भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी पहुंचे PM मोदी

बुद्ध पूर्णिमा के विशेष अवसर पर…

भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी पहुंचे PM मोदी

लुम्बिनी। पीएम नरेंद्र मोदी नेपाल पहुंच चुके हैं। जहां उन्होंने नेपाली पीएम शेर बहादुर देउबा के साथ मुलाकात कर महामाया मंदिर में पूजा अर्चना की। पीएम मोदी ने अपने ट्विटर अकांउट पर लिखा, " बुद्ध पूर्णिमा के विशेष अवसर पर नेपाल में आगमन, इस मौके पर यहां के अद्भुत लोगों के बीच आकर खुश हूं और लुम्बिनी में कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं।" अपने समकक्ष देउबा के निमंत्रण पर पीएम मोदी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लुम्बिनी का एक दिवसीय दौरा कर रहे हैं। साल 2014 के बाद से यह प्रधान मंत्री की पांचवीं नेपाल यात्रा है। पीएम मोदी और उनका दल उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से एक विशेष भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे। दक्षिणी नेपाल के तराई मैदानों में स्थित लुम्बिनी बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है, क्योंकि वहां भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था।

इस यात्रा पर आए प्रधानमंत्री लुम्बिनी मठ क्षेत्र के भीतर बौद्ध संस्कृति और विरासत के लिए एक केंद्र के निर्माण के लिए शिलान्यास समारोह में भी भाग लेंगे। नेपाल के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, "बैठक के दौरान, वे नेपाल-भारत सहयोग और आपसी हितों के मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।" रविवार को एक बयान में, पीएम मोदी ने कहा कि वह पिछले महीने अपनी भारत यात्रा के दौरान "उत्पादक" चर्चा के बाद नेपाली प्रधान मंत्री देउबा से फिर से मिलने के लिए उत्सुक थे। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने अपने नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा से जल विद्युत, विकास और संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की। पीएम बुद्ध जयंती पर जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसका आयोजन लुम्बिनी विकास ट्रस्टा ने नेपाल सरकार के सहयोग से किया है। 

अंतरराष्ट्री य बौद्ध संस्कृाति और विरासत केन्द्र  का निर्माण वैश्विक अपील पर भारत स्थित अंतरराष्ट्रीकय बौद्ध परिसंघ द्वारा लुम्बिनी विकास ट्रस्ट‍ के सहयोग से किया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार का संस्कृमति मंत्रालय वित्तीसय सहयोग उपलब्धट कराएगा। अंतरराष्ट्री य बौद्ध परिसंघ संस्कृ ति मंत्रालय के तहत एक अनुदान प्राप्तत निकाय है। यह बौद्ध केन्द्र  नेपाल में पहला शून्यत कार्बन उत्स्र्जन भवन होगा। नेपाल के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, “बैठक के दौरान दोनों नेता नेपाल-भारत सहयोग और आपसी हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।” बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लुम्बिनी में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी शाम चार बजे कुशीनगर लौट आएंगे। पीएम महापरिनिर्वाण स्तूप जाएंगे तथा दर्शन और पूजा करेंगे।

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम हुआ पूरा, 17 मई तक पेश होगी रिपोर्ट

हिंदू पक्ष का दावा- अंदर बाबा मिल गए, मुस्लिम पक्ष ने कहा- ऐसा कुछ नहीं…

ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का काम हुआ पूरा, 17 मई तक पेश होगी रिपोर्ट

रविवार को ज्ञानवापी में दूसरे दिन का सर्वे कार्य संपन्न हुआ। इस दौरान कोर्ट कमिश्नर की मौजूदगी में ज्ञानवापी मस्जिद के गुंबद की जांच की गई। साथ ही छत, ग्राउंड फ्लोर की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई। जहां नमाज पढ़ी जाती है, उस जगह का भी सर्वे का काम किया गया। मस्जिद के उत्तरी पश्चिमी दीवार की भी वीडियोग्राफी की गई। इस दौरान डीएम कौशल राज शर्मा भी सर्वे खत्म होने से पहले सर्वे वाली जगह पर पहुंचे।

तहखानों के खंभों और दरवाजों की माप ली गई। दीवारों की मोटाई भी मापी गई। खंभों से धूल हटाकर आकृतियों की वीडियोग्राफी की गई। सर्वे का काम पूरा होने के बाद 10 सफाई कर्मचारियों को मस्जिद के अंदर बुलाया गया। सर्वे खत्म होने के करीब डेढ़ घंटे बाद सर्वे की टीम बाहर निकली। इस दौरान बताया गया कि थोड़ा काम और बचा हुआ है। सर्वे का काम सोमवार को भी होगा। कल सोमवार को डेढ़ घंटे तक सर्वे होगा। वकील ने बताया कि सर्वे के दौरान शासन प्रशासन का पूरा सहयोग मिला। अब तक के सर्वे में क्या-क्या मिला है। इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। 

हालांकि, रविवार को सर्वे करके बाहर निकले हिंदू पक्ष के वादी ने अपने हक में दावा किया था। उन्होंने कहा था कि हमारा दावा दिनों-दिन और भी मजबूत होता जा रहा है। हिंदू पक्ष के पैरोकार डॉ. सोहनलाल ने कहा कि नंदी जिसकी प्रतीक्षा कर रहे थे वह शिवलिंग मिल गए। इतिहासकारों ने जो लिखा था, वह सही था। जैसे ही बाबा मिले वैसे ही अंदर हर-हर महादेव का उद्घोष हुआ। DM कौशलराज शर्मा ने कहा कि सर्वे को लेकर अगर किसी ने कोई बात कही है या किसी बात का दावा किया है तो यह उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है। कोर्ट कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश करने के बाद कोई भी बात कोर्ट की ओर से ही बताई जाएगी। किसी की निजी बात या राय पर किसी को कोई ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।

दूसरी तरफ सर्वे करके बाहर आए मुस्लिम पक्ष के वकील ने मीडिया से तीन बार ऊंची आवाज में कहा था- कुछ नहीं मिला, कुछ नहीं मिला, कुछ नहीं मिला...। इतना कहते हुए वह चले गए। उधर, अफसरों का कहना है कि वकीलों का कहना है कि सर्वे जब तक पूरा नहीं हो जाता है, इस पर कुछ कमेंट करना उचित नहीं है।

17 मई, यानी मंगलवार को सर्वे की रिपोर्ट वाराणसी कोर्ट में सौंपी जानी है। अब तक के सर्वे में जो कुछ मिला है एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र इसकी रिपोर्ट बनाएंगे। सर्वे में जो भी वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी हुई है उसकी चिप परिसर के बाहर निकलने से पहले ही अफसरों को सौंप दी जाती थी, ताकि उसके लीक होने का संभावना न हो। ज्ञानवापी विवाद मामले में आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी सुनवाई है। एक विवाद से जुड़ी 3-3 याचिकाएं दाखिल हैं। 6 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है।

सर्वे के दौरान क्या-क्या हुआ -

  • सूत्रों के हवाले से खबर आई कि सर्वे में शामिल एक व्यक्ति को अंदर की खबर लीक करने के आरोपों में हटाया गया है।
  • सर्वे के तीसरे दिन पर CM योगी खुद नजर रखे रहे, प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी से उन्होंने जानकारी ली।
  • ज्ञानवापी के गुंबद की वीडियोग्राफी हुई। इसकी बनावट की हाई लैंस कैमरे से फोटोग्राफी भी की गई। कल भी इसका सर्वे किया गया था।
  • ज्ञानवापी के 500 मीटर के दायरे में पब्लिक की एंट्री बैन रही। चारों तरफ से आने वाले रास्तों पर पुलिस-PAC का पहरा रहा।
  • सर्वे के तीसरे दिन ज्ञानवापी की सुरक्षा बढ़ा दी गई। 16 लेयर की सुरक्षा रही। पहले दिन 10 लेयर, जबकि दूसरे दिन 12 लेयर की थी।
  • पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश सर्वे शुरू होते ही सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने मौके पहुंचे। पैदल मार्च कर शांति की अपील की।
  • काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले में विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन दोपहर 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
  • विसेन के नेतृत्व में ही पिछले साल 5 महिलाओं ने कोर्ट में परिसर का सर्वे कराने की याचिका दायर की थी।
  • बुद्ध पूर्णिमा और सोमवार होने से कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर का दर्शन करने पहुंचे हैं।

कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ दें या मरने को तैयार रहें, लश्कर-ए-इस्लाम ने दी धमकी

आतंकवादियों की ओर से जारी किया गया पोस्टर…

कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ दें या मरने को तैयार रहें, लश्कर-ए-इस्लाम ने दी धमकी

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम द्वारा एक पोस्टर जारी कर कश्मीरी पंडितों को धमकी देने की खबर है। लश्कर-ए-इस्लाम ने कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने को कहा है। जम्मू-कश्मीर में सरकारी सेवाओं में लगे कश्मीरी पंडित आतंकवादियों के लगातार निशाने पर हैं। पुलवामा के हवाल ट्रांजिट आवास में रह रहे कश्मीरी पंडित को लश्कर-ए-इस्लाम नाम के आतंकी संगठन ने धमकी दी है। आतंकवादियों की ओर से जारी किए गए एक पोस्टर में कहा गया है कि कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ दें या फिर मौत के लिए तैयार रहें। इस ट्रांजिट आवास में रहने वाले ज्यादातर कश्मीरी पंडित सरकारी नौकरी करते हैं। पोस्टर में लिखा गया है, ' सभी प्रवासी और आरएसएस एजेंट घाटी छोड़ दो या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहो। 

ऐसे कश्मीरी पंडित जो कश्मीर को एक और इजरायल बनाना चाहते हैं और कश्मीरी मुस्लिमों को मारना चाहते हैं, उनके लिए यहां कोई जगह नहीं है। अपनी सुरक्षा दोहरी या तिहरी कर लो, टारगेट किलिंग के लिए तैयार रहो, तुम मरोगे'। यह पोस्टर हवाल ट्रांजिट आवास के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए लिखा गया है। हाल ही में जम्मू कश्मीर के बडगाम में आतंकियों ने राजस्व विभाग के एक अधिकारी को गोली मार दी दी थी। तहसील ऑफिस में आतंकियों ने राहुल भट्ट नाम के अधिकारी को अपना निशाना बनाया था। राहुल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। राहुल कश्मीरी पंडित थे जो लंबे समय से राजस्व विभाग में काम कर रहे थे। आतंकियों ने तहसील दफ्तर में घुसकर उनको गोली मार दी। 

हालांकि इस घटना के 24 घंटे के अंदर ही बांदीपोरा में तीन आतंकियों को मार गिराया था। इनमें मारे गए दो आतंकी राहुल भट्ट की हत्या में शामिल थे। मारे गए दोनों आतंकियों की पहचान फैसल और सिकंदर के रूप में हुई। दोनों ही पाकिस्तानी हैं। इनमें तीसरा आतंकी गुलजार अहमद है, जिसकी पहचान 11 मई को की गई थी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राहुल की पत्नी को जम्मू में सरकारी नौकरी, परिवार को आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ बेटी की पढ़ाई का खर्च उठाने की भी घोषणा की है, लेकिन इस घटना से गुस्साए विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने देश में कई जगह प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार भी इस मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर आ गई है।

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के PM ने विश्व बैंक के साथ की चर्चा

भारत ने डीजल की खेप पहुंचाई…

आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के PM ने विश्व बैंक के साथ की चर्चा

श्रीलंका के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने रविवार को विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिनिधियों के साथ देश के मौजूदा आर्थिक संकट को लेकर चर्चा की। वहीं, गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत ने 4,00,000 मिट्रिक टन से अधिक डीजल वाली 12वीं खेप की आपूर्ति की है। कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट कर कहा कि 12वीं खेप और 4,00,000 मिट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की गई। भारत द्वारा रियायती ऋण योजना के तहत आज कोलंबो को डीजल की ताजा खेप की आपूर्ति की गई। गौरतलब है कि श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने रविवार को कहा कि उन्होंने देश में मौजूदा आर्थिक संकट पर विश्व बैंक और एडीबी के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की और इस दौरान दवाई, भोजन और उर्वरक आपूर्ति के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। 

सरकारी बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान वित्तीय सहायता के लिए एक 'फोरेन कन्सोर्टियम' (विदेशी संघ) गठित करने के संबंध में भी विदेशी प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। वार्ता के सकारात्मक रहने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के लिए तत्कालिक चुनौती आगामी सप्ताह के वास्ते ईंधन आवश्यकताओं के भुगतान के लिए जरूरी धन जुटाना है। उन्होंने कहा कि बैंकों में डॉलर की कमी के कारण सरकार अब आवश्यक धन जुटाने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है। इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रविवार को विधायिका के सभी सदस्यों से अपील की कि वे एकजुट हों और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए तत्काल काम करें, खासतौर पर तब जब आर्थिक संकट की वजह से देश अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। गोटबाया राजपक्षे ने यह टिप्पणी ‘वेसाक पोया दिवस’ के मौके पर की। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें मौजूदा स्थिति के प्रति सचेत रहना चाहिए और उन कार्यक्रम को लेकर एकजुट होना चाहिए जो सभी के संकल्पों पर खरा उतर सके। उल्लेखनीय है कि वेसाक पोया दिवस भगवान बुद्ध के जन्म, निर्वाण और महापरिनिर्वाण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। 

कहा जाता है कि भगवान बुद्ध के जीवन की तीनों घटनाएं एक ही तारीख पर हुई थी। राष्ट्रपति ने कहा  कि  मुश्किल समय में लचीलापन आवश्यक है। इस मौके पर जब देश सबसे खराब स्थिति में है, सभी जन प्रतिनिधियों को तुरंत सभी लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। वास्तविक उद्देश्य मूल लक्ष्य से डिगे बिना इच्छित लक्ष्य तक पहुंचने का होना चाहिए। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने भी इस मौके पर जारी संदेश में लोगों की जिंदगी को पटरी पर लाने की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि यह भगवान बुद्ध के समक्ष की गई प्रतिबद्धता है। उधर, रानिल विक्रमसिंघे ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों को समर्थन दिया है। राष्ट्रपति पर देश को आर्थिक संकट से उबारने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है और प्रदर्शनकारी 9 अप्रैल से कोलंबो के ‘गाले फेस ग्रीन’ में डटे हुए हैं।

जंगल में चुनाव…

निष्कर्ष पर पहुंचे !

जंगल में चुनाव…

सियासी  जंग  जंगल  मे  छिड़ी थी। 

जंगल की जनता चुनाव पे अडी थी।।

हर बार एक ही राजा नही बनाऐगे। 

जानवरो के भी  चुनाव करवाएगे।।

फैसला मतगणना के बाद होगा। 

राजा के पद पर कौन पदासीन होगा।।

निष्पक्षता पूर्वक चुनाव करवाऐगे। 

नामांकन फार्म शिक्षितो के ही भरवाऐगे।।

खर्चे का ब्योरा गिरगिट बताएगे। 

मत गिनती बिल्ली से करवाऐगे।।

सत्ता की दावेदारी सब कर रहे थे। 

शेर की दहाड से मन मे डर रहे थे।।

गधे घोडो से तेज भाग रहे थे ।

अक्लमंद होने की तैयारी कर रहे थे।।

चूहे अपनी बहादुरी बताते थे। 

ज्यादा जनसंख्या पे इतराते थे।।

उल्लू मंत्री बनने की जुगाड मे था। 

भीड मे पीछे पेड की आड मे था।।

चतुराई सियार भी  कर रहे थे। 

नामांकन की साजिश रच रहे थे।।

झींगुर प्रचार का झुनझुना बजा रहा था। 

आलसी भालू अवसर की तलाश मे था।।

पर्चा हाथी भी भरने जाएगा। 

बडी विपदा कौन रोक पाएगा।।

सूची मे सांप जरा पिछड़े थे। 

आस्तीन मे रहेगे जिद पे अडे थे।।

कछुए पर प्रधानी का जुनून था। 

आधार उसका लिंक है सकून था।।

चर्चाऐ शेर चुपचाप सुन रहा था। 

सत्ता जाने का भय अब सता रहा था।।

विरासत पल मे छिन जाएगी। 

पीढ़ियां भूख से बिलख मर जाएगी।।

शेर के दिमाग मे युक्ति कुलमुलाई। 

शराब भर गाड़ी जंगल मे उतरवाई।।

शाम पार्टी है सभी घर आएगे। 

मुफ्त दारू संग मुर्गा भी खाएगे।।

मुफ्त की लीला रंग ला रही थी। 

शेर को निर्विरोध राजा बना रही थी।।

फ्री की फ्रेम मे शेर फिर जड दिया। 

पांच वर्ष का दर्द दारू संग पी लिया।।

मुफ्त की व्यवस्था को आज भी ढो रहा है। 

मुफ्त की गरीबी से गरीब आज भी रो रहा है।।

भूपेंद्र "भोजराज "भार्गव

CM शिवराज संबल योजना के नये स्वरूप संबल 2.0 के पोर्टल का करेंगे शुभारंभ

सिंगल क्लिक से हितग्राहियों के खाते में अंतरित होगी राशि…

CM शिवराज संबल योजना के नये स्वरूप संबल 2.0 के पोर्टल का करेंगे शुभारंभ

ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को संबल योजना में 25 हजार 982 श्रमिक परिवारों को 551 करोड़ 16 लाख रूपये की अनुग्रह सहायता और निर्माण श्रमिकों के 1036 परिवारों को 22 करोड़ 23 लाख रूपये की सहायता राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से वितरित करेंगे। साथ ही योजना के हितग्राहियों से संवाद भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान योजना को और अधिक हितग्राही मूलक बनाने के लिये संबल 2.0 पोर्टल का शुभारंभ भी करेंगे। मुख्यमंत्री निवास पर 16 मई को सुबह 11 बजे होने वाले इस कार्यक्रम में श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह भी उपस्थित रहेगें। संबल योजना से और अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने योजना को नया स्वरूप देते हुए संबल 2.0 योजना शुरू की जा रही है। 

योजना में प्रदेश के तेन्दूपत्ता संग्राहक श्रमिकों को भी असंगठित श्रमिकों की श्रेणी में सम्मिलित किया जायेगा। संबल 2.0 में आवेदन एमपी ऑनलाईन अथवा लोकसेवा केन्द्रों से किये जाने और आवेदन की जानकारी श्रमिक के मोबाईल पर एस.एम.एस अथवा वॉट्सप पर देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना में वे श्रमिक भी नये सिरे से आवेदन कर सकेंगे, जो पहले अपात्र घोषित किये गये थे। प्रमुख सचिव श्रम सचिन सिन्हा ने बताया कि प्रदेश के असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों एवं उनके परिवार के लिए संबल योजना में सहायता राशि देने का प्रावधान है। अनुग्रह सहायता योजना में दुघर्टना मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये एवं सामान्य मृत्यु होने पर 2 लाख रूपये की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार स्थायी अपंगता पर 2 लाख रूपये एवं आंशिक स्थायी अपंगता पर एक लाख तथा अंतिम संस्कार सहायता के रूप में 5 हजार रूपये प्रदान किये जाते हैं। 

योजना में महिला श्रमिकों को प्रसूति सहायता के रूप में 16 हजार रूपये दिये जाते हैं, वही श्रमिकों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा भी उपलब्ध करायी जा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चौहान ने विगत 27 सितम्बर 2021 को मुख्यमंत्री जन-कल्याण संबल योजना में असंगठित क्षेत्र के 14 हजार 475 श्रमिक परिवारों को मृत्यु सहायता के रूप में 321 करोड़ 35 लाख रूपये की अनुग्रह राशि अंतरित की थी। प्रदेश में असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों श्रमिकों के लिए "संबल" अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है, जिसमें श्रमिक को जन्म से लेकर पूरे जीवनकाल तक आर्थिक सहायता प्राप्त होती है। वास्तविक अर्थों में यह श्रमिकों का संबल है। मुख्यमंत्री चौहान ने श्रमिकों के हित में इस योजना को पुन: शुरू किया है।

भोपाल में अवैध धर्मांतरण मामले में स्कूल संचालक समेत 5 पर केस दर्ज

हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर ईसाई धर्म को बताया श्रेष्ठ…

भोपाल में अवैध धर्मांतरण मामले में स्कूल संचालक समेत 5 पर केस दर्ज

राजधानी भोपाल में अवैध धर्मांतरण का मामला सामने आया है। बैरागढ़ के निजी स्कूल में रविवार को हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर ईसाई धर्म को श्रेष्ठ बताया जा रहा था। पुलिस ने स्कूल संचालक समेत 5 पर केस दर्ज किया है। बैरागढ़ पुलिस थाने में महेंद्र उर्फ मिक्की दास ने क्राइस्ट मेमोरियल स्कूल बैरागढ़ के अंदर हिंदू समाज के लोगों की भावनाएं भड़का कर हिंदू धर्म से ईसाई धर्म अपनाने की गतिविधि संचालित होने की शिकायत की। 

पुलिस को शिकायत कर्ता ने बताया कि वह रविवार को क्राइस्ट मेमोरिया स्कूल गया था। जहां कुछ लोग ईसाई धर्म का प्रचार की आड़ में संदिग्ध गतिविधियों कर रहे थे। शिकायतकर्ता के अनुसार वहां हिंदू देवी देवताओं के धार्मिंक ग्रंथ और हनुमान चालीसा के खिलाफ आपत्तिजनक बातें बताई जा रही थीं। साथ ही ईसाई धर्म के धार्मिंक ग्रंथों को श्रेष्ठ बताया जा रहा था और लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए उकसाया जा रहा था। शिकायतकर्ता ने कहा कि इससे हिंदू समाज के लोगों को काफी ठेस पहुंची है। 

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि स्कूल संचालक मैनिस मैथ्यूज और पाल पोलूस हिंदू धर्म से ईसाई धर्म परिवर्तन के लिए लगातार व्याख्यान कर लोगों को शिक्षा दिला रहे थे। शिकायत पर पुलिस ने स्कूल में दबिश दी। जहां संदिग्ध गितिविधियों के बाद पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई।  वहीं, इस मामले में बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी भोपाल कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर से बात कर जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है।