जोखिम भरे कार्यों के बदले पारितोषिक...
सीएम,पीएम पत्रकारों के लिए भी कुछ राहत के बारे में करें विचार
केंद्र सरकार और राज्य की सरकार के द्वारा जिस तरह बीपी एल कार्ड धारियों, श्रमिकों और किसानों इत्यादि को जिस तरह से राहत राशियां एवं मुफ्त खाद्य सामग्री प्रदान करने की घोषणा की गई हैं क्या इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकारों के हितों का भी सरकारों के द्वारा ख्याल नहीं रखना चाहिए।
देश में आज नाम मात्र के बराबर अपने जोखिम भरे कार्यों के बदले पारितोषिक प्राप्त करने वाले पत्रकारों की संख्या नगण्य हैं।
ज्यादातर पत्रकार बगैर किसी सैलरी या मेहनताने के काम करते हैं ,ऐसी स्थितियों में उन पत्रकारों को भी अपने घर परिवार के भरण-पोषण विशेषकर ऐसी विकराल परिस्थितियों में तो और भी कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ता हैं।
उनके सामने भी यही सब परेशानियां है। जिनका सामना इस देश भर आमजन कर रहा है। क्योंकि अधिकांश पत्रकार साथी भी मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं उन्हें भी ऐसे समय में आर्थिक तंगी जैसी तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है , क्या ऐसी स्थितियों में हमारी सरकारों को पत्रकारों के प्रति भी संवेदनशील नहीं होना चाहिए।
पत्रकारिता जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य करने वाले उन सभी पत्रकारों को हमारी सरकारों के द्वारा कुछ ना कुछ राहत राशि प्रदान कर संबल प्रदान करने की आवश्यकता हैं। जिससे कि आने वाले समय में लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ और मजबूती के साथ खड़ा होकर अपनी जिम्मेदारियों को भरपूर तरीके से कार्यों का निर्वहन कर सके।
समाज को सजगता प्रदान करने हेतु अपनी कलम के माध्यम से प्रेरित कर लोगों को आगाह करने वाला लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ आज पूरी तरह उपेक्षा का शिकार हैं। जिस पर हमारी सरकारों एवं जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता हैं।
रवि यादव
जी. न्यूज़ 24 (ग्वालियर न्यूज़ 24)











0 Comments