नाम वापसी के आखिरी दिन 4 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए

जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों से 35 प्रत्याशी चुनाव मैदान में…

नाम वापसी के आखिरी दिन 4 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए 

ग्वालियर। जिले के तीनों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से 35 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमायेंगे। सोमवार 19 अक्टूबर नाम वापसी का आखिरी दिन था। आखिरी दिन कुल 4 प्रत्याशियों द्वारा अपनी अभ्यर्थिता वापस ली गई। मालूम हो जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों से कुल 51 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किए थे। गत 17 अक्टूबर को नाम निर्देशन पत्रों की जाँच के दौरान 12 प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त हो गए थे। चार अभ्यर्थियों द्वारा नाम वापसी के बाद शेष रहे सभी 35 प्रत्याशियों को संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा चुनाव चिन्ह आवंटित करने की कार्यवाही की गई। जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र ग्वालियर एवं ग्वालियर पूर्व से 2 - 2 प्रत्याशियों ने अपनी अभ्यर्थिता वापस ली है। नाम वापसी के बाद जिले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र – 15-ग्वालियर में 9 उम्मीदवार, ग्वालियर पूर्व में 12 उम्मीदवार एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र - डबरा (अजा.) में 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 

इन्होंने लिए नाम वापस -

विधानसभा क्षेत्र 15-ग्वालियर से धीरज यादव निर्दलीय व राज डण्डौतिया माई के लाल निर्दलीय, विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर पूर्व से पोहप सिंह निर्दलीय व विनोद कदम निर्दलीय। 

विधानसभा क्षेत्रवार चुनाव मैदान में इतने उम्मीदवार -

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-15 ग्वालियर – प्रद्युम्न सिंह तोमर भारतीय जनता पार्टी, सुनील शर्मा इंडियन नेशनल कांग्रेस, हरपाल मांझी बहुजन समाज पार्टी, अनिल कुमार परिवर्तन समाज पार्टी, चीना बेगम पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) व रोशन बेग समाजवादी पार्टी। जितेन्द्र त्रिपाठी, देवेन्द्र सिंह तोमर व सुनील शर्मा सभी निर्दलीय । 

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-16 ग्वालियर पूर्व – महेश बघेल बहुजन समाज पार्टी, मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) भारतीय जनता पार्टी, डॉ. सतीश सिकरवार इंडियन नेशनल कांग्रेस, सुनील शर्मा सपाक्स पार्टी व हेमन्त राम पुरे पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक)। केशकली जाटव, जावेद खान, नरेश कुमार सिंह, बालमुकुंद नामदेव, महेन्द्र कुमार बघेल, मुकेश व मीनाक्षी जैन सभी निर्दलीय । 

विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र-19 डबरा (अजा.) -  इमरती देवी भारतीय जनता पार्टी, सुरेश राजे इंडियन नेशनल कांग्रेस, संतोष गौड़ बहुजन समाज पार्टी, अवतार सिंह राष्ट्रीय रक्षक मोर्चा, जसवंत सिंह पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) व राकेश सिंह परिहार समाजवादी पार्टी । अनिल अगरैया, धर्मेन्द्र सिंह, आर डी मण्डेलिया, मिथुन कोरी, राजेन्द्र सिंह, लाल कृष्ण इंजीनियर, हरचरण लाल राजौरिया व प्रीति जाटव सभी निर्दलीय ।

115 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबन एवं कार्रवाई के नोटिस

प्रशिक्षण में गैर हाजिर रहना पड़ा भारी…

115 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबन एवं कार्रवाई के नोटिस 

ग्वालियर। मतदान दलों के प्रशिक्षण में गैर हाजिर रहना 115 अधिकारी-कर्मचारियों को भारी पड़ा है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने इन सभी के खिलाफ लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत निलंबन एवं सख्त वैधानिक कार्रवाई करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। सभी से तीन दिन में कारण बताओ नोटिस के जवाब मांगे गए है।

जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं उनके नाम इस प्रकार हैं - नीरज गौड अध्यापक, महाराज सिंह मौर्य अध्यापक, राजीव कुमार सहायक शिक्षक, कमलकिशोर जाटव अध्यापक, गुंजन गुप्ता कार्यालय अधीक्षक, कल्पना कश्यप कार्यालय अधीक्षक, देवेन्द्र सिंह गुर्जर सहायक प्राध्यापक, मंगला मुले सहायक शिक्षक, मंजुलता जैन सहायक शिक्षक, विवेक सक्सेना सहायक लेखा अधिकारी, सौरभ भट्टाचार्य सहायक प्राध्यापक, अंगद सिंह गोझा सहायक प्राध्यापक, विमल गर्ग एसोसिएट प्रोफेसर, चंद्रशेखर मालवीय प्राध्यापक, विक्रम सिंह राजपूत ट्रेनिंग प्लेसमेंट ऑफीसर, डॉ. मंजरी पण्डित प्रोफेसर, विपिन कुमार बंसल प्राध्यापक, प्रभात कुमार शर्मा प्राध्यापक, मेघा सालूंके लिपिक, मीरा देवी मिश्रा अध्यापक, महेन्द्र सिंह भदौरिया सहायक लेखापाल, गिरीश शर्मा प्राध्यापक, प्रज्ञा प्रधान ग्रंथपाल, ऋषभ सिंघल संभागीय लेखापाल, पंकज परिहार वरिष्ठ अध्यापक, साधवी चौहान शिक्षिका । 

नरेश रायकवार मंडी इंस्पेक्टर, नीता जैन सहायक संचालक, अमरीश सक्सेना अंकेक्षक, विजय रावत वाणिज्यकर अधिकारी, विजय श्रीवास्तव कराधान सहायक, राजकुमारी शर्मा प्राधानाध्यापक, प्रमोद कुमार सांघी शिक्षक, ज्योत्सना मेहरा व्याख्याता, सुरेन्द्र प्रताप सिकरवार अध्यापक, धर्मेन्द्र राणा अध्यापक, केदारलाल गर्ग उपयंत्री, मोहित जैन सहायक यंत्री, हरीचरण शर्मा उपयंत्री, मंजुलता सुमन अध्यापक, शिवकुमार शर्मा प्राध्यापक, नीतू बघेल अध्यापक, दिनेश कुमार सोमिल अध्यापक, सतीश चंदेल सहायक लेखा अधिकारी, मुकेशचंद्र दीक्षित ग्रामीण विस्तार कृषि अधिकारी, राधा बल्लभ शर्मा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, वीरेन्द्र सिंह यादव, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, सीतासरण दीक्षित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, ए.के. पाण्डेय मानचित्रकार, बसंत राजौरिया उपयंत्री, एपीएस यादव उपयंत्री, रमेशचंद्र शर्मा शिक्षक, सीमा भार्गव अध्यापक, स्वाति चौहान शिक्षिका, अनामिका शुक्ला प्रधानाध्यापक, आलोक गौड़ लेखापाल, सरिता सक्सेना पर्यवेक्षक, अंजना दुबे पर्यवेक्षक, रहीश गौरी अध्यापक, अजय थोराट सहायक शिक्षक, पवन गुप्ता अध्यापक, राजीव शुक्ला सहायक ग्रेड-2, किशोरशरण सिंह अध्यापक, योगिता भटनागर प्रबंधक, महेन्द्र चौधरी सहायक प्राध्यापक, समीर गौरी शिक्षक, रमेश उपाध्याय पशु चिकित्सक, देवेश शर्मा अध्यापक, नवीन पाण्डेय मंडी निरीक्षक, अमृतलाल यादव सहायक उप निरीक्षक, देवेन्द्र श्रीवास्तव सहायक उप निरीक्षक, सम्भू कतरा उपयंत्री, दीपाली कुलश्रेष्ठ अध्यापक, राजेश कुमार अध्यापक, एम के उपरैया सहायक यंत्री, राजेश कनिष्ठ यंत्री, मार्तेन्ड प्रकाश सिरोलिया सहायक यंत्री, विजय कुमार श्रीवास्तव ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, नत्थीलाल शुक्ला सहायक उप निरीक्षक, शेष कुमार भार्गव मंडी सचिव, नंदकुमार तिवारी सहायक शिक्षक, संध्या सिंह अध्यापक ।

कलेक्टर ने किया मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ

जिला चिकित्सालय में…

कलेक्टर ने किया मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ 

ग्वालियर। विधानसभा उप निर्वाचन-2020 में अधिक से अधिक मतदान के लिए स्वीप (सिस्टमेटिक वोटर्स एज्यूकेशन एण्ड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) के तहत मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है। इस कड़ी में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सोमवार को जिला चिकित्सालय मुरार में मतदाता जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया। 

कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शिवम वर्मा भी मौजूद थे। इस अवसर पर कलेक्टर श्री सिंह ने कार्यक्रम में मौजूद आशा कार्यकर्ता, एएनएम व स्टाफ नर्स सहित अन्य पैरामेडीकल स्टाफ से कहा कि वे स्वीप कार्यक्रम में सहभागी बनकर लोगों को बताएँ कि मतदान के समय कोविड कोई खतरा नहीं है। आप सबकी सुरक्षा के लिये भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत हर मतदान केन्द्र पर सेनेटाइजर, साबुन, मास्क व हैण्ड ग्लब्स की व्यवस्था की जा रही है। 

साथ ही मतदाताओं को लाइन लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने इस अवसर पर कार्यक्रम में मौजूद प्रतिभागियों को निर्भीक होकर मतदान करने की शपथ दिलाई। साथ ही कहा कि आप सब अन्य मतदाताओं को भी इसके लिये जागरूक करें। कलेक्टर ने इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अमले से यह भी कहा कि कोविड-19 का खतरा अभी टला नहीं है।

इसलिये लोगों को मास्क लगाने, दो गज की दूरी बनाए रखने, भीड़भाड़ से बचने और नियमित रूप से हाथ धोने के लिये प्रेरित करें। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने जिला चिकित्सालय से हरी झण्डी दिखाकर मतदाता जागरूकता रथ को रवाना किया। मतदाता जागरूकता रथ शहर व गाँव-गाँव में जाकर लोगों को मताधिकार का उपयोग करने के लिये जागरूक कर रहे हैं।

आवारा पशुओं ने ली अधेड़ की जान,परिजनों ने लगाया जाम

डबरा देहात थाना क्षेत्र के छोले की दफाई गांव में…

आवारा पशुओं ने ली अधेड़ की जान,परिजनों ने लगाया जाम

ग्वालियर। मवेशियों की चपेट में आकर हुई अधेड़ की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने चक्काजाम कर दिया। घटना डबरा देहात थाना क्षेत्र के छोले की दफाई गांव में आज रविवार को तड़के की है। चक्काजाम का पता चलते ही पुलिस व प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और आक्रोशित परिजनों को शांत कराने में जुट गए है। खबर लिखे जाने तक चक्काजाम चल रहा था। डबरा देहात थाना क्षेत्र के छोले की दफाई गांव निवासी 45 वर्षीय दयाराम सिंह पेशे से किसान है। आज तड़के वह अपने खेतों पर जा रहा था। 

तभी गांव के लोगों ने खेतों में पहुंचे मवेशियों को भगा दिया। अचानक मवेशियों के आने से दयाराम घबरा गया और मवेशियों ने उसे अपनी चपेट में ले लिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। दयाराम की मौत का पता चलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और उसके शव को लेकर हाइवे पर चक्काजाम कर दिया। चक्काजाम का पता चलते ही पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे और समझाइश देकर शांत करने में जुट गए है। 

खबर लिखे जाने तक परिजन जाम लगाए थे। इस प्रकार के जब हालात गांव में हैं तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शहरों में निराश्रित पशुओं कारण क्या स्थिति होती होगी इससे संबंधित G.News24 पहले भी खबर दिखाता रहा है कृपया आप उस खबर को देखें और गौर करें कि यह निराश्रित गोवंश कितना खतरनाक है शहर सड़कों पर वाहनों और लोगों के बीच विचरण करता हुआ यह गोवंश। 

एक युवक की मवेशियों की चपेट में आने से मौत हुई है। आक्रोशित परिजनों की मांग है कि मृतक परिवार को मुआवजा दिया जाए। साथ ही जिन युवकों ने मवेशियों को भगाया उनके खिलाफ भी मामला दर्ज हो - जयराज कुबेर, एएसपी

आकर्षक लाइटिंग से जगमगाया गुरुद्वारा

 


महबूबा की रिहाई

कश्मीर के साथ की गई कथित ज्यादती का विरोध जारी…

महबूबा की रिहाई

14 महीने की गिरफ्तारी के बाद आखिर पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी रिहा कर दिया गया। पिछले साल 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के खात्मे के जरिए जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के फैसले के बाद उन्हें कश्मीर के कई अन्य राजनेताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था। उनकी रिहाई के साथ ही जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा की पार्टियों के सभी प्रमुख नेता रिहा हो चुके हैं। राज्य के सभी राजनीतिक दलों और व्यक्तित्वों ने इस रिहाई का स्वागत किया है। हालांकि खुद महबूबा ने काफी तीखेपन के साथ दोहराया है कि वह नई दिल्ली द्वारा कश्मीर के साथ की गई कथित ज्यादती का विरोध जारी रखेंगी। यह बात अन्य कश्मीरी नेता भी दोहराते रहे हैं।

हाल में फारूख अब्दुल्ला के उस बयान को लेकर खासा विवाद भी हुआ जिसमें उन्होंने कथित तौर पर चीन के सहयोग से अनुच्छेद 370 और 35-ए को वापस हासिल करने की बात कही थी। हालांकि नैशनल कॉन्फ्रेंस ने बाद में इस बात का खंडन करते हुए कहा कि उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया, लेकिन फारूख अब्दुल्ला जैसे बड़े कद के नेता को अपने बयानों में ऐसी किसी गलतफहमी की गुंजाइश भी नहीं छोड़नी चाहिए। किसी स्वतंत्र और संप्रभु देश में संसद के किसी फैसले से अगर आपका विरोध है तो अपनी बात देश के सभी संभव मंचों पर रखने का रास्ता आपके सामने खुला है। 

इस प्रक्रिया में किसी और देश को शामिल करना जिम्मेदार सोच का परिचायक नहीं है। इससे कुछ भी हासिल होना तो दूर, आप पहले से अधिक अलग-थलग पड़ते जाते हैं, साथ में दोनों देशों की आपसी कड़वाहट को और ज्यादा बढ़ाने की भूमिका भी निभाते हैं। बहरहाल, नेताओं की बयानबाजी को एक तरफ रख दें तो भारत सरकार के सामने यह स्पष्ट होना चाहिए कि कश्मीर को लेकर उसकी चुनौतियां अब बदल चुकी हैं। अनुच्छेद 370 से संबंधित फैसले को एक साल से ऊपर हो चुका है और कश्मीर में शांति बनाए रखने का तात्कालिक दबाव समाप्त हो चुका है। अभी मुख्य चुनौती कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने की है।

इतना तय है कि पिछले एक साल से कश्मीर की जो स्थिति है उससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की कोई बहुत अच्छी छवि नहीं जा रही है। पाकिस्तान अगर कश्मीर को लेकर कोई बयान देता है तो उसे खास तवज्जो नहीं मिलती, लेकिन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग जैसे मंचों से उठते गंभीर स्वरों की ज्यादा समय तक अनदेखी नहीं की जा सकती। कश्मीरियों का सुकून भी कश्मीर में शांति जितना ही जरूरी है। इस सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों का मन अशांत रहना विदेशी ताकतों का काम आसान कर देता है। इसलिए पहली जरूरत है कश्मीरियों का विश्वास जीतने की, और यह काम संवाद बढ़ाकर ही किया जा सकता है। बेहतर हो कि आ रहे जाड़ों में सीमावर्ती क्षेत्रों में जमी बर्फ का फायदा उठाते हुए सरकार कश्मीरियों के साथ अपने रिश्तों में गरमाहट लाए ताकि आपसी विश्वास को एक नई जमीन मिल सके।

पुलिस ने निकाली दो-पहिया वाहन रैली, कलेक्टर एवं एसपी ने दिखाई हरी झंडी

आगामी उप-चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए…

पुलिस ने निकाली दो-पहिया वाहन रैली, कलेक्टर एवं एसपी ने  दिखाई हरी झंडी

ग्वालियर। सांय 05:00 बजे पुलिस कंट्रोल रूम ग्वालियर से एसपी ग्वालियर अमित सांघी एवं कलेक्टर ग्वालियर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने शहर के बल्नरेबल क्षेत्रों में पुलिस के जवानों की दो-पहिया वाहन रैली को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। उक्त रैली का मकसद शहर के बल्नरेबल क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास जगाना है।

आगामी विधान सभा उप चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस जवानों की तीन टीमों से दोपहिया वाहनों के जरिये शहर के मुख्य क्षेत्रों ठाटीपुर-मुरार, ग्वालियर-हजीरा एवं इंदरगंज-पड़ाव के संवेदनशील क्षेत्रों में भ्रमण कराया गया। 

उक्त वाहन रैली के जरिये ग्वालियर की आमजनता को कोविड-19 महामारी से सुरक्षित रहने व यातायात नियमों का पालन करने हेतु जागरूक किया गया। इसी उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए यह रैली आयोजित की गयी हैं। इस मौके पर एएसपी पंकज पांडे, डीएसपी यातायात आर.एन. त्रिपाठी, नरेश अन्नोटिया एवं विक्रम सिंह कनपुरिया के साथ ग्वालियर पुलिस के अधिकारी व कर्मचारिगण मौजूद रहे।