

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