मुनाफाखोर ने Besan की जगह थमाया मक्के आटा

शिकायत करने पर ग्राहक को धमकाया…

मुनाफाखोर ने बेसन की जगह थमाया मक्के आटा 

ग्वालियर। ग्वालियर के दाल बाजार तिराहा और नया बाजार में स्थित इस किराने और थोक के अनाज की दुकान के लॉक डाउन अवधि में खुले होने पर स्थानीय निवासियों ने कोरोनावायरस का हवाला देते हुए दुकान को बंद करने की सलाह दी तो दुकान के बुजुर्ग संचालक भड़क उठे। 

उन्होंने अपने बेटा ,बेटियों के डॉक्टर इंजीनियर और एमबीए होने का हवाला देते हुए यह कहना शुरू कर दिया कि उनके भी बहुत से आईएएस और आईपीएस लोगों से संपर्क हैं। किराना गेहूं और साबुत अनाज के थोक विक्रेता के रूप में यह दुकान मैसर्स राहुल ट्रेडिंग कंपनी, नया बाजार लश्कर, के नाम से संचालित है। 

कुछ ग्राहकों ने यहां बेसन के मिलावटी होने और बेसन के नाम पर मिलावटी मक्के का आटा देने की शिकायत की थी। जिस पर दुकान संचालक भड़क गए। आटे में भी मिलावट की शिकायतें इस दुकान पर हैं। बुजुर्ग व्यापारी ने स्थानीय निवासियों को धमकी देते हुए कहा कि उनकी किराने की दुकान पर सामान लेने कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी आते हैं। 

अगर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। किराना व्यापारी का ये अहम भरा बयान आप खुद ही सुन लीजिए। गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने कोराना कर्फ्यू और लॉक डाउन के दौरान केवल आवश्यक सेवा के लिए मेडिकल स्टोर सहित कुछ अन्य सामान्य की निर्धारित समय में बिक्री की छूट दी है।

पिछले 24 घंटों में मिले 2.95 लाख से ज्यादा केस, 2000 से ज्यादा लोगों की मौत

संक्रमण के पिछले सारे रिकॉर्ड टूटे…

पिछले 24 घंटों में मिले 2.95 लाख से ज्यादा केस

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट चुके हैं और जिस रफ्तार से नए मामले आ रहे हैं उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि देश में कोरोना संक्रमण का बम फूट चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के 2.95 लाख से ज्यादा मामले आए हैं।

 कोरोना संक्रमण को लेकर कभी अमेरिका में जिस तरह के हालात थे और उसी तरह के हालात भारत में नजर आ रहे हैं। देश में अब कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों का आंकड़ा 21.57 लाख के भी पार पहुंच गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार सिर्फ कोरोना संक्रमण के मामले ही नहीं बढ़े हैं बल्कि देश में कोरोना की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में कोरोना की वजह से 2023 लोगों की जान चली गई है। सबसे ज्यादा मौतें, महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़,उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में हुई हैं। 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र में 351 लोगों की जान गई है जबकि दिल्ली में 240 लोगों को कोरोना ने अपना शिकार बनाया है।

विकास दुबे एनकाउंटर में UP पुलिस को मिली क्लीन चिट

सबूतों के अभाव में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला…

विकास दुबे एनकाउंटर में UP पुलिस को मिली क्लीन चिट

कुख्यात अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस को बड़ी राहत मिली है। उत्तर प्रदेश पुलिस सबूतों के अभाव में सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई है। 

इस मामले की जांच करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित की गई रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान समिति ने उत्तर प्रदेश पुलिस को क्लीन चिट दे दी है।

कोरोना के बेकाबू होने पर रक्षा मंत्री ने सेना को किया Alert !

कोरोना की दूसरी लहर जानलेवा हो जाने के बाद…

कोरोना के बेकाबू होने पर रक्षा मंत्री ने सेना को किया अलर्ट

नई दिल्ली। कोरोनावायरस की दूसरी लहर की जानलेवा बन जाने के बाद केंद्र सरकार काफी चिंतित है और अब केंद्र सरकार ने इसको ना महामारी से निपटने के लिए सेना को अलर्ट कर दिया और निर्देश दिए हैं कि वह तैयार रहें क्योंकि राज्य सरकारों को उनकी मदद की कभी भी जरूरत पड़ सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना को को अलर्ट करने हुए कहा की कोरोना से लड़ाई में अब सेना को तैयार रहने तथा युद्ध स्तर पर तैयारी करने के लिए गए सेना को निर्देश दिए है। 

रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, रक्षा सचिव और डीआरडीओ चीफ से की बात और कहा-की स्थानीय सेना कमांडरों को निर्देश दिया जाए की वे अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संपर्क में रहें। रक्षा मंत्री ने कहा की सेना की ओर से उपलब्ध सुविधाओं और विशेषज्ञता को कोविड-19 संकट के समय में राज्यों में नागरिकों के लिए उपलब्ध कराएं।

महाराष्ट्र में लगेगा Total Lockdown !

ऑक्सीजन की सप्लाई की कमी को देखते हुए…

महाराष्ट्र में लगेगा टोटल लॉकडाउन !

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस टूट पड़ा है हर दिन यहां 50 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे है। ऐसे में उद्धव सरकार के लिए इसे रोकना चुनौती बन गई है। अब प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन लगाने की तैयारी हो गई है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मंत्रीमंडल के सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग की है कि गंभीर लॉकडाउन की जरूरत है। 

गंभीर मतलब पहली बार जैसा लॉकडाउन था, उन्होंने कहा कि ट्रेन और बस के बारे में आज और कल में बारीकी से अध्ययन कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मंत्री राजेश टोपे ने आगे कहा कि कल रात 8 बजे के बाद सीएम उद्धव ठाकरे लॉकडाउन के बारे में घोषणा करेंगे और वे स्वयं इसके बारे में निर्णय लेंगे। 

मंत्रीमंडल ने यह उनपर सौंपा है। वहीं मंत्री असलम शेख ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की कमी को देखते हुए राज्य पूर्ण लॉकडाउन की तरफ बढ़ रहा है। इससे संबंधित गाइडलाइन की घोषणा जल्द की जाएगी। राज्य शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि 10वीं बोर्ड परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया है और 12वीं बोर्ड के एग्जाम बाद में कराए जाएंगे।

आओ हम सब करें अपराध मुक्त INDIA का निर्माण..!

आओ हम सब करें अपराध मुक्त भारत का निर्माण..!

अपराध मुक्त भारत मिशन के माध्यम से भारतीय पुलिस का पूर्ण, सामयिक एवं आधुनिक रूपान्तर आवश्यक है आओ मिलकर इसे संभव बनाये। समय की तकनीकी जटिलताओं के लिये हमारे  पुलिस फोर्स अभी पूरी तरह से तैयार नही है। तकनीक का लगातार उन्नत  होने से सामाजिक एवं आर्थिक तानेवाने में आ रहे परिवर्तनों के कारण जमीनी हकीकत ज्यादा पेंचीदगी एवं चुनौतीपूर्ण हो गयी है । पुलिस का कार्य और भी कठिन व चातुर्यपूर्ण हो गया है। पुलिस प्रशिक्षण उसे इसके लिये तैयार करने के लिये समुचित प्रयास भी नही कर पा रहा है। कोरोना के समय डिजिटाइज इन्टरेक्शन में भारी बढ़ोत्तरी हुई है साइबर अपराधों में अप्रत्याशित बढोत्तरी हुई है। 

भारत शासन के द्वारा 30 अगस्त 2019 को साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिये एक पोरटल लॉच किया था। गृह मंत्रालय के द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस पोर्टल पर 2 लाख से अधिक रिपोर्ट्स प्राप्त होने बाबजूद मात्र 2.5 प्रतिशत प्रकरणों में ही प्राथमिकी दर्ज हुई है। इसका अर्थ है कि 97.5 प्रतिशत प्रकरणों में अपराधों का पंजीयन ही नही हुआ, यह तब हो रहा है जबकि माननीय उच्चतम न्यायालय के लगातार संज्ञेय अपराधों की सूचनाओं पर प्राथमिकी दर्ज करने की अपरिहार्यता पर जोर दिया जा रहा है। अब प्रश्न यह उठता है कि क्या यह सब राजनैतिक सांठगांठ के तहत हो रहा है ? क्या इसे कानून का राज कहा जा सकता है ? 

आम आदमी कहां जाये ? उसकी सुनवायी होगी अथवा नही ? और यदि सुनवाई होगी भी  होगी तो क्या उसे न्याय मिल पायेगा। सबसे बड़ी बात उसके बाद कौन सुनेगा और कहां सुनेगा ? क्योंकि इस गूँगी एवं लंगड़ी व्यवस्था में जनता की रिपोर्टिंग का नक्कारखाने में तूती की आवाज जैसा हस्र होगा। यदि सरकारों में बैठे राजनेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत के कारण जनता के साथ घटित होने वाले अपराधों में से अधिकांश केस तो रजिस्टर्ड ही नहीं हो पाते हैं। कारण जो भी हों, क्या इस जिम्मेदारी का निर्वहन बेशर्म राजतंत्र करेगा या किया हम इन्हें जनहित के सामयिक एवं आवश्यक निर्णयों को लेने के लिये मजबूर कर पायेंगें ? 

यदि हाँ तो इसके लिये हमारी रणनीति क्या होनी चाहिए ? मुझे लगता है कि अब समय आ गया है और इसका किसी ना किसी को तो यह बीड़ा उठाना ही होगा। इसलिए हमें यह पहल करना ही होगी। यदि हमारा राजतंत्र स्वार्थी, खुदगर्ज एवं अपराधिक मानसिकता से ग्रसित हो गया है तो हमें इसमें सुधार लाने इसे ठीक करने के लिए पूरी लग्न और एकाग्रता के साथ इस दिशा में कार्य करना होगा इस चुनौती को स्वीकार करना ही पड़ेगा क्योंकि यह समय और परिस्थितियों की मांग भी है। इसके अतिरिक्त और कोई विकल्प वर्तमान परिपेक्ष में नही है। आओ हम सब मिलकर करें अपराध मुक्त भारत का निर्माण।

इंदौर, भोपाल और उज्जैन होंगे टोटल लॉक : CM शिवराज