G News 24 : मुख्यमंत्री एवं पूर्व मुक्यमंत्री ने एक साथ श्री रामराजा सरकार मंदिर में की विधिवत पूजा-अर्चना

 वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना के बाद किया भंडारा... 

मुख्यमंत्री एवं पूर्व मुक्यमंत्री ने एक साथ श्री रामराजा सरकार  मंदिर में की विधिवत पूजा-अर्चना 

अयोध्या के लाईव प्रसारण के बाद मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के साथ मंदिर में श्री रामराजा सरकार के दर्शन कर पूजा अर्चना की। भगवान श्री राम से मध्यप्रदेश की समृद्धि और प्रदेशवासियों की खुशहाली के लिये प्रार्थना की।

ओरछा।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज ओरछा में श्री रामराजा सरकार मंदिर में भगवान श्री राम की विधिवत पूजा-अर्चना के साथ श्री रामलला की जन्मभूमि अयोध्या के भव्य, अलौकिक, दिव्य-नव मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सजीव प्रसारण देखा। अयोध्या में श्री रामलला की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना के साथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की गई।

श्री रामराजा सरकार मंदिर, ओरछा में आचार्य पंडित वीरेन्द्र बिदुआ और उनके सहयोगियों के श्लोक एवं मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना की। आदित्यादि नवग्रह मंडलम पीठ, सर्वोत्तोभद्र मंडलम पीठ, श्री गणेश गौरी पीठ, श्री षोडष मातृका पीठ की विधि पूजन किया। भगवान श्रीराम के चित्र पर पुष्प अर्पण करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के साथ आरती भी की। पूजा संपन्न होने के बाद भजन गायिका सुश्री माधुरी मधुकर ने भगवान श्रीराम पर आधारित भजन प्रस्तुत किये। पूजन संपन्न कराने वाले आचार्य श्री वीरेन्द्र बिदुआ ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का पुष्पहार से स्वागत किया।

भोजन प्रसादी ग्रहण की

मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों के साथ श्री रामराजा दरबार में चल रहे भंडारे में शामिल होकर भोजन प्रसादी ग्रहण की। श्री रामराजा मंदिर परिसर में बने पंडाल में एक बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई थी, जिस पर श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सीधा प्रसारण किया जा रहा था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संस्कृति पर्यटन और धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी, निवाड़ी विधायक अनिल जैन, सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

G News 24 : रामायण के वो रहस्‍य जिनसे आज भी ज्‍यादातर लोग हैं अनजान !

रामायण में कुल 24,000 श्लोक हैं और इसे सात कांडों में विभाजित किया गया है...

रामायण के वो रहस्‍य जिनसे आज भी ज्‍यादातर लोग हैं अनजान !

इस समय पूरा देश राममय है, जगह-जगह सुंदरकांड, रामकथा, पूजन-अर्चन, यज्ञ-हवन आदि चल रहे हैं. राम मंदिर में नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा के मौके पर रामायण के कुछ ऐसे रोचक तथ्‍य जानते हैं, जिनके बारे में अधिकांश लोग अनजान हैं.  प्रभु श्री राम मर्यादापुरुषोत्‍तम है क्‍योंकि वे एक महान राजा थे. उन्होंने दया, सत्य, सदाचार, मर्यादा, करुणा और धर्म का पालन किया. भगवान विष्‍णु के अवतार प्रभु राम ने समाज के लोगों के सामने सेवा का उत्‍कृष्‍ट उदाहरण पेश किया. उनका पूरा जीवन ही प्रेरणादायी है. रामचरितमानस और वाल्‍मीकि रामायण 2 ऐसे महाकाव्‍य हैं, जिनमें प्रभु राम के जीवन के हर पहलू का वर्णन किया गया है. आज हम रामायण के ऐसे रोचक तथ्‍यों के बारे में जानते हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. 

प्राप्त जानकारी के अनुसार रामायण के रोचक तथ्‍य 

  • 1-राम विष्णु के अवतार हैं लेकिन उनके अन्य भाई किसके अवतार थे...
  • राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है लेकिन आपको पता है कि उनके अन्य भाई किसके अवतार थे? लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार माना जाता है जो क्षीरसागर में भगवान विष्णु का आसन हैl जबकि भरत और शत्रुघ्न को क्रमशः भगवान विष्णु द्वारा हाथों में धारण किए गए सुदर्शन-चक्र और शंख-शैल का अवतार माना जाता हैl
  • 2- लक्ष्मण को “गुदाकेश” के नाम से भी जाना जाता है...
  • वनवास के 14 वर्षों के दौरान अपने भाई और भाभी की रक्षा करने के उद्देश्य से लक्ष्मण कभी सोते नहीं थेl इसके कारण उन्हें “गुदाकेश” के नाम से भी जाना जाता हैl वनवास की पहली रात को जब राम और सीता सो रहे थे तो निद्रा देवी लक्ष्मण के सामने प्रकट हुईंl उस समय लक्ष्मण ने निद्रा देवी से अनुरोध किया कि उन्हें ऐसा वरदान दें कि वनवास के 14 वर्षों के दौरान उन्हें नींद ना आए और वह अपने प्रिय भाई और भाभी की रक्षा कर सकेl निद्रा देवी इस बात पर प्रसन्न होकर बोली कि अगर कोई तुम्हारे बदले 14 वर्षों तक सोए तो तुम्हें यह वरदान प्राप्त हो सकता हैl इसके बाद लक्ष्मण की सलाह पर निद्रा देवी लक्ष्मण की पत्नी और सीता की बहन “उर्मिला” के पास पहुंचीl उर्मिला ने लक्ष्मण के बदले सोना स्वीकार कर लिया और पूरे 14 वर्षों तक सोती रहीl
  • 3- उस जंगल का नाम जहाँ राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के दौरान रूके थे...
  • रामायण महाकाव्य की कहानी के बारे में हम सभी जानते हैं कि राम और सीता, लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों के लिए वनवास गए थे और राक्षसों के राजा रावण को हराकर वापस अपने राज्य लौटे थेl हम में से अधिकांश लोगों को पता है कि राम, लक्ष्मण और सीता ने कई साल वन में बिताए थे, लेकिन कुछ ही लोगों को उस वन के नाम की जानकारी होगीl उस वन का नाम दंडकारण्य था जिसमें राम, सीता और लक्ष्मण ने अपना वनवास बिताया थाl यह वन लगभग 35,600 वर्ग मील में फैला हुआ था जिसमें वर्तमान छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश के कुछ हिस्से शामिल थेl उस समय यह वन सबसे भयंकर राक्षसों का घर माना जाता थाl इसलिए इसका नाम दंडकारण्य था जहाँ “दंड” का अर्थ “सजा देना” और “अरण्य” का अर्थ “वन” है।
  • 4 -लक्ष्मण रेखा प्रकरण का वर्णन वाल्मीकि रामायण में नहीं है...
  • पूरे रामायण की कहानी में सबसे पेचीदा प्रकरण लक्ष्मण रेखा प्रकरण है, जिसमें लक्ष्मण वन में अपनी झोपड़ी के चारों ओर एक रेखा खींचते हैंl जब सीता के अनुरोध पर राम हिरण को पकड़ने और मारने की कोशिश करते हैं, तो वह हिरण राक्षस मारीच का रूप ले लेता हैl मरने के समय में मारीच राम की आवाज में लक्ष्मण और सीता के लिए रोता हैl यह सुनकर सीता लक्ष्मण से आग्रह करती है कि वह अपने भाई की मदद के लिए जाए क्योंकि ऐसा प्रतीत होता है कि उनके भाई किसी मुसीबत में फंस गए हैंl पहले तो लक्ष्मण सीता को अकेले जंगल में छोड़कर जाने को राजी नहीं हुए लेकिन बार-बार सीता द्वारा अनुरोध करने पर वह तैयार हो गएl इसके बाद लक्ष्मण ने झोपड़ी के चारों ओर एक रेखा खींची और सीता से अनुरोध किया कि वह रेखा के अन्दर ही रहे और यदि कोई बाहरी व्यक्ति इस रेखा को पार करने की कोशिश करेगा तो वह जल कर भस्म हो जाएगाl इस प्रकरण के संबंध में अज्ञात तथ्य यह है कि इस कहानी का वर्णन ना तो “वाल्मीकि रामायण” में है और ना ही “रामचरितमानस” में हैl लेकिन रामचरितमानस के लंका कांड में इस बात का उल्लेख रावण की पत्नी मंदोदरी द्वारा किया गया हैl
  • 5- इन्द्र के ईर्ष्यालु होने के कारण “कुम्भकर्ण” को सोने का वरदान प्राप्त हुआ था ...
  • रामायण में एक दिलचस्प कहानी हमेशा सोने वाले “कुम्भकर्ण” की हैl कुम्भकर्ण, रावण का छोटा भाई था, जिसका शरीर बहुत ही विकराल थाl इसके अलावा वह पेटू (बहुत अधिक खाने वाला) भी थाl रामायण में वर्णित है कि कुम्भकर्ण लगातार छह महीनों तक सोता रहता था और फिर सिर्फ एक दिन खाने के लिए उठता था और पुनः छह महीनों तक सोता रहता थाl लेकिन क्या आपको पता है कि कुम्भकर्ण को सोने की आदत कैसे लगी थीl एक बार एक यज्ञ की समाप्ति पर प्रजापति ब्रह्मा कुन्भकर्ण के सामने प्रकट हुए और उन्होंने कुम्भकर्ण से वरदान मांगने को कहाl इन्द्र को इस बात से डर लगा कि कहीं कुम्भकर्ण वरदान में इन्द्रासन न मांग ले, अतः उन्होंने देवी सरस्वती से अनुरोध किया कि वह कुम्भकर्ण की जिह्वा पर बैठ जाएं जिससे वह “इन्द्रासन” के बदले “निद्रासन” मांग लेl इस प्रकार इन्द्र की ईर्ष्या की वजह से कुम्भकर्ण को सोने का वरदान प्राप्त हुआ थाl
  • 6-नासा के अनुसार “रामायण” की कहानी और “आदम का पुल” एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं ...
  • रामायण की कहानी के अंतिम चरण में वर्णित है कि राम और लक्ष्मण ने वानर सेना की मदद से लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए एक पुल का निर्माण किया थाl ऐसा माना जाता है कि यह कहानी लगभग 1,750,000 साल पहले की हैl हाल ही में नासा ने पाक जलडमरूमध्य में श्रीलंका और भारत को जोड़ने वाले एक मानव निर्मित प्राचीन पुल की खोज की है और शोधकर्ताओं और पुरातत्वविदों के अनुसार इस पुल के निर्माण की अवधि रामायण महाकाव्य में वर्णित पुल के निर्माणकाल से मिलती हैl नासा के उपग्रहों द्वारा खोजे गए इस पुल को “आदम का पुल” कहा जाता है और इसकी लम्बाई लगभग 30 किलोमीटर हैl
  • 7राम और उनके भाइयों के अलावा राजा दशरथ एक पुत्री के भी पिता थे...
  • श्रीराम के माता-पिता एवं भाइयों के बारे में तो प्रायः सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि राम की एक बहन भी थीं, जिनका नाम “शांता” थाl वे आयु में चारों भाईयों से काफी बड़ी थींl उनकी माता कौशल्या थींl ऐसी मान्यता है कि एक बार अंगदेश के राजा रोमपद और उनकी रानी वर्षिणी अयोध्या आएl उनको कोई संतान नहीं थीl बातचीत के दौरान राजा दशरथ को जब यह बात मालूम हुई तो उन्होंने कहा, मैं अपनी बेटी शांता आपको संतान के रूप में दूंगाl यह सुनकर रोमपद और वर्षिणी बहुत खुश हुएl उन्होंने बहुत स्नेह से उसका पालन-पोषण किया और माता-पिता के सभी कर्तव्य निभाएl
  • एक दिन राजा रोमपद अपनी पुत्री से बातें कर रहे थे, उसी समय द्वार पर एक ब्राह्मण आए और उन्होंने राजा से प्रार्थना की कि वर्षा के दिनों में वे खेतों की जुताई में राज दरबार की ओर से मदद प्रदान करेंl राजा को यह सुनाई नहीं दिया और वे पुत्री के साथ बातचीत करते रहेl द्वार पर आए नागरिक की याचना न सुनने से ब्राह्मण को दुख हुआ और वे राजा रोमपद का राज्य छोड़कर चले गएl वह ब्राह्मण इन्द्र के भक्त थेl अपने भक्त की ऐसी अनदेखी पर इन्द्र देव राजा रोमपद पर क्रुद्ध हुए और उन्होंने उनके राज्य में पर्याप्त वर्षा नहीं कीl इससे खेतों में खड़ी फसलें मुरझाने लगीl
  • इस संकट की घड़ी में राजा रोमपद ऋष्यशृंग ऋषि के पास गए और उनसे उपाय पूछाl ऋषि ने बताया कि वे इन्द्रदेव को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ करेंl ऋषि ने यज्ञ किया और खेत-खलिहान पानी से भर गएl इसके बाद ऋष्यशृंग ऋषि का विवाह शांता से हो गया और वे सुखपूर्वक रहने लगेl बाद में ऋष्यशृंग ने ही दशरथ की पुत्र कामना के लिए पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया थाl जिस स्थान पर उन्होंने यह यज्ञ करवाया था, वह अयोध्या से लगभग 39 कि.मी. पूर्व में था और वहाँ आज भी उनका आश्रम है और उनकी तथा उनकी पत्नी की समाधियाँ हैंl 
  • 8राम ने ही लक्ष्मण को मृत्युदंड दिया ...
  • रामायण में वर्णित है कि श्री राम ने न चाहते हुए भी जान से प्यारे अपने छोटे भाई लक्ष्मण को मृत्युदंड दिया थाl आखिर क्यों भगवान राम ने लक्ष्मण को मृत्युदंड दिया था? यह घटना उस वक़्त की है जब श्री राम लंका विजय के बाद अयोध्या लौट आये थे और अयोध्या के राजा बन गए थेl एक दिन यम देवता कोई महत्तवपूर्ण चर्चा करने के लिए श्री राम के पास आते हैंl चर्चा प्रारम्भ करने से पूर्व उन्होंने भगवान राम से कहा की आप मुझे वचन दें कि जब तक मेरे और आपके बीच वार्तालाप होगी हमारे बीच कोई नहीं आएगा और जो आएगा, उसे आप मृत्युदंड देंगेंl इसके बाद राम, लक्ष्मण को यह कहते हुए द्वारपाल नियुक्त कर देते हैं कि जब तक उनकी और यम की बात हो रही है वो किसी को भी अंदर न आने दे, अन्यथा वह उसे मृत्युदंड दे देंगेl
  • लक्ष्मण भाई की आज्ञा मानकर द्वारपाल बनकर खड़े हो जाते हैंl लक्ष्मण को द्वारपाल बने कुछ ही समय बीतने के बाद वहां पर ऋषि दुर्वासा का आगमन होता हैl जब दुर्वासा ने लक्ष्मण से अपने आगमन के बारे में राम को जानकारी देने के लिये कहा तो लक्ष्मण ने विनम्रता के साथ मना कर दियाl इस पर दुर्वासा क्रोधित हो गये तथा उन्होने सम्पूर्ण अयोध्या को श्राप देने की बात कहीl लक्ष्मण ने शीघ्र ही यह निश्चय कर लिया कि उनको स्वयं का बलिदान देना होगा ताकि वो नगरवासियों को ऋषि के श्राप से बचा सकें और उन्होने भीतर जाकर ऋषि दुर्वासा के आगमन की सूचना दीl
  • 9-राम ने सरयू नदी में डूबकी लगाकर पृथ्वीलोक का परित्याग किया था...
  • अब श्री राम दुविधा में पड़ गए क्योंकि उन्हें अपने वचन के अनुसार लक्ष्मण को मृत्युदंड देना थाl इस दुविधा की स्थिति में श्री राम ने अपने गुरू वशिष्ठ का स्मरण किया और कोई रास्ता दिखाने को कहाl गुरूदेव ने कहा कि अपनी किसी प्रिय वस्तु का त्याग, उसकी मृत्यु के समान ही हैl अतः तुम अपने वचन का पालन करने के लिए लक्ष्मण का त्याग कर दोl लेकिन जैसे ही लक्ष्मण ने यह सुना तो उन्होंने राम से कहा की आप भूल कर भी मेरा त्याग नहीं करना, आप से दूर रहने से तो यह अच्छा है की मैं आपके वचन का पालन करते हुए मृत्यु को गले लगा लूँl ऐसा कहकर लक्ष्मण ने जल समाधि ले ली l ऐसा भी माना जाता है कि जब सीता ने पृथ्वी के अन्दर समाहित होकर अपने शरीर का परित्याग कर दिया तो उसके बाद राम ने सरयू नदी में जल समाधि लेकर पृथ्वीलोक का परित्याग किया था|

  • 10- महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में कुल 24,000 श्लोक हैं और इसे सात कांडों में विभाजित किया गया है.
  • 11- भगवान राम भगवान विष्‍णु के अवतार थे, वहीं भगवान राम के भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न क्रमशः शेषनाग, धर्म, वायु और अदिति के अवतार थे. वहीं प्रभु राम की पत्‍नी सीता मां लक्ष्मी का अवतार थीं.
  • 12- वाल्मिकी रामायण के मूल संस्करण में, भगवान राम भगवान नहीं थे, कहानी के केंद्र में सीता थीं. 
  • 13- माता सीता को मांग में सिंदूर भरते देख भगवान राम के प्रेम में हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लपेट लिया था. तभी से उनका नाम बजरंगी पड़ गया. 
  • 14- सीता जी के पिता राजा जनक ने स्‍वयंवर में भगवान शिव का धनुष चलाने की शर्त इसलिए रखी थी क्‍योंकि सीता जी ने बचपन में उस धनुष को खेल-खेल में उठा लिया था. प्रभु राम ने उस धनुष को तोड़ दिया था और स्‍वयंवर जीतकर सीता जी से विवाह लिया था. 
  • 15- भगवान शिव के प्रमुख गण नंदी ने रावण को श्राप दिया था कि बंदर तेरे विनाश का कारण बनेंगे. इसलिए पूरी वानर सेना लंका गई और उसका सर्वनाश किया. 
  • 16- गायत्री मंत्र रामायण के प्रत्येक 1000 श्लोक के बाद आने वाले पहले अक्षर से बनता है. 


G News 24 : 20 और 21 जनवरी को बंद रहेगा श्री राम मंदिर !

 22 जनवरी को गर्भ गृह में रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही खुलेगा ...

20 और 21 जनवरी को बंद रहेगा श्री राम मंदिर !


अयोध्या। अयोध्यामें प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। 22 जनवरी की तारीख को मंदिर के गर्भ गृह में रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस कार्यक्रम के लिए पूरे दुनिया में उत्साह है और अयोध्या में भव्य स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इस बीच खबर आई है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर 20 और 21 जनवरी को राम मंदिर बंद रहेगा। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस बारे में जानकारी दी है। 

प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी पूरी

22 जनवरी को राम मंदिर के गर्भ गृह में रामलला के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दिन अयोध्या में भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने वाले हैं। वहीं, देशभर के तमाम दिग्गज नेता, राजनीतिक, फिल्मी और उद्योग, खेल जगत से जुड़े हुए चेहरों जैसे अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर जैसे लोगों को भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा गया है। 

 23 जनवरी से सभीआमभक्त कर सकेंगे दर्शन !

22 तारीख को देशभर के तमाम हाई प्रोफाइल लोग अयोध्या में मौजूद रहेंगे। इस कारण राम मंदिर में आम भक्तों को एंट्री नहीं मिल सकेगी। सुरक्षा की दृष्टि से अयोध्या को पूरे किले की तरह बना दिया गया है। शहर में सभी एडवांस बुकिंग कैंसल कर दी गई है।  हालांकि, 23 जनवरी से सभी आमभक्त राम मंदिर में प्रभु रामलला का दर्शन कर सकेंगे। 

गर्भगृह में मूर्ति स्थापित

गुरुवार शाम पूरे विधि विधान से श्रीरामलला के विग्रह को नव निर्मित भव्य मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान कर दिया गया। श्रीरामलला को विराजमान करने से पहले विभिन्न संस्कार और पूजन किए गए। प्राण प्रतिष्ठा के लिए विशेष रूप से काशी से आए पुरोहितों ने कार्यक्रम को सफलता से संपन्न कराया। अभी उनके श्री मुख को छोड़कर बाकी जगह से कवर हटा दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, रामलला की प्रतिमा पत्थर की है और वजन अनुमानित 150 से 200 किलो के बीच है। ये मूर्ति श्री राम के पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है। 

G News 24 : आज भी मौजूद है वह सरोवर जिसमें प्रभु श्रीराम ने धोए थे रक्‍तरंजित वस्‍त्र !

 MP में सतना के पुष्कर्णी सरोवर में ...

आज भी मौजूद है वह सरोवर जिसमें प्रभु श्रीराम ने धोए थे रक्‍तरंजित वस्‍त्र !

सतना । श्री राम वनवास काल के दौरान साढ़े ग्यारह वर्ष धर्म नगरी चित्रकूट में रहे हैं। श्री राम भगवान अपने वनवास काल के दौरान वह कई जगहों पर गए हैं और सब की अलग-अलग मान्यताएं हैं। किवदंतियों से मिली जानकारी के अनुसार आज हम एक ऐसे सरोवर के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां प्रभु श्री राम ने अपने खून से लथपथ कपड़े और अस्त्र शस्त्र धोकर स्नान किया था।जी हां हम बात कर रहे हैं चित्रकूट के टिकारिया ग्राम पंचायत में बने पुष्कर्णी अमृत सरोवर की। जहां श्री राम ने अपने वनवास काल के दौरान यहां से कुछ ही दूर जंगल में विराध जैसे राक्षस का वध किया था।राक्षस का वध करने के दौरान भगवान श्री राम के कपड़े व उनका धनुष खून से लथपत हो गया था।इसके बाद प्रभु श्री राम ने वही पास में बने इस पुष्कर्णी सरोवर में अपने कपड़े वा अस्त्र शस्त्र को धोकर स्नान किया था।

मंदिर के पुजारी सचिन त्रिपाठी ने बताया कि धार्मिक दृष्टि से यह बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। रामायण काल से जुड़ा हुआ यह पुष्कर्णी सरोवर है। इसका कई धार्मिक ग्रंथो में भी वर्णन मिलता है।यहीं से वनवास काल के दौरान श्री राम गुजरे थे और यहां से 2 किलोमीटर दूर विराध कुंड है जहां भगवान श्री राम ने विराध जैसे राक्षस का वध किया था।और इसी सरोवर में अस्त्र-शस्त्र धोकर वह स्नान किए थे।

बता दे की वह दण्डक वन में रहने वाला एक राक्षस है।जिसने एक प्रकरण में कुछ समय के लिए सीता माता का अपहरण कर लिया था।उसको ब्रह्माजी से यह वर प्राप्त था कि किसी भी प्रकार का अस्त्र-शस्त्र न तो मेरी हत्या ही कर सकती है और न ही उनसे मेरे अंग छिन्न-भिन्न हो सकते हैं।तभी प्रभु श्री राम ने लक्ष्मण के साथ अपने शक्ति साली धनुष बाण से उसके साथ युद्ध किया और युद्ध में राक्षस को घायल करने के बाद दोनों भाइयों ने राक्षस को जमीन में गाढ़ दिया था।

G News 24 : श्री राम मंदिर में बहुत कुछ है खास !

 अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की विशेषताएं...

श्री राम मंदिर में बहुत कुछ है खास !


500 वर्षों के इंतज़ार के बाद रामलला की अपने घर में होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा का विधिवत कर्मकांड बृहस्पतिवार को गणेश पूजन के साथ ही शुरू हो गया। शुभ मुहूर्त में दोपहर 1:20 बजे गणेश, अंबिका और तीर्थ पूजा की गई। इससे पहले 12:30 बजे रामलला की अचल मूर्ति को आसन पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विराजित कराया गया। पहले दिन करीब सात घंटे तक पूजन चला। मुख्य यजमान अशोक सिंहल फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश भागचंदका रहे। ये मंदिर इतना सुन्दर और भव्य है कि इसके बारे में जितना बताएं कम ही लगता है। इसमें बहुत कुछ है खास...

  • 1. मंदिर परम्परागत नागर शैली में बनाया जा रहा है।
  • 2. मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
  • 3. मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे व 44 द्वार होंगे।
  • 4. मुख्य गर्भगृह में प्रभु श्रीराम का बालरूप (श्रीरामलला सरकार का विग्रह), तथा प्रथम तल पर श्रीराम दरबार होगा।
  • 5. मंदिर में 5 मंडप होंगे: नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप
  • 6. खंभों व दीवारों में देवी देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।
  • 7. मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से होगा।
  • 8. दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
  • 9. मंदिर के चारों ओर चारों ओर आयताकार परकोटा रहेगा। चारों दिशाओं में इसकी कुल लंबाई 732 मीटर तथा चौड़ाई 14 फीट होगी।
  • 10. परकोटा के चारों कोनों पर सूर्यदेव, मां भगवती, गणपति व भगवान शिव को समर्पित चार मंदिरों का निर्माण होगा। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा, व दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर रहेगा।
  • 11. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा।
  • 12. मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर- महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी व ऋषिपत्नी देवी अहिल्या को समर्पित होंगे।
  • 13. दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णो‌द्धार किया गया है एवं तथा वहां जटायु प्रतिमा की स्थापना की गई है।
  • 14. मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है।
  • 15. मंदिर के नीचे 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे कृत्रिम चट्टान का रूप दिया गया है।
  • 16. मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।
  • 17. मंदिर परिसर में स्वतंत्र रूप से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, अग्निशमन के लिए जल व्यवस्था तथा स्वतंत्र पॉवर स्टेशन का निर्माण किया गया है, ताकि बाहरी संसाधनों पर न्यूनतम निर्भरता रहे।
  • 18. 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र (Pilgrims Facility Centre) का निर्माण किया जा रहा है, जहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर व चिकित्सा की सुविधा रहेगी।
  • 19. मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी।
  • 20. मंदिर का निर्माण पूर्णतया भारतीय परम्परानुसार व स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70% क्षेत्र सदा हरित रहेगा।
  • 21 . श्री राम जन्मभूमि मन्दिर के प्रवेश द्वार पर आज गज, सिंह, हनुमान जी और गरुड़ जी की मूर्तियाँ स्थापित की गईं हैं। ये मूर्तियाँ राजस्थान के ग्राम बंसी पहाड़पुर के हल्के गुलाबी रंग के बलुआ पत्थर से बनी हैं।

G News 24 : आपको ग्वालियर में ही होंगे अयोध्या जनकपुरी और नुमानगढ़ी के सजीव दुर्लभ दर्शन !

 भारत वर्ष का पहला अनूठा कार्यक्रम ग्वालियर में होगा आयोजित... 

 आपको ग्वालियर में ही होंगे अयोध्या जनकपुरी और नुमानगढ़ी के सजीव  दुर्लभ दर्शन !

ग्वालियर। श्री राम जन्मभूमि पर लगभग 500 वर्ष  के इन्तजार के बाद 22 जनवरी को नवनिर्मित श्री राम मंदिर में रामलाल की बाल स्वरूप मूर्ति की स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा होने जा  रही है। इस आयोजन को पूरा देश एक त्यौहार की तरह माना रहा है देश भर में दीपावली जैसी रौनक रहने वाली है तो भला ग्वालियर मध्य प्रदेश उस से पीछे रह सकता है। 

इस महापर्व में जहां ग्वालियर में विभिन्न संस्थाओं द्वारा धार्मिक आयोजन किए जा रहे हैं वहीं ग्वालियर  की सभी धार्मिक संस्थाए,मठ-मंदिर सभी मिलकर अपने अपने स्तर पर धार्मिक आयोजन कर रहे हैं। धार्मिक- एवं पर्यटन स्थल लक्ष्मण तलैया पर दीपावली की तरह दीपदान सुंदरकाण्ड हनुमान चालीसा आदि सहित बिभिन्न धार्मिक आयोजन सुबह से ही आरंभ  हो जायेंगे और देर शाम दीप दान और लाइटिंग होगी। 

ऐसा ही एक मुख्य आयोजन  ग्वालियर शहर के फालका बाजार क्षेत्र में ही होंगे अयोध्या जनकपुरी और नुमानगढ़ी के सजीव  दुर्लभ दर्शन !ये आयोजन श्रीराम मंदिर,श्री सनातन धर्म मंदिर और चैंबर कॉमर्स के सदस्यों एवं प्रशासन के द्वारा मिलकर किया जा रहा है। 22 जनवरी को पूरा शहर राम मय होने जा रहा है। इसकी तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं। तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर भी जारी है। बुधवार को  तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए चेंबर ऑफ़ कॉमर्स में बृहद बैठक की गई। 

G News 24 : आप सभी को मकर संक्रांति की बहुत-बहुत मंगल कामना

 "माघ मकर गत रवि जब होई, तीरथपति आवै सब कोई। 

आप सभी को मकर संक्रांति की बहुत-बहुत मंगल कामना

भगवान सूर्यनारायण आज प्रातः काल मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं। मकर राशि में प्रवेश करते ही लोक में सारे शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। भगवान सूर्य नारायण की कृपा से हम सभी के जीवन में मंगलमय शुभ कार्य होते रहे, आज के शुभ अवसर पर उनके चरणों में यही प्रार्थना है। 

सूर्यदेव सभी के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें एवं सभी स्वस्थ, प्रसन्न एवं समृद्ध हो। हम सभी प्राणी मात्र से परस्पर प्रेम करते हुए सनातन संस्कृति की रक्षा में अपने जीवन को अग्रसर करें। मकर संक्रांति की बहुत-बहुत मंगल कामना...ग्वालियर न्युज़ 24 ( जी न्यूज़ 24 ) परिवार

G News 24 : राम मंदिर भव्य प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के अलावा और किस-किस ने न्योता ठुकराया !

 अयोध्या में राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है ...

 राम मंदिर भव्य प्राण प्रतिष्ठा में कांग्रेस के अलावा और किस-किस ने न्योता ठुकराया !

नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। इसी ऐतिहासिक दिन को नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सियासत से लेकर खेल और अध्यात्म से जुड़ी तमाम हस्तियों को भी कार्यक्रम में आने का न्योता मिला है। हालांकि, देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने न्योते को अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस के अलावा भी विपक्ष के कई नेताओं ने निमंत्रण को ठुकराया है। बुधवार को कांग्रेस के आधिकारिक एलान के बाद देश की सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस को राम विरोधी पार्टी करार देते हुए हमला किया है। 

इन नेताओं को निमंत्रण मिला है !

राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समारोह में शामिल होंगे। दूसरी ओर राष्ट्रीय और अन्य प्रमुख दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण भेजा गया था। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी न्योता मिला है। वीएचपी ने राजद में लालू प्रसाद यादव से समय मांगा है। आने वाले दिनों में अन्य विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजे जाने की संभावना है।

इन्होने नेताओं ने न्योते को नकारा !

'इंडिया' के कई नेताओं ने घोषणा कि है कि वो कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। बुधवार को ही कांग्रेस ने घोषणा कि वह इस समारोह का हिस्सा नहीं होंगे। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा और संघ का है। यहां आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है। 

सूत्रों के अनुसार सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने न्योते को अस्वीकार करने के संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि वीएचपी के अलोक कुमार द्वारा उन्हें निमंत्रण भेजा गया था। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण पर सवाल पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि मैं उन्हें नहीं जनता, न कभी उनसे मुलाकात हुई। हम जिनको जानते हैं उन्हीं से व्यवहार लेते हैं। 

इससे पहले सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया था। पार्टी ने कहा है कि वे धार्मिक कार्यक्रम के राजनीतिकरण के विरोध में समारोह में शामिल नहीं होंगे।

इसके अलावा पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा संसद कपिल सिब्बल ने भी कहा है कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगी।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी समारोह में शिरकत नहीं करेगी। पार्टी के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा, 'यह भाजपा के वर्चस्व वाला कार्यक्रम है। हमारा कोई भी कार्यकर्ता इसमें हिस्सा नहीं लेगा।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे शामिल 

रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान होंगे, तब इस मौके पर आयोजित समारोह में अयोध्या में राम मंदिर के लिए आंदोलन में सबसे आगे रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल होंगे।विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आडवाणी की उपस्थिति के बारे में जानकारी दी है। अभी तक उनकी तबीयत और उम्र को देखते हुए कहा जा रहा था कि शायद वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न हो सकें, लेकिन अब उनकी उपस्थिति पर मुहर लग गई है। भाजपा के दिग्गज नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। उन्हें पहले ही आमंत्रण पत्र भेज दिया गया था। बुधवार को विश्व हिंदू परिषद के शीर्ष नेताओं ने उनसे मुलाकात कर एक बार फिर से उनसे कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।विहिप प्रमुख अलोक कुमार ने जानकारी दी है कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को निमंत्रण दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी न्योता मिला और और वह समारोह में हिस्सा लेंगे। हिमाचल में कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। विक्रमादित्य ने कहा, 'यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। ‘देव समाज’ में विश्वास रखने वाले एक हिंदू के रूप में यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह इस अवसर पर उपस्थित रहें।'

जानकारी के अनुसार इन्हे अभी तक नहीं मिला निमंत्रण या अभी तय नहीं !

वीएचपी ने जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निमंत्रण दिया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने गुरुवार को कहा कि पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। एनसीपी में शरद पवार को अभी निमंत्रण नहीं मिला है। पवार ने हाल ही में कहा था कि जब उनकी नियति होगी वह राम मंदिर जाएंगे। आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी तक न्योता नहीं मिला है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि किसी भी हालत में उन्हें मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जाएगा क्योंकि वह इस पर राजनीति करने के खिलाफ हैं।

G News 24 : 21 जनवरी को राम बनो प्रतियोगिता का आयोजन राम बने प्रतिभागियों का होगा पूजन

 22 जनवरी को गोल पाड़ा बालाजी धाम मंदिर में मनाया जाएगा महोत्सव...

21 जनवरी को राम बनो प्रतियोगिता का आयोजन राम बने प्रतिभागियों का  होगा पूजन

ग्वालियर। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है। जिसमें भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के बाल रूप यानी राम लला वि राजमान होने जा रहे हैं। इस उमंग और  उल्लास भरे अवसर पर संकट मोचन हनुमान बालाजी धाम मंदिर में तीन दिवसीय महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके पहले दिन 21 जनवरी को राम बनो प्रतियोगिता का आयोजन होगा। इसमें जितने प्रतिभागी राम का स्वरूप रखकर मंदिर परिसर पहुंचेंगे चाहे वह सैकड़ो की संख्या में हो उन सभी का भव्य स्वागत किया जाएगा। उनकी आरती उतारी जाएगी और तिलक कर पांव पखारे जाएंगे। उक्त जानकारी बालाजी मंदिर के चरण सेवक जगबीर दास  ने दी।

उन्होंने कहा की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हम सभी के आदर्श हैं। वह अयोध्या में विराजमान होने जा रहे हैं तो ऐसे में हम अपनी खुशी और उल्लास को व्यक्त करने के लिए तीन दिवसीय महोत्सव मना रहे हैं। इसमें पहले दिन 21 जनवरी को राम बनो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।  र इसके साथ ही चयन समिति यह तय करेगी कि सैकड़ो रामस्वरूप में से कौन सा प्रतिभागी सबसे अच्छा यानी विजेता होगा। इसके साथ ही प्रथम, द्वितीय, तृतीय के अलावा पांच शांतवना पुरस्कार भी दिए जाएंगे। चयन समिति में शहर के प्रबद्ध नागरिकों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा की दूसरे दिन मंदिर में चल रहे हवन की पूर्ण आहुति होगी। 

यह हवन 4 मई 2020 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य था कि अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर में कोई विघ्न बाधा न आये। अब हमारा यह उद्देश्य पूर्ण हो गया है इसलिए शहर के गनमान्य जन और जनप्रतिनिधि सहित अधिकारी, कर्मचारी, समाजसेवी इस यज्ञ में आहुति देंगे। इसके बाद अंतिम दिन 23 जनवरी को श्री रामस्वरूप में से जिन्हें पुरस्कार के लिए चुना गया है उनको पुरस्कार दिये जाएंगे। इसके साथ ही पत्रकार बंधु जिन्होंने कोरोना काल से लेकर अब तक बालाजी धाम मंदिर की श्रद्धा आस्था विश्वास बढ़ाने और इससे जुड़कर हमारे हर कार्यक्रम में शिरकत करने का कार्य किया है उन्हें सम्मानित किया जाएगा। शाम को भंडारा प्रसादी के साथ तीन दिवसीय महोत्सव का समापन होगा।

G News 24 : 'जय श्री राम' गाने के फैन हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया

 राम भक्ति में डूबे सिंधिया  हुए वायरल ...

'जय श्री राम' गाने के फैन हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया 


पूरा भारत राम मय हो चुका है, जिनमें बड़ा योगदान राम भक्ति रस में डूबे उन गानों का है, जिन्हें खूब इंटरनेट पर खूब देखा और सुना जा रहा है. इनमें एक भजन है पत्रकार और लेखन विष्णु शर्मा की, जिसके मुरीद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हो गए हैं.सोशल साइट एक्स पर ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गाने की तारीफ की है और लोगों से संगीतकार अनु मलिक और दिव्य कुमार के सुरों से सजे 'जय श्री राम' गाने को सुनने की अपील की है. रिलीज किए गए जय श्री राम गाना यूट्यूब पर अपलोड होते ही वायरल हो गया और अब तक 2 मिलियन से अधिक गाने को सुन चुके हैं. तो आइए जानते हैं अयोध्या राम मंदिर को लेकर रचे गए टॉप राम भक्ति पर लिखे भजनों के बारें में, जो यूट्यूब पर खूब वायरल हो रहे हैं. 

प्लेबैक सिंगर जुबिन नौटियाल के गान 'मेरे घर राम आए हैं' को यूट्यूब पर लोगों की पहली पंसद बना हुआ है. राम भक्ति में डूबे इस गाने को अब तक यूट्यूब पर 55 मिलियन से अधिक व्यूज मिल चुके हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मनोज मुंतसिर द्वारा लिखे भजन के प्रसंशकों में शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने सोशल साइट एक्स पर जुबिन के गाने को साझा किया है. 

राम भक्ति रस में डूबे गानों की फेहरिस्त में 'राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी' को रखा जा सकता है. बिहार की बेटी स्वाति मिश्रा द्वारा गाए इस गीत को यूट्यूब पर अब 45 मिलियन लोग देख चुके हैं. इस गाने की प्रशंसा खुद प्रधानमंत्री मोदी भी कर  चुके हैं. एक्स पर बाकायदा प्रधानमंत्री ने गाने को शेयर करते हुए लिखा, श्रीराम लला के स्वागत में स्वाति मिश्रा जी का भक्ति से भरा यह भजन मंत्रमुग्ध करने वाला है. 

वहीं, भजन गायक हंसराज रघुवंशी के गाने 'जय श्री राम' भी यूट्यूब पर खूब देखा जा रहा है. गायक -संगीतकार हंसराज रघुवंशी अपनी भजन के लिए पहले से ही लोकप्रिय हैं, लेकिन राम भक्ति से डूबे उनके भजन यूट्यूब पर वायरल हो रहा है, जिसे अब तक  15 मिलियन से अधिक व्यूज मिल चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी हंसराज रघुवंशी के जय श्री राम गाने के मुरीद हैं और उनके गाने को सोशल साइट एक्स पर शेयर किया है. 

G News 24 : 8000 किमी पैदल चलकर अयोध्या पहुंचेगा 64 साल के चल्ला श्रीनिवास

 सोने से जड़ी भगवान राम की चरण पादुका करेंगे दान... 

8000 किमी पैदल चलकर अयोध्या पहुंचेगा 64 साल के चल्ला श्रीनिवास 

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का दिन नजदीक आ रहा है. ऐसे में भगवान श्री राम के भक्त दुनिया के कोने-कोने से दर्शन करने के लिए आ रहे हैं. 64 साल के चल्ला श्रीनिवास शास्त्री हैदराबाद से हैं और वो अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए 1 किलो सोना और 7 किलो चांदी से बनी भगवान राम की खड़ाऊ लेकर अयोध्या पैदल चलकर जाएंगे. उनका ये सफर 8000 किलोमीटर का है. वो 15 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएंगे. सुनिए उन्होंने इस वीडियो में क्या-क्या कहा है

G News 24 : 'अयोध्या में भगवान श्रीराम की श्याम वर्ण मूर्ति होगी स्थापित !

 गर्भ गृह में मूर्ति स्थापना  के साथ ही होगी नए युग की शुरुआत ...

'अयोध्या में भगवान श्रीराम की श्याम वर्ण मूर्ति होगी स्थापित' !

अयोध्या के भव्य राम मंदिर के गर्भ गृह में भगवान श्रीराम की श्याम वर्ण की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। भगवान राम की बनाई गई तीन मूर्तियों में से एक मूर्ति का चुनाव होना था। अब इसका फैसला हो गया है। बताया जा रहा है कि श्याम वर्ण की दो मूर्तियां बनाई गई थी। इसमें से एक श्याम वर्ण की मूर्ति गर्भ गृह में स्थापित की जाएगी। भगवान श्रीराम श्याम वर्ण के थे इसलिए इस तरह की मूर्ति को स्थापित करने का फैसला किया गया है।

पुजारी सत्येंद्र दास ने दिया था संकेत !

इससे पहले शुक्रवार को रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने इंडिया टीवी से बात करते हुए प्रभु श्रीराम की श्याम वर्ण की मूर्ति स्थापित करने का संकेत दिया था। इंडिया टीम से उन्होंने कहा कि हम ऐसी मूर्ति की प्रार्थना करते हैं जो श्याम रंग की है। क्योंकि हमारे प्रभु श्याम रंग के हैं। 

22 जनवरी 2024 को होगी प्राण प्रतिष्ठा

बता दें कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर लगभग तैयार हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बनाए गए हैं। इसलिए पीएम मोदी के हाथ भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगा। प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम 22 जनवरी को होगा। इसके लिए कई धार्मिक गुरुओं, कई दिलों के नेताओं को भी न्यौता दिया गया है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु-संत भी शामिल होंगे।

श्रीरामजन्म्भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की हुई मीटिंग 

 गर्भगृह में रामलला की मूर्ति को लेकर शुक्रवार को श्रीरामजन्म्भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की मीटिंग भी हुई थी। इस बैठक में मूर्ति के चुनाव को लेकर चर्चा की गई। मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा था कि भगवान राम को प्रतिबिंबित करने वाली 51 इंच ऊंची मूर्ति को तीन डिजाइनों में से चुना जाएगा। जिसमें सबसे अच्छी दिव्यता होगी और बच्चों जैसा नजरिया होगा, उसका चयन किया जाएगा।

अयोध्या में हैं पीएम मोदी

बता दें कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अयोध्या का दौरा कर रहे हैं। वे अयोध्या में एयरपोर्ट समेत कई विकास कार्यों को तोहफा देंगे। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन के नए भवनों का भी पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे।

G News 24 : श्रीराम के केवल 3 भाई नहीं बल्कि 1 बहन भी थीं, रामायण में नहीं मिलता उल्‍लेख !

 श्री राम के जीवन से जुड़ा एक गुमनाम किरदार ...

श्रीराम के केवल 3 भाई नहीं बल्कि 1 बहन भी थीं, रामायण में नहीं मिलता उल्‍लेख !

भगवान श्री राम के माता-पिता, भाइयों और पत्‍नी सीता को लेकर ढेरों कथाओं-घटनाओं का जिक्र रामायण में मिलता है. लेकिन प्रभु राम के परिवार की एक सदस्‍य ऐसी भी हैं, जिनका जिक्र रामायण में नहीं मिलता. मर्यादा पुरुषोत्‍तम राम के गुणों, पिता के वचन को निभाने के लिए उनके द्वारा निभाए गए वनवास समेत विभिन्‍न घटनाओं का रामायण में विस्‍तार से उल्‍लेख किया गया है. इसमें प्रभु राम के परिवार के सभी सदस्‍यों, वनवास के दौरान वे किन लोगों से मिले, लंका पर विजय करने जैसी उनके जीवन की तमाम घटनाओं का जिक्र किया गया है. लेकिन प्रभु राम के जीवन से जुड़ा एक किरदार ऐसा भी है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. ना ही इस किरदार के बारे में रामायण में उल्‍लेख मिलता है. ये किरदार है प्रभु राम की बड़ी बहन शांता. राजा दशरथ की एकमात्र बेटी शांता को लेकर कुछ कथाएं प्रचलित हैं. 

 पौराणिक कथाओं के अनुसार राजा दशरथ की तीन रानियां थीं. पहली रानी- कौशल्या, दूसरी रानी-सुमित्रा और तीसरी रानी- कैकेयी थीं. प्रभु राम रानी कौशल्‍या के ही बेटे थे. लेकिन बेटे राम से पहले माता कौशल्‍या ने एक बेटी शांता को भी जन्‍म दिया था. शांता चारों भाइयों से बड़ी थीं और कला तथा शिल्प में पारंगत थीं. शांता बेहद रूपवती भी थीं. लेकिन शांता का उल्‍लेख रामायण में नहीं मिलने के पीछे एक खास कारण था. 

गोद दे दिया गया था इसलिए नहीं मिलता शांता का उल्‍लेख 

दरअसल, राजा दशरथ और रानी कौशल्‍या की बेटी शांता अपने परिवार के साथ ज्‍यादा समय तक रही ही नहीं. इसके चलते उनका रामायण में जिक्र नहीं मिलता है. इसके पीछे भी एक वजह है. कथाओं के अनुसार रानी कौशल्‍या की बड़ी बहन वर्षिणी लंबे समय से नि:संतान थीं. शांता के जन्‍म के बाद एक बार वे अपनी बहन कौशल्‍या से मिलने आईं. तब उन्‍होंने शांता को देखकर कहा कि बच्‍ची बहुत प्‍यारी है, क्‍या वे उसे गोद ले लें. इस वाक्‍य को सुनकर राजा दशरथ ने उन्‍हें बेटी को गोद देने का वचन दे दिया. रघुकुल इस बात के लिए हमेशा से विख्‍यात रहा है कि 'प्राण जाए पर वचन ना जाए' तो राजा दशरथ ने अपना वचन निभाते हुए अपनी बेटी को गोद दे दिया. 

बता दें कि वचन निभाने के लिए प्रभु राम को 14 वर्ष का वनवास काटना पड़ा था. उनके पिता दशरथ ने अपनी पत्‍नी रानी कैकेयी को वचन दिया था कि वे उनसे कभी भी 2 बातें मनवा सकती हैं और इसी का फायदा उठाते हुए कैकेयी ने राम को वनवास और अपने पुत्र भरत के लिए राजगद्दी मांग ली थी. 

श्रृंगी ऋषि से हुआ था विवाह 

कथाओं के अनुसार भगवान श्रीराम की बड़ी बहन का विवाह श्रृंगी ऋषि से हुआ था. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में श्रृंगी ऋषि का मंदिर भी है जहां ऋषि श्रृंगी और राम की बहन शांता की पूजा की जाती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. G NEWS 24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

G News 24 :21 जनवरी को बालाजी धाम मंदिर गोलपाड़ा में होगी राम बनो प्रतियोगिता

  प्रथम प्रोत्साहन पुरस्कार 11000,द्वितीय 5100 तृतीय ₹2100 रुपए  का होगा...

21 जनवरी को बालाजी धाम मंदिर गोलपाड़ा में होगी राम बनो प्रतियोगिता 

   

ग्वालियर। संकट मोचन हनुमान बालाजी धाम मंदिर गोलपाड़ा के चरण सेवक जगबीर दास ने बताया कि 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला विराजमान होने वाले हैं  इसी उत्साह में मंदिर परिसर में 21 जनवरी रविवार को 11:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक  राम बनो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है जिसमें 5 वर्ष से 18 वर्ष   की आयु तक के बच्चे राम बनकर भाग ले सकते हैं राम बने बच्चों की भाव  भंगिमा उनकी पोशाक उनकी सुंदरता आदि देखकर चयन किया जाएगा. प्रथम प्रतियोगी विजेता को नगद 11000 रुपए द्वितीय विजेता को 5100 रुपए एवं तृतीय पुरस्कार ₹2100 रुपए का होगा. सांत्वना पुरस्कार पांच प्रतिभागियों को दिए जाएंगे 11 सो  11 सो रुपए.  

जगबीर दास ने बताया कि मंदिर समिति सभी विद्यालयों को इसकी जानकारी देगी जिससे अधिक से अधिक बच्चे इस प्रतियोगिता में भाग ले सकें. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में राम जी महाराज के प्रति  अधिक से अधिक जानकारी होना जागरूक होना  उनके आदर्शों पर चलने का जानने और मानने का है प्रतियोगिता के आवेदन 5 जनवरी से वितरित किए जाएंगे यह आवेदन मंदिर परिसर से वेल फाउंडेड हायर सेकेंडरी स्कूल फोर्ट रोड ग्वालियर से एवं एमपी टुडे न्यूज नेटवर्क कार्यालय सराफा बाजार लश्कर से प्राप्त कर 17 जनवरी तक जमा किए जा सकेंगे. 23 जनवरी मंगलवार को होगा विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण। 

G News 24 : मात्र 18 वाक्यों में जीवन दिशा देने वाली श्रीमद भगवत गीता के 18 अध्यायों का सार !

इसे आगे बढ़ाएंगे और सभी को प्रसारित करेंगे तो लोगों को मिलेगी प्रेरणा ...

मात्र 18 वाक्यों में जीवन दिशा देने वाली श्रीमद भगवत गीता के 18 अध्यायों का सार !

वन लाइनर गीता -

  • अध्याय 1 - गलत सोच ही जीवन की एकमात्र समस्या है।
  • अध्याय 2 - सही ज्ञान ही हमारी सभी समस्याओं का अंतिम समाधान है।
  • अध्याय 3 - निःस्वार्थता ही प्रगति और समृद्धि का एकमात्र मार्ग है।
  • अध्याय 4 - प्रत्येक कार्य प्रार्थना का कार्य हो सकता है।
  • अध्याय 5-व्यक्तित्व के अहंकार को त्यागें और अनंत के आनंद का आनंद लें।
  • अध्याय 6 - प्रतिदिन उच्च चेतना से जुड़ें।
  • अध्याय 7 - आप जो सीखते हैं उसे जिएं।
  • अध्याय 8 - अपने आप को कभी मत छोड़ो।
  • अध्याय 9 - अपने आशीर्वाद को महत्व दें।
  • अध्याय 10 - चारों ओर देवत्व देखें।
  • अध्याय 11 - सत्य को जैसा है वैसा देखने के लिए पर्याप्त समर्पण करें।
  • अध्याय 12 - अपने मन को उच्चतर में लीन करें।
  • अध्याय 13 - माया से अलग होकर परमात्मा से जुड़ो।
  • अध्याय 14 - एक ऐसी जीवन-शैली जिएं जो आपकी दृष्टि से मेल खाती हो।
  • अध्याय 15 - देवत्व को प्राथमिकता दें।
  • अध्याय 16 - अच्छा होना अपने आप में एक पुरस्कार है।
  • अध्याय 17 - सुखद पर अधिकार चुनना शक्ति की निशानी है।
  • अध्याय 18 - चलो चलें, ईश्वर के साथ मिलन की ओर बढ़ते हैं।
  • (इस सिद्धांत में से प्रत्येक पर आत्मनिरीक्षण करें)

G News 24 : 16दिसंबर से पूरे एक महीने तक नहीं होगा काई भी मांगलिक कार्य !

 16 दिसंबर से लगने जा रहा है खरमास ...

16दिसंबर से  पूरे एक महीने तक नहीं होगा काई भी मांगलिक कार्य !

हिंदू धर्म में प्रत्येक रीति-रीवाजों पर संपूर्ण ध्यान दिया जाता है। हर पूजा पद्धति को पूरे विधि-विधान से निभाया जाता है। अब 16 दिसंबर 2023 दिन शनिवार यानी कल सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास लग जाएगा और इस दिन से सारे मांगलिक कार्य रोक दिए जाएंगे। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने को धनु संक्रांति भी कहा जाता है। ऐसे में कोई भी शुभ कार्य करना हिंदू धर्म के अनुसार शुभ फलदायक नहीं माना जाता है। खासकर विवाह जैसे शुभ कार्यक्रमों पर तो पूर्ण रूप से विराम लगता ही है इसी के साथ अन्य शुभ कार्यों पर भी रोक लग जाती है। आइए जानते हैं खरमास कितने बजे से लगने जा रहा है और इस दौरान क्या करें और क्या नहीं।

15 जनवरी 2024 तक रहेगा खरमास

खरमास 16 दिसंबर 2023 दिन शनिवार को शाम 3 बजकर 59 मिनट पर सूर्य के धनु राशि में आते ही लग जाएगा और 15 जनवरी 2024 में जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे तब खरमास का समापन हो जाएगा। खरमास की इस लिहाज से कुल अवधि 1 महीने की रहेगी। इस दौरान सारे मांगलिक कार्य हिंदू रीति-रीवाज के अनुसार नहीं किए जाते हैं।

खरमास में ये करें

  • मान्यता है कि खरमास के दिन रोज प्रातः स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। अर्घ्य देने से पहले तांबे के पात्र में कुमकुम, लाल गुलहड़ का फूल, अक्षत डाल कर तभी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करें।
  • सूर्य अर्घ्य देने के बाद सूर्य भगवान के मंत्रों का जाप करें। मंत्र इस प्रकार से ऊं घृणिः सूर्याय नमः।
  • खरमास में रविवार के दिन सूर्य भगवान के निमित्त व्रत करने और सूर्य चालीसा का पाठ करने से उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है।
  • खरमास के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए।
  • इस दौरान आप गुरु बृहस्पति की पूजा भी कर सकते हैं क्योंकि धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति ही हैं। इसी के साथ आप भगवान नारायण की उपासना नित्य कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके जीवन में चल रहे समस्त कष्ट मिट जाएंगे।
  • गुरु बृहस्पति के मंत्र का जाप करना खरमास के दौरान आपके लिए लाभदायक होगा। मंत्र इस प्रकार से ऊँ ब्रं बृहस्पति नमः 
  • खरमास के दौरान जितना हो सके भगवान सत्यनारायण का भजन और उनकी कथा का श्रवण करें। मंदिरों में दान-पुण्य करें और शाम को सूर्यास्त के बाद दीपदान करें ऐसा करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।

खरमास में ये नहीं करना है !

  • खरमास के दौरान सारे मांगलिक कार्य करने की मनाही है तो ऐसे में आप कोई भी शुभ कार्य न करें।
  • इस दौरान विवाह पर तो पूर्ण विराम लग ही जाता है साथ ही विवाह से जुड़ा कोई भी शुभ कार्य भी न करें, जैसे की शादी के लिए वर-वधु ढूंढना, रिश्ता तय करना इत्यादि।
  • खरमास में कोई भी कार्य जो पूजा अनुष्ठान और संकल्प से जुड़ा हो उसे न करें।
  • इस दौरान मुंडन, नाम करण संस्कार, ग्रह प्रवेश करना, कोई नया वाहन घर लाना या खरीदना आदि कार्य भी नहीं करने चाहिए।

G News 24 : येल्नाडु गांव में हनुमान जी की मूर्ति के साथ विराजित है एक स्त्री

 मंदिर में दर्शन करने सुखी दांपत्य जीवन का मिलता है आशीर्वाद ...

येल्नाडु गांव में हनुमान जी की मूर्ति के साथ विराजित है एक स्त्री

हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त माने जाते हैं। यही वजह है कि हनुमान जी के हर मंदिर में राम जी, सीता माता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा जरूर रहती है। लेकिन आज हम आपको बजरंबली के उस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां उनकी मूर्ति न तो अकेली है न ही राम जी के साथ। यहां पर हनुमान जी एक स्त्री के साथ विराजित है। आखिर यह किस स्त्री की मूर्ति है और ये मंदिर कहां पर है। तो आइए जानते हैं हनुमान जी के इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में। 

तेलंगाना के खम्मम जिले में येल्नाडु गांव में स्थित है हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर जहां उनकी प्रतिमा अकेली नहीं है। इस मंदिर में बजरंबली के साथ एक स्त्री की प्रतिमा भी उनके साथ विराजित है। इस मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार, यहां बजरंबली के साथ जिस स्त्री की मूर्ति है वो उनकी पत्नी हैं। कहा जाता है कि पाराशर संहिता में हनुमान जी के इस विवाह की कथा बताई गई है। कहा जाता है कि अपने गुरु सूर्यदेव से 9 विद्याओं में से 5 विद्याएं प्राप्त कर चुके हनुमान जी को 4 विद्याएं पाने के लिए विवाहित होना आवश्यक था। इसी कारण हनुमान जी ने सूर्यदेव की पुत्री सुर्वचला से विवाह किया था हालांकि विवाह के तुरंत पश्चात सुवर्चला पुन: तप में लीन हो गई।

इस मंदिर के दर्शन करने से वैवाहिक जीवन रहता है सुखी

मान्यता ये है कि इस मंदिर में दर्शन करने से दांपत्य जीवन में अगर अनबन हो तो वो दूर हो जाता है। इतना ही नहीं यहां पति-पत्नी को एक-दूसरे के साथ प्रेम पूर्वक रहने का वादा हनुमान जी के समक्ष करना पड़ता है। 

शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा का महत्व

 शनिवार और मंगलवार के दिन बजरंबली की पूजा करने से हर तरह के दुख और भय से छुटकारा मिलता है। सप्ताह के इन दोनों दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर चमेली का तेल, सिंदूर और बेसन के लड्डू चढ़ाने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा आज के दिन बजरंबली के साथ प्रभु राम और माता सीता की पूजा भी अवश्य करें, तभी आपको उचित फल मिलेगा। शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी अत्यंत शुभदायी माना जाता है। 

G News 24 : श्री राम का भव्य मंदिर बने इसके लिए 28 साल पहले त्याग दिया था अन्न....

 कलयुग की शबरी उर्मिला चतुर्वेदी ने ...

श्री राम का भव्य मंदिर बने इसके लिए 28 साल पहले त्याग दिया था अन्न....

जबलपुर।  6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी  मस्जिद के विवादित ढांचे को गिरा  दिया गया था। उस वक्त हुए विवाद को लेकर जब खून खराबा हुआ तो उर्मिला चतुर्वेदी विचलित हो गई थीं। तब इन्होंने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में राम के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू नहीं हो जाता तब तक ये अन्न ग्रहण नहीं करेंगी। 

उर्मिला चुतर्वेदी मूलरूप से मध्य प्रदेश के जबलपुर के विजय नगर इलाके की रहने वाली हैं। बीते 30 साल से ये अन्न की बजाय सुबह में चाय, सीजनल फल, दूध और मठा ले रही हैं सिर्फ.. अयोध्या विवादित भूमि को लेकर कोर्ट का फैसला आया तब भी ये अपने फैसले पर अडिग रहीं और बोलीं कि वे अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में उनके दर्शन के बाद ही अपना उपवास तोड़ूेंगी।। ऐसे पता नहीं कितने लोगो की आस्था को राम मंदिर का इंतजार है। 

G News 24 : करुणाधाम में 4 से 10 दिसम्बर तक शतचंडी महायज्ञ भव्य आयोजन

 भारत के कल्याण की कामना को लेकर ... 

करुणाधाम में 4 से 10 दिसम्बर तक शतचंडी महायज्ञ भव्य आयोजन 

भोपाल। नेहरू नगर स्थित करुणाधाम आश्रम में 4 दिसम्बर से शतचंडी महायत्र का भव्य आयोजन किया जा रहा है। शतचंडी महायज्ञ सात दिन 10 दिसम्बर तक चलेगा।

पीठाधीश्वर गुरुदेव श्री सुदेश जी शाण्डिल्य महाराज के सानिध्य में भारत के कल्याण की कामना से शतचंडी महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। इसकी तैयारियों के संबंध में एक बैठक हुई। बैठक में महायज्ञ के समय के कार्य और गतिविधियों की विभिन्न जिम्मेदारियाँ तय की गईं।

आश्रम की ईशा शाण्डिल्य ने बताया कि शतचंडी महायज्ञ उज्जैन के प्रकाण्ड पण्डितों द्वारा किया जायेगा। महायज्ञ में सप्तशती के 100 पाठ और यज्ञ होगा। यज्ञ-शाला में सात दिन 33 कोटि देवता, तीर्थ, जल-देव, अग्नि-देव विराजित रहेंगे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यज्ञशाला की प्रतिदिन परिक्रमाएँ लगायेंगे। प्रतिदिन सुबह 9 से 12 और शाम को 3 से 6 बजे महायज्ञ होगा। मंदिर खुलने का समय सुबह 6:30 से दोपहर 12 बजे तक और शाम 5 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक किया गया है।

G News 24 : पीएम मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर में की प्रार्थना

 पीएम मोदी पहुंचे तिरुपति बालाजी मंदिर की पूजा-अर्चना और ...

पीएम मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर में की प्रार्थना

पीएम मोदी ने सोमवार को तिरुपति बालाजी मंदिर में पूजा अर्चना की। प्रधानमंत्री ने मंदिर में दर्शन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी साझा की। पीएम मोदी ने लिखा तिरुमला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा अर्चना की और देशवासियों के लिए अच्छी सेहत और समृद्धि की कामना की। 

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने एक बयान जारी कर बताया था कि पीएम मोदी 26 नवंबर की शाम में तिरुपति पहुंचेंगे, जहां वह रात में रुकेंगे और उसके बाद 27 नवंबर की सुबह भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन कर आशीर्वाद लेंगे। पीएम मोदी काफी देर तक मंदिर में रहे। मंदिर में पूजा अर्चना के बाद पीएम मोदी तेलंगाना के लिए रवाना  हो जाएंगे। 

तिरुपति बालाजी मंदिर भारत के सबसे अमीर और सबसे मशहूर मंदिरों में से एक है। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित यह मंदिर के प्रमुख देवता भगवान वेंकटेश्वर स्वामी हैं, जिन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। पीएम मोदी ने हाल ही में मथुरा के वृन्दावन स्थित श्री बांकेबिहारी मंदिर में भी पूजा और दर्शन किए थे।