सख्त मिजाज अफसरों की जुगलबंदी...
सख्त मिजाज अफसरों की टीम से दुरुस्त होगी इंदौर की सेहत
घर में रहने की तमाम चेतावनी इंदौर वालों को रास नहीं आ रही है । अभी तक जो रियायत मिल रही थी जिसकी वजह से वे सडकों पर घुम रहे हैं लेकिन अब जिन प्रशासनिक हाथों में कमान आई है उससे बाद किसी तरह की मनमानी भारी पड़ सकती है । मनीष सिंह की कार्य शैली को 20 साल से देख रहा हूं । जब वे तत्कालीन कलेक्टर मनोज श्रीवास्तव के समय ए डी एम थे । उसके बाद वे मंडी सचिव,ए के वी एन,फिर से ए डी एम इंदौर रहकर शहर के लिये सकारात्मक करते ही रहे । आज खजराना गणेश मंदिर की भव्यता उनकी ही देन है ।
सबसे बडा काम तो शहर के आवारा पशु हटाने का था जो जितने भी अफसर आए वे न कर सके जिसे मनीष सिंह ने निग्मायुक्त रहते हुए किया व गुंडों की आर्थिक रीढ तोडने के काम में डी आई जी हरि नारायणचारी मिश्रा ने भी भरपुर सहयोग किया । नगर निगम को सफाई के तीन बार अव्वल तमगे उनकी रात दिन की अथक मेहनत ने दिलवाए । निगम के लंगड़े घोड़ों को फर्राटा दौड में शामिल करवाने की जो हिम्मत भरी कि आज भी वे पूरी शीद्द्त के साथ शहर को चौथी बार अव्वल बनाए रखने में कामयाब होते नजर आ रहे हैं । जिस तरह क्रिकेट में सलामी बल्लेबाज आतिशी पारी खेल जाए तो पूरी टीम का पहाड सा स्कोर हो जाता है ठीक इसी तरह शहर पूरे देश में आगे बढा है ।
अब जो वक्त है वह संयम बरतने का है । सड़क पर बे वजह घूमने वालों की खेर नहीं होगी साथ ही उन दुकान दारों को भी समझ में आएगा कि ऐसी विकट परिस्थिति में जनता को लूटने की मंशा में उनका कितना अहित हो सकता है* । मनीष सिंह व हरि नारायण चारी मिश्रा की टीम की जुगलबंदी कोरोना के दलदल से इंदौर को निश्चिंत ही बाहर निकाल लाएगी । स्वास्थ अमले को पहली बार मनीष सिंह की सख्ती व परोपकार करने की शैली का पता चलेगा । बहरहाल हम सब की मंशा ये है कि ये शहर की तासीर से वाकिफ अफसरान कामयाब होकर कोरोना के कहर से शहर के वाशिंदों को बचा पाएंगे ।











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