अगले पांच महीनों में विवाह के केवल पांच मुहूर्त !

गुरू शुक्र का तारा अस्त के चलते, मुहूर्त के साथ वैश्विक महामारी की मार...

अगले पांच महीनों में विवाह के केवल पांच मुहूर्त !

वर्ष 2020 में अभी 40 दिन शेष है और23 अप्रैल तक विवाह के 5 मुहूर्त पञ्चाङ्ग ने निर्धारित किए हैं.. पांच माह में विवाह के मात्र पांच ही शुभ मुहूर्त है..विवाह योग्य युवक एवं युवतियों के धैर्य का बांध टूट रहा है। पंचांगों की माने तो 23 अप्रैल 2021 तक विवाह के मुहूर्त सिर्फ 5 ही है।दिसंबर 2020 में 25-30 नवंबर को विवाह तिथियों के साथ ही 2020 में 7, 9,11 दिसम्बर को विवाह के मुहूर्त है।आगे शेष दिसम्बर, जनवरी, फरवरी, मार्च व 23 अप्रैल 2021 तक विवाह का एक भी मुहूर्त नही है।

16 फरवरी को बसंत पंचमी पर शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह योग्य युवक-युवतियां घोर निराशा में है।वसन्त पंचमी का अबूझ मुहूर्त माना जाता है किंतु शुक्र के तारा अस्त होने से मजा ही बिगड़ गया। अब लोगों को देव उठनी एकादशी का इंतजार है। देव उठते ही विवाह आदि मंगल कार्यों का सिलसिला शुरू होगा, शहनाइयों की गूंज सुनाई देने लगेगी।जिन विवाह योग्य युवक युवतियों की विवाह की तारीख नही निकल रही है उन्हें अब देवउठनी ग्यारस का इंतजार करना होगा, 150 दिनों में मात्र 5  ही विवाह की तिथियां होने के कौन कौन से ज्योतिषीय कारण है?..दिनांक 15 दिसम्बर 20 से 14 जनवरी 21 तक धनु संक्रांति अर्थात मलमास है,आगे गुरु व शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह के मुहूर्त नही है।

17 जनवरी 2021 से 13 फरवरी 21 तक गुरु का तारा अस्त होने से विवाह के मुहूर्त नही हैवहीं  14 फरवरी 2021 से आगामी 18 अप्रैल 21 तक शुक्र का तारा अस्त होने से विवाह आदि मांगलिक कार्यों के मुहूर्त पञ्चाङ्ग कारों ने निर्धारित नही किये है। आगे 24 अप्रैल से विवाह आदि शुभ कार्य हो सकेंगे। इस प्रकार आज से आगे पांच माह तक मलमास,गुरु शुक्र का तारा अस्त  होने से विवाह आदि शुभ कार्यों के मुहूर्त नही बन रहे है।अब निगाहे 2021 अप्रैल पर, टिकी है।

संविधान दिवस के रूप में ही नहीं बल्कि मुक्ति दिवस के रूप में भी मनाया जाए

26 नवंबर को दलितों पिछड़ों व शोषितो के…

संविधान दिवस के रूप में ही नहीं बल्कि मुक्ति दिवस के रूप में भी मनाया जाए

26 नवंबर सन 1949 को परम पूजनीय विश्व रतन बोधिसत्व बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के संघर्षों त्याग वह अथक प्रयासों के परिणाम स्वरूप ही विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान जो 7 देशों के संविधान की अच्छाइयों से लेकर बना जो समता स्वतंत्रता बंधुत्व और न्याय पर आधारित है जिसे बनाने में 2 साल 11 माह 18 दिन का समय लगा।  26 नवंबर सन 1949 से पहले भारत में मनुस्मृति या मनु का विधान लागू हुआ करता था जो असमानता व जाति वर्ण व्यवस्था पर आधारित का जिसमें देश के 85% वर्ग को उनके मूलभूत अधिकारों जैसे शिक्षा रोजगार सम्मान संपत्ति से वंचित रखा गया था जिसमें समाज को चार भागों में बांटा गया था जो क्रमशः ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र थे। 

जिसमें प्रजातंत्र का प्रावधान था इसमें राजा के मरने के बाद उसकी औलादे हीं राजा हुआ करती थी किंतु 26 नवंबर 1949 के बाद भारत में संविधान की बदौलत लोकतंत्र स्थापित हुआ जो जनता के लिए जनता के द्वारा जनता का शासन की प्रणाली पर आधारित है जिसमें भारत के प्रत्येक नागरिक को एक मत यानी वोट का अधिकार दिया गया जिसके आधार पर वह अपने कुशल नेतृत्व के लिए किसी को भी अपना प्रतिनिधि चुन सके। परम पूज्य बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने इस देश के शोषित पिछड़ों के वंचितों को वोट का अधिकार दिलाने के लिए 1932 में इंग्लैंड के लंदन में जाकर अंग्रेजो से जोरदार  प्रतिनिधित्व किया और उन्हें वयस्क मताधिकार दिलाया और देश को एक मजबूत लोकतांत्रिक देश बनाने के सभी समुदायों, जातियों, धर्मो, पंत को समान अधिकार अवसर की स्वतंत्रता प्रदान की । 

26 नवंबर को संविधान के सम्मान में हमें इस राष्ट्र ग्रन्थ के आदर्शों पर चलकर देश मे समता स्वतन्त्रता  बंधुत्व  व न्याय का प्रचार प्रसार करना चाहिए और इस दिन को दलितों पिछडो शोषितों वंचितों को अपनी मुक्ती दिवस के तोर पर मनाना चाहिए। आओ सब मिलकर 26 नवंबर को अपने बच्चो को इस दिन के महत्व को बताए और प्रण करें कि संविधान जिसकी बदौलत आज हम मौलिक अधिकार प्राप्त है उसे प्रतिदिन पढेंगे और उसे अपने जीवन मे उतारने का काम करेंगे तथा जीवनपर्यन्त उसकी रक्षा के लिए तत्पर रहेंगे।

बिना बताए शादी करने पर ₹5000 और 100 से अधिक लोगों के आने पर लगेगा ₹25000 जुर्माना

राजस्थान में  8 जिलों में रात्रि कर्फ्यू लागू…

बिना बताए शादी करने पर ₹5000 और 100 से अधिक लोगों के आने पर लगेगा ₹25000 जुर्माना

कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ अशोक गहलोत सरकार ने जंग तेज कर दी है. अब बिना सूचना दिए विवाह करने पर आयोजनकर्ता पर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. साथ ही विवाह समारोह में 100 से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर सरकार ने जुर्माना राशि 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दी है. सरकार अब विवाह समारोह की वीडियोग्राफी भी करवाएगी. 

इस संबंध में राज्य के गृह विभाग के ग्रुप 5 में आज अधिसूचना जारी कर दी गई है. बता दें कि राजस्थान में शादियों का सीजन चल रहा है, ऐसे में सरकार का प्रयास है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए कठोर प्रावधान किया जाए. गहलोत सरकार विवाह समारोह में 100 से अधिक व्यक्तियों को नियंत्रित करने के लिए इसकी वीडियोग्राफी कराएगी. 

प्रदेश के सर्वाधिक कोरोना प्रभावित 8 जिलों में रात्रि कर्फ्यू लागू करने के बाद अब सरकार ने यह अहम निर्णय लिया है. विवाह समारोह पर नजर रखने के लिए वीडियोग्राफी कराने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि इसमें 100 से अधिक व्यक्ति शामिल ना हों. ताकि बेकाबू होते कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल सके. राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार विवाह समारोह में 100 व्यक्ति शामिल हो सकते हैं.

कांग्रेस की जीत में योगदान देने वाली विजयलक्ष्मी ले सकती हैं कमलनाथ की जगह

राज्य में कांग्रेस की गिरती हुई छवि सुधारने हेतु…

कांग्रेस की जीत में योगदान देने वाली विजयलक्ष्मी ले सकती हैं कमलनाथ की जगह

प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हाल ही में हुए उपचुनाव में करारी हार के बावजूद एक खास सीट पर मिली जीत से उसके हौसले बुलंद हैं। चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली डबरा विधानसभा सीट और यहां से भाजपा की उम्मीदवार इमरती देवी को कांग्रेस नेता सुरेश राजे ने मात दी थी। अब इस सीट पर कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने में अहम योगदान देने वाली विजयलक्ष्मी साधो को पार्टी बड़ा इनाम दे सकती है। 

डबरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की प्रभारी रहीं साधो को, कमलनाथ के नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने पर, यह जिम्मेदारी मिल सकती है। साधो कई दिग्गज नेताओं को पीछे छोड़ते हुए इस पद की प्रमुख दावेदार बन गई हैं। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का कहना यही है कि नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इसका फैसला पार्टी नेतृत्व ही लेगा। लेकिन, कहा जा रहा है कि साधो के आने से राज्य में कांग्रेस की गिरती छवि सुधर सकती है। 

बता दें कि उपचुनाव के परिणाम सामने आने के साथ ही कमलनाथ के नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने की अटकलें शुरू हो गई थीं। इन सबके बीच कई अन्य नेता भी यह पद पाने के लिए मशक्कत करने में जुट गए हैं। इसमें कमलनाथ के समर्थक सज्जन सिंह वर्मा, बाला बच्चन और एनपी प्रजापति जैसे नेताओं का नाम प्रमुख है। उधर, दिग्विजय सिंह के समर्थक डॉ. गोविंद सिंह भी इस पद के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं।

संक्रमण रोकने जन-जागृति और जनसहयोग से करें बचाव के उपाय : CM

मुख्यमंत्री ने वी.सी. के माध्यम से की जिलेवार समीक्षा…

संक्रमण रोकने जन-जागृति और जनसहयोग से करें बचाव के उपाय : CM

ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, देश और प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण गत दिनों में बढ़ा है। कुछ शहरों में अधिक बढ़ा है। आमजन में जागृति लाकर और जनसहयोग से बचाव के सभी उपाय अपनाकर संक्रमण को रोकने के निर्देश मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना संक्रमण की दर सामान्य से अधिक है, वहां जिले के प्रभारी अधिकारी और जिला प्रशासन जनसहयोग लेकर बचाव के सभी उपाय सुनिश्चित करें। आमजन को स्वयं आगे आकर मास्क का उपयोग करने, सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने, रात्रि में देर रात तक दुकान नहीं खोलने, भीड़ होने से रोकने और जनता कर्फ्यू लगाने जैसे उपाय करने के लिए प्रेरित किया जाए। जिला क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप प्रभावी भूमिका निभाएं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आपदा प्रबंधन समिति की बैठकों के निर्णय राज्य शासन को मिल गये है। 

इन पर विचार कर अनुमति दी जा रही है। कोरोना संक्रमण को समाप्त करने के लिए प्रयासों के अंतर्गत जिला-स्तरीय आपदा मेनेजमेंट ग्रुप को प्रभावी और सशक्त बनाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि कलेक्टर्स देखें कि कहीं भी बाजार और मोहल्लों को अनावश्यक रूप से बंद नहीं किया जाए। जहां जरूरी हो वहीं बंद रखने का निर्णय लें। बाजार बंद करने की स्थिति में यह सुनिश्चित हो कि आवश्यक वस्तुओं फल, दूध, सब्जी आदि के परिवहन पर रोक नहीं लगाई जावे। यह कार्य निर्बाध होता रहे, लोगों को दिक्कत नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिक संक्रमण दर वाले जिलों के कलेक्टर्स से संक्रमण रोकने, अपनाये गये उपायों की जानकारी ली। कलेक्टर्स ने बताया कि त्यौहारों के कारण बाजारों में भीड़ बढ़ी थी। इसके कारण ही कोरोना के प्रकरण पुन: बढ़ने लगे हैं। प्रदेश में अलग-अलग जिलों में कोरोना संक्रमण बढ़ने की दर अलग-अलग है। 

परन्तु इन्दौर, भोपाल, विदिशा, रतलाम, ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर तथा धार जिलों में यह दर अधिक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन जिलों में प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और आम जनता से गंभीरतापूर्वक कोविड गाईडलाइन का पालन करने का संकल्प लेने और आवश्यक प्रतिबंध लगाने के लिये कहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कुछ जिलों में संक्रमण रोकने के लिए नवाचार किए हैं। उज्जैन कलेक्टर ने आमजन को मास्क के महत्व से अवगत करवाने के लिए रोको-टोको अभियान चलाया है, जिससे संक्रमण के नियंत्रण में आसानी होगी। धार कलेक्टर ने भी उद्योगपतियों और व्यापारियों से स्वैच्छिक सहयोग प्राप्त किया है। जनता कर्फ्यू के नाम से रात्रिकालीन कर्फ्यू की व्यवस्था प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता स्वयं जागरूक रहे तो प्रकरण नहीं बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में नए कोरोना प्रकरणों में 85 प्रतिशत शहरी क्षेत्र से और 15 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्र से आए हैं। 

शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़ अधिक रहती है। अत: शहरों में सुरक्षित दूरी बनाने की आवश्यकता अधिक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने युवाओं से लापरवाही न करने कीअपील की। उन्होंने कहा िक कोरोना से बचाव के सभी उपायों को अपनाएं। क्योंकि कोविड के कुल रोगियों में युवाओं का प्रतिशत अधिक है। जबकि बुजुर्ग सावधानी बरत रहे हैं। इसलिए उनका प्रतिशत 10 है। बैठक में बताया गया कि नये प्रकरणों में पुरुषों के 69 प्रतिशत तथा महिलाओं के 31 प्रतिशत प्रकरण आये हैं। महिलाएं कोविड की गाईडलाइन का अधिक सतर्कता के साथ पालन कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपील की, प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का जीवन और स्वास्थ्य अनमोल है। इसलिए जब-तक दवा और वैक्सीन नहीं तब-तक बचाव के उपाय अपनाना बहुत आवश्यक है। जरा भी लापरवाही और ढ़िलाई नहीं होने दी जाए। सभी नागरिक मास्क लगायें, आपस में दूरी बनाये रखें। भीड़भाड़ नहीं करें।

अब शादियों में शामिल हो सकेंगे केवल 200 लोग

महीनों के इंतजार के बाद भी धूमधाम से नहीं कर सकेंगे शादी…

अब शादियों में शामिल हो सकेंगे केवल 200 लोग

कोरोना संक्रमितों की संख्या एक बार फिर से बढ़ने लगी है। ऐसे में कई शहरों में रात में कर्फ्यू लगने लगा है, जबकि शादियों में भी मेहमानों की संख्या कम रखने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। 

देश और प्रदेश में आई कोरोना की दूसरी लहर के चलते सरकार और प्रशासन शादी-समारोहों और मांगलिक कार्यों में शामिल होने वाले मेहमानों की संख्या सीमित करने की तैयारी में है। इसका असर यह हो रहा है कि अंतिम वक्त पर लोगों को शादी की पूरी योजना बदलना पड़ रही है।

मध्य प्रदेश सरकार ने भी ग्वालियर सहित पांच जिलों में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रात्रि कालीन कर्फ्यू लगा दिया है। साथ ही शादियों में मेहमानों की संख्या 200 तय कर दी है। 

ग्वालियर के न्यू दयाल बैंड के संचालक मुकेश कुकरेजा का कहना है कि दिसंबर तक जितनी शादियों की बुकिंग हुई है, उनमें से 50% ने पूर्व में शादी कैंसिल कराई थी। उसी बुकिंग की राशि को समायोजित किया जा रहा है।

कलेक्टर ने डिजिटल म्यूजियम एवं टाउन हॉल का किया निरीक्षण

वर्ष भर कार्यक्रम आयोजित करने के लिये प्लान बनाने के दिए निर्देश…

कलेक्टर ने डिजिटल म्यूजियम एवं टाउन हॉल का किया निरीक्षण

ग्वालियर। स्मार्ट सिटी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा बाड़े पर स्काउट एण्ड गाइड परिसर में बनाए गए डिजिटल म्यूजियम का रविवार को देर शाम कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री सिंह ने संग्रहालय में बनाई गई विभिन्न 16 गैलरियों का मुआयना किया। 

उन्होंने इस अवसर पर निर्देश दिए कि संग्रहालय में आने वाले सैलानियों से कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाए। खासकर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने जैसी सावधानियों का अनिवार्य रूप से पालन करवाया जाए। इस मौके पर स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने संग्रहालय के निरीक्षण के दौरान कहा संग्रहालय में ग्वालियर की प्राचीन कलाओं को जीवित करने के लिये शहर के कलाकारों को भी भागीदार बनाया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने संग्रहालय के बाद बाड़े पर स्थित टाउन हॉल का भी निरीक्षण किया।  

उन्होंने निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि टाउन हॉल में विभिन्न तरह के काँसर्ट आयोजित कराए जाएं। इसके लिये विधिवत किसी कंपनी या संस्था को अधिकृत कर 365 दिन का प्लान बनवाएँ, जिससे शहर की आम जनता ज्यादा से ज्यादा जुड सके। साथ ही शहरवासियों को बेहतर से बेहतर सांस्कृति कार्यक्रम देखने को मिल सकें।