G News 24:भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चीनी विदेश मंत्री ने बोला झूठ: एस जयशंकर

 LAC की वास्तविक स्थिति को लेकर भारत ने एससीओ के मंच पर चीन के झूठ का पुलिंदा खोल दिया... 

भारत-चीन सीमा पर हालात को लेकर चीनी विदेश मंत्री ने बोला झूठ: एस जयशंकर

शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (एससीओ) में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने भारत-चीन सीमा पर मौजूदा हालात को लेकर सफेद झूठ बोला है। छिन कांग ने कहा था कि सीमा पर हालात सामान्य और स्थिर हैं, लेकिन भारत ने एससीओ के मंच पर चीन के झूठ का पुलिंदा खोल दिया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष छिन कांग से मुलाकात के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर स्थिति ‘असमान्य’ है और भारत और चीन के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते अगर सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता की स्थिति बाधित हो। जयशंकर ने यह भी कहा कि सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाने की जरूरत है।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के कुछ हिस्सों में जारी गतिरोध चौथे साल में प्रवेश कर गया है। जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री ने बृहस्पतिवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक से इतर द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में, कांग से हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा , ‘‘मुझे लगता है कि मुद्दा यह है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में एक असामान्य स्थिति है। हमने इस बारे में खुलकर बात की।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘हमें सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाना होगा और हमनें सार्वजनिक रूप से भी इसे स्पष्ट किया है। जो मैं बंद कमरे में कहता हूं, वह जो बाहर कहता हूं, उससे अलग नहीं है।.

भारत और चीन के संबंध असामान्य

भारत और चीन के संबंध सामान्य नहीं हैं एवं ये सामान्य नहीं हो सकते अगर सीमा पर शांति और स्थिरता बाधित हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बारे में बहुत स्पष्ट रहा हूं, मैं इस बारे में लगातार कहता रहा हूं और इस रुख में बैठक के दौरान भी कोई बदलाव नहीं आया।’’ जब चीन के इस दावे के बारे में पूछा गया कि सीमा पर स्थिति स्थिर है तो जयशंकर ने संकेत दिया कि ऐसा नहीं है। गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यह दूसरी मुलाकात थी। चीनी विदेश मंत्री मार्च में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए भारत आए थे। वार्ता के दौरान, जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष को बताया कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर विवाद के कारण भारत-चीन संबंधों की स्थिति "असामान्य" है।

राजनाथ सिंह के साथ भी हो चुकी है वार्ता

पिछले हफ्ते, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू से एक बैठक में कहा था कि चीन द्वारा मौजूदा सीमा समझौतों का उल्लंघन किए जाने से दोनों देशों के बीच संबंधों का पूरा आधार "खराब" हो गया है और सीमा से संबंधित सभी मुद्दों को मौजूदा समझौतों के अनुसार हल किया जाना चाहिए। यह बैठक 27 अप्रैल को नयी दिल्ली में एससीओ रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन के मौके पर हुई थी। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच बैठक से कुछ दिन पहले, भारत और चीन की सेनाओं ने सीमा विवाद के समाधान के लिए 18वें दौर की वार्ता की थी। कोर कमांडर स्तर की 23 अप्रैल को हुई वार्ता में, दोनों पक्षों ने निकट संपर्क में रहने और पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों पर जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, तीन साल से चले आ रहे विवाद को समाप्त करने को लेकर किसी स्पष्ट प्रगति का कोई संकेत नहीं दिखा l 

G.NEWS 24 : मं‎दिर में तोड़फोड़ कर गेट पर लगाया ख‎लिस्तानी झंडा

ऑस्ट्रेलिया में बाप्स स्वामीनारायण…

मं‎दिर में तोड़फोड़ कर गेट पर लगाया ख‎लिस्तानी झंडा 

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया में एक और ‎हिंदू मं‎दिर में तोड़फोड़ कर गेट पर ख‎लिस्तानी झंडा लटका ‎दिया है। इधर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ऑस्ट्रेलिया की यात्रा से कुछ हफ्ते पहले यह घटना हुई है। गौरतलब है ‎कि 23 मई को पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है। इससे पहले पश्चिमी सिडनी के रोज़हिल उपनगर के स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तानी समर्थकों ने तोड़फोड़ की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह बाप्स स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला कर वहां जमकर तोड़फोड़ की। साथ ही मंदिर के गेट पर खालिस्तान का झंडा भी लटकाया। 

मी‎डिया में आई जानकारी के अनुसार पश्चिमी सिडनी के रोजहिल उपनगर में बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर की सामने की दीवार पर शुक्रवार सुबह मोदी आतंकवादी घोषित करें संदेश के साथ स्प्रे-पेंट किया गया था। मंदिर में नियमित रूप से आने वाली सेजल पटेल ने कहा ‎कि आज सुबह जब मैं पूजा के लिए आयी तो मैंने सामने की दीवार पर बदसूरत बर्बरता देखी। मंदिर के अधिकारियों ने गेट पर एक खालिस्तानी झंडा लटका हुआ पाया, और मामले की सूचना न्यू साउथ वेल्स पुलिस को दी। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने मंदिर का दौरा किया और उन्हें हमले की सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराई गई है। 

यह घटना ऑस्ट्रेलिया में लगभग दो महीने की खालिस्तान गतिविधियों के बाद आई है। मार्च में, ब्रिस्बेन में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की चारदीवारी को तोड़ दिया गया था।  इससे पहले जनवरी में, मेलबर्न में तीन हिंदू मंदिरों को खालिस्तानी समर्थकों द्वारा भारत विरोधी पोस्टर और भिंडरावाले समर्थक नारों के साथ विरूपित किया गया था, और बाद में, मंदिर के पुजारियों को खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने के लिए धमकी भरे फोन आए। इधर भारत ने बार-बार ऑस्ट्रेलियाई सरकार के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया है और उसे तेजी से कार्रवाई करने और अपराधियों को कानून के कठघरे में लाने के लिए कहा है।

G News 24:ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स ने पहली राजकीय यात्रा के लिए भारत को चुना !

 इसकी योजना शीघ्र बनाई जानी चाहिए :लॉर्ड करन

ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स ने पहली राजकीय यात्रा के लिए भारत को चुना !

ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय ने अपनी पहली यात्रा के लिए भारत आने की इच्छा जाहिर की है।भारतीय मूल के मशहूर कारोबारी लॉर्ड करन बिलिमोरिया ने कहा कि ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय राजकीय यात्रा पर भारत जाने की इच्छा रखते हैं और इसकी योजना शीघ्र बनाई जानी चाहिए। ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला के राज्याभिषेक समारोह से पहले बिलिमोरिया ने संसद परिसर में वेस्टमिन्टर हॉल में सांसदों के एक समूह से बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें भारत-ब्रिटेन संबंधों का मुद्दा उठाने का अवसर मिला और उन्होंने महाराजा से भारत की यात्रा पर जाने के संबंध में विचार करने का अनुरोध किया। ब्रिटेन में कारोबारी तथा ‘कोबरा बीयर’ के संस्थापक बिलिमोरिया का विचार है कि महाराजा चार्ल्स तृतीय की राजकीय यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों में तेजी आएगी तथा मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर चल रही बातचीत को और गति मिलेगी। लॉर्ड बिलिमोरिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ मैंने महाराजा चार्ल्स तृतीय से कहा कि हमारी भारत की राजकीय यात्रा होनी चाहिए क्योंकि इसका द्विपक्षीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा तथा भारत-ब्रिटेन के बीच एफटीए बातचीत में भी तेजी आएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम जानते हैं कि महाराजा भारत के मित्र हैं और भारत के प्रति गहरा लगाव रखते हैं। उन्होंने कहा कि वह राजकीय यात्रा पर भारत जाना पसंद करेंगे और हमें इसकी योजना शीघ्र बनानी चाहिए।

प्रिंस ऑफ वेल्स होने के दौरान भी की थी भारत यात्रा

इससे पहले महाराजा चार्ल्स तृतीय नवंबर 2019 को भारत गए थे। उस वक्त वह प्रिंस ऑफ वेल्स थे और उन्होंने अपना 71वां जन्मदिन मुंबई में मनाया था। बिलिमोरिया भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत संबंधों के पक्षधर हैं और उन्होंने पिछले वर्ष ब्रिटेन भारत उद्योग कार्यबल बनाने में मदद की थी। उनका यह भी मानना है कि ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की भारत यात्रा से भी दोनों देशों के बीच संबंधों को प्रगाढ़ करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को बड़ा प्रतिनिधिमंडल लेकर जल्द भारत जाना चाहिए, यह काफी वक्त से लंबित है। ब्रिटेन से भारत के लिए अंतिम प्रतिनिधिमंडल 2016 में गया था, लंबा वक्त हो गया है।

G News 24:भारत पहुंचे पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो

 गोवा के SCO सम्मेलन में शामिल होने ...

भारत पहुंचे पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत में हो रहे शंघाई सहयोग संघठन (एससीओ) में शामिल होने के लिए भारत पहुंच चुके हैं। पाकिस्तान से गोवा आने से पहले उन्होंने ट्वीट करके कहा कि वह भारत के गोवा में एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए जा रहे हैं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शंघाई सहयोग संघठन (एससीओ) में शामिल होने के लिए गोवा पहुंच चुके हैं। बिलावल गोवा में होने वाली SCO की बैठक में शामिल होंगे। पुंछ में हुए आतंकी हमले के 14 दिन बाद बिलावल का भारत दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग, रूस के सर्गेई लावरोव भी शामिल होंगे।

चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ एस जयशंकर बाइलेट्रल मीटिंग करेंगे, लेकिन बिलावल के साथ वन टू वन मीटिंग का अभी तक कोई प्रोग्राम नहीं है। पाकिस्तान को लेकर भारत का रुख बिल्कुल क्लियर है कि वह जब तक सरहद पार से दहशतगर्दी बंद नहीं करेगा तब तक भारत के सामने उसकी दाल गलने वाली नहीं है। ऐसे में बिलावल किस एजेंडे के साथ भारत आ रहे हैं, इस पर लोगों की निगाहें टिकी है।

भारत रवाना होने से पहले किया था ये ट्वीट

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी भारत में हो रहे शंघाई सहयोग संघठन (एससीओ) में शामिल होने के लिए गोवा रवाना होने से पहले ट्वीट करके कहा था कि वह भारत के गोवा में एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए जा रहे हैं। इससे यह जाहिर होता है कि पाकिस्तान एससीओ बैठक को लेकर और अपनी भागीदारी को कितना अधिक अहमियत देता है।

बता दें कि पुलवामा हमले और उसके जवाब में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच यह पहला मौका है जब पाकिस्तान का कोई मंत्री भारत आया है। इससे पहले दोनों ही देश एक दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए हुए थे। एससीओ की बैठक गोवा में होनी है। रूस के विदेश मंत्री सरगे लावरोव भारत पहुंच चुके हैं। जबकि चीन के विदेश मंत्री भी दोपहर तक भारत आ जायेंगे।

भारतीय विदेश मंत्री करेंगे डिनर होस्ट

आज विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर एससीओ के सेक्रेटरी जनरल के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, इसके बाद वो रूस, चीन और उज़्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। अभी पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता को लेकर कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है। बता दें कि इस साल भारत sco की अध्यक्षता कर रहा है। एससीओ की हेड ऑफ द स्टेट्स की मीटिंग जुलाई में दिल्ली में होगी।

G News 24 :अब चलते-चलते ही चार्ज हो जाएँगी सभी इलेक्ट्रिक गाड़ियां !

 बन रही है दुनिया की पहली इलेक्ट्रिक सड़क...

अब चलते-चलते ही चार्ज हो जाएँगी सभी इलेक्ट्रिक गाड़ियां !

स्वीडन l पर्यावरण को बचाने की मुहिम में स्वीडन पूरे यूरोप की अगुवाई कर रहा है. स्वीडन की सरकार ने भविष्य की जरूरतों को समझते हुए ई-व्हीकल सेगमेंट और उसकी चुनौतियों से निपटने के लिए काफी पहले काम करना शुरू कर दिया था. ऐसे में अब यहां ऐसी इलेक्ट्रिक सड़क बन रही है जो बैटरी से चलनी वाली हर गाड़ियों की सारी परेशानी एक साथ दूर कर देगी. ई-व्हीकल्स के लिए ये एक क्रांतिकारी योजना होगी. जिसका पायलट प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इसे पूरे देश में शुरू कर दिया जाएगा. 

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने वाली यह ई-रोड स्वीडन सरकार की देखरेख में बन रही है. भविष्य में इसे और  विस्तार दिया जाएगा और देश में 20 हजार किलोमीटर तक ऐसी सड़कें, हाइवे बनाने का प्लान है. इस इलेक्ट्रिक रोड पर चलने वाले कार और ट्रक ड्राइवर बिना रुके चलते-चलते अपनी बैट्री रिचार्ज कर सकते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस डायनेमिक चार्जिंग से लोग भविष्य में छोटी बैटरी के साथ लंबी दूरी तय कर सकते हैं और चार्जिंग स्टेशनों पर कई घंटों तक इंतजार करने से बच सकते हैं.

2018 में शुरू हुआ था काम 

साल 2018 में, स्वीडन के ट्रांसपोर्ट विभाग Trafikverket ने स्टॉकहोम के अरलांडा एयरपोर्ट और रोज़र्सबर्ग के बीच इसी थीम पर काम करते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए दुनिया की पहली चार्जिंग रेल नेटवर्क का उद्घाटन किया था. तब दो किलोमीटर लंबी उस इलेक्ट्रिफाइड रोड से गुजरने वाली कारों और ट्रकों की बैटरी चार्ज हो जाती थी. दरअसल, इस रोड के बीचोंबीच में एक ऐसी पटरी थी जिससे गुजरने के दौरान इलेक्ट्रिक कारों और ट्रकों की बैटरीज चार्ज हो जाती थी. डामर से बनने वाली रोड में इस तरह से इलेक्ट्रिफिकेशन करके कंपनी ने भविष्य के लिए कुछ बड़ा कर गुजरने के संकेत दिए थे. उसी थीम से प्रेरणा लेते हुए अब देशभर में ऐसी सड़क बनाने की तैयारी है जिससे लोगों की ई गाड़ियों की चार्जिंग का टंटा ही खत्म हो जाएगा.

G News 24: 14 मोबाइल मैसेंजर एप्स किए ब्लॉक

 केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन !

 14 मोबाइल मैसेंजर एप्स किए ब्लॉक 

नई दिल्ली l  केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 14 मैसेंजर मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक कर दिया है। सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है। इन मैसेंजर मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकी सीक्रेट मैसेज भेजते थे। आतंकी इन ऐप्स का इस्तेमाल कश्मीर में अपने सपोर्टर्स और ऑन-ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए कर रहे थे।

इन मैसेंजर एप्स को किया ब्लॉक

इन ऐप्स में Crypviser, Enigma, Safeswiss, Wickrme,Mediafire, Briar, BChat,Nandbox, Conion, IMO, Element, Second line, Zangi, Threema जैसे ऐप्स शामिल हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक इन एप के जरिए जम्मू-कश्मीर में मौजूद आतंकियों को पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के द्वारा भी कोडेड मैसेज भेजे जाते थे।

आतंकियों के कम्यूनिकेशन नेटवर्क पर लगी रोक

पिछले कुछ सालो में, गवर्नमेंट जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के कम्युनिकेशन नेटवर्क पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है। जिन ऐप्स को ब्लॉक किया गया है, उनके सर्वर अलग-अलग देशों में हैं, जिससे उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है। ऐप्स में हैवी एन्क्रिप्शन मिलने की वजह से इन ऐप्स को इंटरसेप्ट करने का कोई तरीका नहीं है।

G News 24:3 साल के बेटे को KG में एडमिशन से पहले लियाऐसा फैसला जो बन गया सुर्खियां

  

 अमीर बाप ने बेटे को पढ़ने नहीं भेजा बल्कि घर ले आया 7 करोड़ का स्कूल ! 

3 साल के बेटे को KG में एडमिशन से पहले लियाऐसा फैसला जो बन गया सुर्खियां

बीजिंग। चीन में एक पिता ने अपने 3 साल के बच्चे को किंडरगार्टेन में डालने से पहले ऐसा फैसला लिया, जो सुर्खियां बन गया।इस शख्स ने कोई 20-30 लाख नहीं बल्कि 7 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत में एक स्कूल बनाया है, वो भी सिर्फ छोटे बच्चों के लिए।वो चाहता है कि उसका बेटा यहां पढ़े और उसके मुताबिक माहौल में रहे।रिपोर्ट्स के मुताबिक शख्स का सरनेम ली है और वो जियांगशु प्रोविंस में रहता है।उसने अपने 3 साल के बेटे का किंडरगार्टेन में एडमिशन कराने से पहले खुद ही प्री-स्कूल खोल लिया।कुल 870,000 यानि भारतीय मुद्रा में 7 करोड़ 11 लाख से भी ज्यादा रुपये लगाकर स्कूल की बिल्डिंग सिर्फ 7 महीने में तैयार करवा डाली।उसके इस स्कूल में एक बड़ी सी ट्यूब स्लाइड है, जिससे सीढ़ियों को रिप्लेस किया गया है।स्कूल में मूव करने वाली कर्टेन वॉल्स हैं, बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं।

डांस के लिए अलग से कमरे हैं, लाइब्रेरी, गार्डेन, फलों के पेड़ और रंगीन टॉयलेट्स भी बनाए गए हैं.स्कूल में आर्ट के लिए अलग क्लास में ड्रॉइंग बोर्ड्स लगाए गए हैं।यहां फिल्में और कार्टून के लिए मूवी रूम भी है।एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर पर उतरने के लिए स्लाइड्स ही हैं।इसमें अंडरफ्लोर हीटिंग सिस्टम है, ताकि बच्चे को ठंड न लग जाए।स्कूल में ली के बेटे के साथ कुछ और बच्चे भी हैं, जो यहां करीब 47 हजार हर महीने की फीस चुकाते हैं।इस कहानी को जानने के बाद सोशल मीडिया पर कमेंट्स की लाइन लग गई।

G News 24:किम जैसी खूबसूरती और फिगर पाने का नशा पड़ गया जिंदगी पर पड़ गया भारी !

 किम कार्दशियन की तरह दिखने के लिए करवाई भयानक प्लास्टिक सर्जरी...

किम जैसी खूबसूरती और फिगर पाने का नशा पड़ गया जिंदगी पर पड़ गया भारी !


वाशिंगटन। हॉलीवुड की पॉपुलर अभिनेत्री किम कार्दशियन की खूबसूरती की दुनिया दिवानी है। किम जैसी खूबसूरती और फिगर पाने का नशा लड़कियों में इस कदर चढ़ गया है कि वह कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। किम की हमशक्ल ओनलीफैंस मॉडल क्रिस्टीना एश्टन गोरकानी का हाल ही निधन हो गया है, उन्होंने हूबहू किम जैसा दिखने के लिए प्लास्टिक सर्जरी कराई यहीं उनकी मौत का कारण माना जा रहा है। 

34 साल की मॉडल की मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट है। दो दिन पहले परिवार की तरफ से उनके निधन की जानकारी दी गई, जिसके बाद से लोगों को बेहद झटका लगा है। क्रिस्टीना को किम जैसा दिखने और बॉडी फिगर पाने की वजह से जाना जाता था और इसी के चलते वह काफी पॉपुलर हो गई थी। क्रिस्टीना को क्या पता था कि उनका ये क्रेज ही उनकी जान का दुश्मन बन जाएगा। परिवार ने साफ किया कि मैडिकल प्रक्रिया के दौरान एश्टन की ये हालत हुई और जो बद से बदतर होती चली गई। इसके बाद उनके निधन की जांच चल रही है। परिवार का कहना है कि मॉडल हमेशा ही लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश में रहती थी। फैंस अभिनेत्री को ट्रिब्यूट दे रहे हैं। 

प्लास्टिक सर्जरी से होने वाला नुकसान 

प्राकृतिक चीज अधिक खूबसूरत होती है, फिर चाहे वह आपकी नेचुरल ब्यूटी ही क्यों न हो।प्लास्टिक सर्जरी एक बाह्य चीज है, जिसमें आपके शरीर के उस हिस्से में कुछ ऐसी चीजें लगाईं जाती हैं जो त्वचा के जैसी दिखती तो है, लेकिन वो प्राकृतिक नहीं होती। ऐसे में प्लास्टिक सर्जरी करवाने से नेचुरल निखार खो जाता है। ज्यादातर प्लास्टिक सर्जरी चेहरे के अंगों के पास की जाती है। इससे चेहरे के आसपास के अंग की मांसपेशियां खराब हो जाती हैं। 

दवा रिएक्शन करने से इंसानी शरीर पर प्रभाव पड़ता है। सर्जरी के बाद कई बार इसके शरीर पर निशान रह जाते हैं। जब आपके शरीर में बाहर से कोई चीज डाली जाएगी, तो इससे त्वचा को नुकसान होता है। कई बार शरीर में हार्मोनल चेंजेज भी होने लगती हैं जो की इंसान के स्वास्थ और त्वचा में बुरा असर डालते हैं। अक्सर प्लास्टिक सर्जरी के बाद  जलन, खुजली और रैशेज की समस्या होने लगती है। कभी-कभी इस सर्जरी को कराने से जैसा परिणाम हम चाहते हैं, वह नहीं मिल पाता है। सर्जरी असर तो करता है, पूरी तरह अंग में बदलाव कभी-कभी नहीं कर पाता।

G News 24 :ढाई किलो वजन का सॉलिड सोने से बना मुकुट पहनेंगे किंग चार्ल्स

 हजारों करोड़ खर्च होगा किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक और 6 मई को चार्ल्स ब्रिटेन के राजा बन जाएंगे

ढाई किलो वजन का सॉलिड सोने से बना मुकुट पहनेंगे किंग चार्ल्स 

लंदन। इस साल एलिजाबेथ द्वितीय के निधन और शोक-समारोह के तुरंत बाद से किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक की तैयारियां शुरू हो गईं। 6 मई को चार्ल्स आधिकारिक तौर पर ब्रिटेन के राजा बन जाएंगे। ये राज्याभिषेक कोई मामूली बात नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ा समारोह है। इस दौरान राजा-रानी को क्राउन पहनाया जाता है, और दर्शक गॉड सेव द किंग के नारे लगाते हैं। 

इस भव्य आयोजन पर करोड़ों रुपए खर्च होने वाले हैं, इस लेकर लोग इस बार परेशान हो रहे हैं। असल में ब्रिटेन में कई दशकों बाद खाने की कीमतों में सबसे बड़ा उछाल आया है। पूरा देश महंगाई से जूझ रहा है। यहां तक कि नौबत ये आ गई कि लोग अपने खाने के लिए फूड बैंक पर निर्भर हो गए हैं। ये फूड बैंक कुछ चैरिटी संस्थाएं चलाती हैं। पहले ये फूडबैंक होमलेस लोगों और बच्चों तक खाना पहुंचाया करते, लेकिन अब आम लोग तक खाने पीने के लिए फूड बैंकों तक पहुंच रहे हैं। जब पूरा देश बदहाली से जूझ रहा है, तभी किंग का राज्याभिषेक होने जा रहा है। 

अनुमान है कि ताजपोशी में लगभग सौ मिलियन पाउंड (हजार करोड़) का खर्च आएगा। चूंकि ये समारोह देश की जिम्मेदारी है, तब इसका खर्च भी करदाता उठाएंगे। इससे पहले साल 1953 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी में ब्रिटिश सरकार ने लगभग डेढ़ मिलियन पाउंड खर्च किए थे। ये आज के हिसाब से 50 मिलियन पाउंड के करीब है, यानी सवा पांच सौ करोड़ रुपए खर्च हुए थे। 

टैक्सदाताओं की परेशानी रॉयल फैमिली की नजर में है। इसकारण राज्याभिषेक का आयोजन करने वाली कमेटी ऑपरेशन गोल्डन ऑर्ब ने इस बारे में कई बातें साफ कीं। उनका कहना है कि समारोह को काफी छोटा बनाने की कोशिश की जाएगी, लेकिन सुरक्षा पर खर्च करना ही होगा। असल में पूरा प्रोसेस कई घंटे लंबी होगी, जिसमें 2 हजार से ज्यादा मेहमान आएंगे। इसके बाद सुरक्षा बड़ा मुद्दा हो सकता है। 

ये भी तर्क दिया जा रहा है कि करदाताओं पर उतना बोझ नहीं पड़ेगा क्योंकि ताजपोशी का समारोह टीवी पर दिखाया जाएगा। इसका सारा अधिकार ब्रिटिश सरकार के पास होगा। इसके अलावा टूरिज्म भी बढ़ेगा। दूसरे देश से आ रहे लीडर्स के अलावा बहुत से आम लोग भी अभिषेक देखने या कवर करने आएंगे। इसके लिए काफी पहले से होटल भी बुक होने लगे हैं। एक अंदाज है कि इससे जो पैसे आएंगे, वहां हजार करोड़ रुपयों से कहीं ज्यादा होगा और टैक्सपेयर्स उतनी तकलीफ में नहीं रहेगा। लेकिन फिलहाल ये सिर्फ एक अनुमान है। 

ब्रिटेन का ये समारोह यूरोप और लगभग पूरी दुनिया में अपनी तरह का अनोखा और सबसे भव्य समारोह है। लगभग हजार सालों से इसमें एक जैसी रस्में होती आईं हैं। बस, हर बार मेहमानों की संख्या और लिस्ट बदल जाती है। इस दौरान किंग चार्ल्स और क्वीन कैमिला घोड़े से चलने वाले रथ पर लगभग 40 मिनट तक एक से दूसरे पॉइंट तक चलने वाले हैं। ये मॉडर्न रथ होगा, जिसका ज्यादा कंट्रोल मैनुअल होगा। इसमें इलेक्ट्रिक विंडो और एसी भी लगा होगा। पैलेस पहुंचने पर किंग को 700 साल पुरानी कुर्सी पर बैठाया जाएगा, जिसके बाद पवित्र जल से उनका अभिषेक होगा और ताज पहनाया जाएगा। इस दौरान 7 अलग-अलग तरह की धुनें बजेंगी और सेना सलामी देगी। 

ये 17वीं सदी का सेंट एडवर्ड क्राउन है, जो सॉलिड गोल्ड से बना हुआ है। लगभग ढाई किलो वजन का ये मुकुट आम मौकों नहीं, सिर्फ राज्याभिषेक के दौरान पहना जाता है, जो कि प्रतीकात्मक होता है। इसके बाद मुकुट को सहेजकर रख दिया जाता है। इसके अलावा एक और मुकुट होगा, इस इंपीरियल स्टेट क्राउन कहते हैं। ये ताजपोशी के आखिर में पहना जाएगा। यहीं वहां क्राउन है, जिसे किंग कई बार पहनने वाले हैं। खासकर जब वे बकिंघम पैलेस की बालकनी में आएंगे, उनके सिर पर यहीं ताज होगा। यह भी सोने से बना है, जिसमें ढाई हजार से ज्यादा हीरे, लगभग 3 सौ मोती, 4 रूबी और बहुत से कीमती जवाहरात जड़े हुए हैं। इस दौरान उन्हें क्वीन मैरी का ताज पहनाया जाएगा। अब तक ये क्राउन टावर ऑफ लंदन में प्रदर्शनी के लिए रखा हुआ था, लेकिन फिलहाल सेरेमनी के लिए उस यहां से हटाया गया है। ये कीमती मुकुट राजनैतिक तौर पर काफी दमदार माने जाते हैं। यहां तक कि इन्हें छूने का अधिकार भी दुनिया में सिर्फ तीन लोगों को है, वर्तमान राजा-रानी, आर्कबिशप ऑफ केंटरबरी और रॉयल क्राउन ज्वेलर्स। ज्वेलर्स तय लोग होते हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी रॉयल फैमिली की ज्वेलरी से ही डील करते हैं। ताजपोशी से पहले क्राउन को एडजस्ट करने का काम भी इनका होता है। 


G News 24:UNSC में वीटो का इस्तेमाल नैतिक दायित्वों से नहीं, राजनीतिक विचारों से प्रेरित है: भारत

 केवल 5 स्थायी सदस्यों को वीटो का पॉवर दिया जाना अन्य देशों की संप्रभु समानता की अवधारणा के विपरीत

UNSC में वीटो का इस्तेमाल नैतिक दायित्वों से नहीं, राजनीतिक विचारों से प्रेरित है: भारत

जिनेवा। भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का इस्तेमाल नैतिक दायित्वों के आधार पर नहीं, बल्कि राजनीतिक विचारों के आधार पर किया जाता है और वीटो इस्तेमाल करने का अधिकार केवल पांच स्थायी सदस्यों को दिया जाना देशों की संप्रभु समानता की अवधारणा के विपरीत है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थानीय मिशन में सलाहकार प्रतीक माथुर ने 193 सदस्यीय महासभा द्वारा ‘वीटो पहल’ को पारित किए जाने के एक साल बाद बुधवार को ‘वीटो के इस्तेमाल’ पर आयोजित महासभा की बैठक में कहा कि पिछले 75 साल से अधिक समय में सभी पांच स्थायी सदस्यों ने अपने-अपने राजनीतिक हित साधने के लिए वीटो का इस्तेमाल किया है।

कुल 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद के केवल पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं और उन्हीं के पास वीटो इस्तेमाल करने का अधिकार है। शेष 10 सदस्य दो साल के लिए अस्थायी रूप से चुने जाते हैं और उनके पास वीटो का अधिकार नहीं है। माथुर ने कहा कि वीटो का इस्तेमाल नैतिक दायित्वों से नहीं, बल्कि राजनीतिक विचारों से प्रेरित होता है। जब तक यह अस्तित्व में है, वीटो का अधिकार रखने वाले सदस्य देश ऐसा करते रहेंगे, भले ही कितना भी नैतिक दबाव क्यों न हो। जब ‘वीटो पहल’ संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया था, उस समय भारत ने प्रस्ताव को पेश करने में समावेशिता की कमी पर खेद व्यक्त किया था।

श्री माथुर ने दोहराया कि वीटो संबंधी प्रस्ताव दुर्भाग्य से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों संबंधी सीमित दृष्टिकोण को दर्शाता है और यह समस्या के मूल कारण की अनदेखी करते हुए एक ही पहलू को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि वीटो इस्तेमाल करने का विशेषाधिकार केवल पांच सदस्यों को दिया गया है। यह देशों की संप्रभु समानता की अवधारणा के विपरीत है और द्वितीय विश्व युद्ध की केवल इस मानसिकता को बनाए रखता है कि ‘लूटा गया सामान केवल विजेता का होता है’।श्री माथुर ने यूएनएससी सुधारों पर अंतर-सरकारी वार्ताओं में अफ्रीका के रुख को उद्धृत करते हुए कहा कि सैद्धांतिक रूप से वीटो को समाप्त कर दिया जाना चाहिए। बहरहाल, आम न्याय की बात करें, तो जब तक यह बना रहता है, तब तक इसमें नए स्थायी सदस्यों को शामिल करके उन्हें भी यह अधिकार दिया जाना चाहिए। माथुर ने जोर देकर कहा कि मतदान के अधिकार के संदर्भ में या तो सभी राष्ट्रों के साथ समान व्यवहार किया जाए या फिर नए स्थायी सदस्यों को भी वीटो का अधिकार दिया जाना चाहिए।

श्री माथुर ने कहा कि हमारे विचार में नए सदस्यों को वीटो का अधिकार दिए जाने से परिषद की प्रभावशीलता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत ने वीटो के सवाल सहित यूएनएससी सुधार के सभी पांच पहलुओं से आईजीएन (अंतरसरकारी वार्ता) प्रक्रिया में स्पष्ट रूप से परिभाषित समय-सीमा के जरिए व्यापक तरीके से निपटने की आवश्यकता को रेखांकित किया। ये पांच पहलू हैं सदस्यता की श्रेणियां, वीटो का सवाल, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व, एक विस्तृत परिषद का आकार एवं परिषद के काम करने के तरीके और सुरक्षा परिषद एवं महासभा के बीच संबंध।

G News 24: सबसे दमदार नेवी वाला हिंदू राजा ने 1000 साल पहले इंडोनेशिया तक जमाई धाक !

 राजा ने हिंद महासागर के अधिकतर द्वीपों पर कब्जा जमा लिया था.

सबसे दमदार नेवी वाला हिंदू राजा ने 1000 साल पहले इंडोनेशिया तक जमाई धाक !

चोल काल l आपने मुगल काल और राजपूत राजाओं की कई कहानियां सुनी होंगी लेकिन, क्या आप जानते हैं कि एक हिंदू राजा  ऐसा भी था जिसके पास सबसे शक्तिशाली नेवी थी. उसने अपनी नौसेना के दम पर हिंद महासागर ) पर दशकों तक राज किया. माना जाता है कि इंडोनेशिया और कंबोडिया समेत तमाम देशों में सनातन परंपरा की जो छाप दिखती है वो उसी साम्राज्य की वजह से है. इस हिंदू राजा ने पहले श्रीलंका को जीता और फिर हिंद महासागर के अधिकतर द्वीपों को अपने राज्य के आधीन कर लिया. कहा जाता है कि इस राज्य के पास उस समय के सबसे आधुनिक युद्धपोत थे. इसी के दम पर उन्होंने एक के बाद एक जीत हासिल की. आइए जानते है कि ये हिंदू राज कौन था और उसने कैसे इंडोनेशिया तक अपने राज्य की धाक जमाई थी.

बता दें कि हम किसी और की नहीं बल्कि पराक्रमी चोल वंश की बात कर रहे हैं. चोल वंश के दो राजाओं के बारे में सबसे ज्यादा बात होती है. उनके काल को दक्षिण भारत स्वर्ण युग भी कहा जाता है. चोल वंश में सबसे ज्यादा राजा राजराजा और उनके बेटे राजेंद्र प्रथम की चर्चा की जाती है. जहां राजा राजराज ने 985-1014 ईस्वी तक और उनके पुत्र राजेंद्र प्रथम ने 1012 से 1044 ईस्वी तक शासन किया था. इतिहास में दर्ज है कि चोल सेना के आगे साउथ-ईस्ट एशिया के तमाम देशों ने अपनी हार स्वीकार की और फिर चोलों के ही आधीन हो गए.

बता दें कि चोल राजा सिर्फ युद्ध नीति में ही निपुण नहीं थे. चोल साम्राज्य में बिजनेस पर भी काफी ध्यान दिया. चोल राज्य का बिजनेस आज से करीब 1 हजार साल पहले रोम-चीन तक फैला हुआ था. चोल शासकों का नाम उन पहले राजाओं में दर्ज हैं जिन्होंने भारत के बाहर किसी देश पर हमला किया. चोल राजा ने अपने विजय अभियान की शुरुआत श्रीलंका से की थी. बताया जाता है कि जब 1014 में राजेंद्र प्रथम राजा बने तो उन्होंने अपने साम्राज्य को बढ़ाते रखने का अभियान जारी रखा. इतना ही नहीं वे दक्षिण भारत के राज्य से भारत में उत्तर की तरफ बढ़े और फिर कलिंग तक अपना दबदबा कायम कर लिया था.

दक्षिण से बंगाल तक किया राज

जान लें कि चोल राजा ने बंगाल में पाल राजवंश को हराकर अपने राज्य का विस्तार किया था. इसके अलावा राजा राजेंद्र प्रथम ने कृष्णा नदी के किनारे गंगईकोंडाचोलपुरम नाम से अपनी नई राजधानी बसाई थी. बंगाल की खाड़ी पर चोल राजाओं का कब्जा था. तब इसे चोल झील कहा जाने लगा था. चोल वंश के राजाओं ने कई सदियों तक शासन किया जो उनकी महानता को बताता था. चोल राजा के समय राज्य के लोग कृषि में भी बहुत आगे थे. चोलों के राज्य में सिंचाई के लिए अच्छी व्यवस्था थी. यहां कई बांध बनवाए गए थे.

g news 24:पृथ्वी पर मंडरा रहा है नया खतरा !

 नासा के चंद्र टेलीस्कोप की चेतावनी…

पृथ्वी पर मंडरा रहा है नया खतरा !

वाशिंगटन। नासा के एक टेलीस्कोप ने पृथ्वी पर नया खतरा मंडराने की चेतावनी दी है। नासा की चंद्रा एक्स-रे वेधशाला और दूसरे एक्स-रे टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में किसी तारे में विस्फोट होने के बाद पृथ्वी जैसे ग्रहों के लिए नए खतरे की खोज की है। नासा के खगोलविदों ने नासा के चंद्र एक्स-रे टेलीस्कोप और अन्य दूरबीनों से जुटाए गए आंकड़ों से इस नए खतरे का पता लगाया है। इस खतरे के बारे में रिपोर्ट करने वाली एक स्टडी से पता चलता है कि एक विशिष्ट चरण के दौरान तारों में होने वाले विस्फोट से शक्तिशाली एक्स-रे 100 प्रकाश-वर्ष दूर मौजूद ग्रहों को भी प्रभावित कर सकते हैं। 

किसी सोलर सिस्टम के ग्रहों और उन पर जीवन की मौजूदगी के बारे में इस स्टडी की खोजें काफी महत्वपूर्ण हैं। यह स्टडी 31 सुपरनोवा विस्फोटों और उसके बाद के एक्स-रे अवलोकनों पर आधारित है। ये शोध मुख्य रूप से नासा के चंद्रा एक्स-रे टेलीस्कोप, स्विफ्ट और एनयूस्टार मिशनों के साथ-साथ ईएसए के एक्सएमएम-न्यूटन से जुटाए गए डेटा की जांच करके किया गया है। रिसर्च से पता चलता है कि लगभग 160 प्रकाश वर्ष दूर स्थित ग्रहों के भी एक्स-रे विकिरण की घातक मात्रा के संपर्क में आने का खतरा पैदा हो सकता है। 

नासा की एक ताजा ब्लॉग पोस्ट के मुताबिक अगर किसी करीबी ग्रह से बहुत बड़ा मात्रा एक्स रे निकलती है, तो उससे ग्रह की वायुमंडलीय संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव होने की आशंका होती है। पृथ्वी जैसे ग्रह के मामले में इसके कारण ओजोन की मात्रा में एक बड़ी कमी हो सकती है, जो सूर्य से हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से धरती पर जीवन की रक्षा करने वाला एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसके अलावा इससे जीवों की एक बड़ी संख्या का खात्मा भी हो सकता है। विशेष रूप से धरती पर फूड चेन की आधार कई समुद्री प्रजातियां खत्म हो सकती हैं। जिसके कारण अंततः जीव विलुप्त हो सकते हैं। इसका साफ जवाब है कि नहीं! बहरहाल पृथ्वी और सौर मंडल के दूसरे ग्रह मौजूदा वक्त में सुपरनोवा विस्फोटों की संभावना वाले तारों से एक बहुत सुरक्षित दूरी पर मौजूद हैं।


G News 24:पाकिस्तानी मूल के लेखक तारिक फतेह का निधन !

 खुद को बताते थे हिंदुस्तान का बेटा ...

पाकिस्तानी मूल के लेखक तारिक फतेह का निधन !

कनाडा l पाकिस्तानी मूल के कनाडाई लेखक और स्तंभकार तारिक फतेह का निधन हो गया है। वे पिछले काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नताशा ने ट्वीट कर दी। वह 73 वर्ष के थे। उनकी बेटी नताशा ने अपने ट्वीट में लिखा, "पंजाब का शेर, हिंदुस्तान का बेटा, कनाडा का प्रेमी, सच्चाई का पैरोकार, न्याय के लिए लड़ने वाला, दबे-कुचलों और शोषितों की आवाज, तारिक फतेह नहीं रहे।

तारिक फतेह आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर दिए गए पाने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते थे। वे खुद को हिंदुस्तान का बेटा बताते थे। उनका परिवार मुंबई का रहने वाला था, लेकिन बंटवारे के दौरान वह पाकिस्तान चले गए। 20 नवंबर 1949 को कराची में जन्में तारिक साल 1987 में कनाडा चले गए थे और वह तब से वहीं रह रहे थे। उन्होंने बतौर रिपोर्टर अपना कैरियर शुरू किया था। इसके साथ ही वे रेडियो और टीवी में कमेंट्री भी करते थे। राम मंदिर का निर्माण होना बड़ी ही खुशी की बात - तारिक फतेह 

इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में बोलते हुए तारिक फतेह ने कहा था कि भारत में राम मंदिर का निर्माण होना बड़े ही हर्ष की बात है। उन्होंने कहा था कि बाबर हिंदुस्तानी लोगों को केवल कचरा समझते थे। उन्हें भारतीय काले बंदर लगते थे। उन्होंने कहा कि मुग़ल भारत में हमें केवल लुटने और बर्बाद करने आए थे और कुछ लोग आज उन लुटेरों की पूजा करते हैं। 

G News 24 : विदेशों में इस प्रकार के व्हीकल भी सड़कों पर चल रहे हैं !


विदेशों में इस प्रकार के व्हीकल भी सड़कों पर चल रहे हैं !


G News 24: भारत समेत दुनिया भर में मनाया जा रहा है ईद का त्यौहार

जी न्यूज़ परिवार की तरफ से सभी मुस्लिम भाइयों को ईद मुबारक ...

भारत समेत दुनिया भर में मनाया जा रहा है ईद का त्यौहार 


नई दिल्ली। भारत समेत दुनिया भर में  ईद का त्यौहार मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी इस त्यौहार की रौनक देखी जा रही है। ईद के मौके पर दिल्ली के जामा मस्जिद और ग्वालियर की मोती मस्जिद सहित तमाम मस्जिदों में  लोग इकठ्ठा हुए और ईद की नमाज अता की गई। दिल्ली में  ईद को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है।

यहां पुलिस चप्पे चप्पे पर मौजूद है और कड़ी निगरानी कर रही है।दिल्ली के जामा मस्जिद,निजामुद्दीन दरगाह फतेहपुरी मस्जिद  जामिया मिल्लिया इस्लामिया मस्जिद  और मस्जिद बाबुल इल्म जैसे कई मस्जिद, दरगाह और ईदगाह हैं,जहां सालों से ईद की नमाज अता की जा रही है। 

ईद से पहले कल अलविदा जुम्मे की नमाज भी अता की गई और आज देश भर में ईद का त्यौहार मनाया जा रहा है। बता दें कि भारत में रमजान के पाक महीने की शुरुआत 24 मार्च 2023 को हुई थी। ये इस्लामिक कैलेंडर का नवां महीना होता है। इस तरह 29वें रोजे के बाद इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के 10वें महीने जिसे शव्वाल कहा गया है।उसके पहले दिन ईद मनाई जाती है।

G News 24:पाक में भारतीय चैनलों को प्रसारित करने वाले केबल ऑपरेटरों पर एक्शन

 अवैध घोषित या प्रतिबंधित भारतीय सामग्री का प्रसारण तुरंत:पेमरा

पाक में भारतीय चैनलों को प्रसारित करने वाले केबल ऑपरेटरों पर एक्शन

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के इलेक्ट्रॉनिक  मीडिया नियामक ने अवैध रूप से भारतीय चैनलों को प्रसारित करने वाले केबल टीवी ऑपरेटरों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) ने भी केबल टीवी ऑपरेटरों को चेतावनी दी है कि वे प्राधिकरण द्वारा अवैध घोषित या प्रतिबंधित भारतीय सामग्री का प्रसारण तुरंत बंद करें। प्राधिकरण ने कहा कि केबल टीवी नेटवर्क पर वितरण के लिए पेमरा लाइसेंसधारी के अलावा किसी अन्य चैनल को अनुमति नहीं दी जाएगी, प्राधिकरण के कानूनों के अनुसार किसी भी उल्लंघन से निपटा जाएगा।

 पेमरा ने कहा कि उसके क्षेत्रीय कार्यालयों ने अवैध भारतीय चैनलों को प्रसारित करने वाले केबल ऑपरेटरों द्वारा उल्लंघन की खबरों पर अभियान चलाया।यह शीर्ष अदालत और पेमरा द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन है। कराची क्षेत्रीय कार्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में औचक निरीक्षण किया और डिजिटल केबल नेटवर्क, होम मीडिया कम्युनिकेशंस (प्राइवेट) लिमिटेड, शाहजेब केबल नेटवर्क और स्काई केबल विजन जैसे केबल ऑपरेटरों पर छापा मारा।

 हैदराबाद कार्यालय ने 23 केबल ऑपरेटरों पर छापा मारा और आठ नेटवर्क जब्त किए जो भारतीय सामग्री प्रसारित कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक मुल्तान कार्यालय ने बहावलनगर शहर और केबल ऑपरेटरों, अर्थात सिटी डिजिटल केबल नेटवर्क, स्टेट केबल नेटवर्क, नसीब और जमील केबल नेटवर्क, वर्ल्ड ब्राइट केबल नेटवर्क, स्टार इंफॉर्मेशन कंपनी और ग्लोबल सिग्नल केबल नेटवर्क पर छापे मारे, जो अवैध सामग्री प्रसारित कर रहे थे। छापे के दौरान, पेमरा की टीमों ने अवैध उपकरण जब्त किए और उल्लंघन करने वालों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।

G News 24:सिर्फ़ मजे के लिए की करवा दीं 600 हत्याएं !

 दुनिया की सबसे क्रूर औरत शौक...

सिर्फ़ मजे के लिए की करवा दीं 600 हत्याएं !

इतिहास के बहुत से ऐसे राजा-महाराजा और सीरियल किलर रहे हैं जिन्हें लोगों को मारने में मजा आता था. पर आपने शायद ही कभी किसी महिला को ऐसी क्रूर हरकत करते देखा-सुना है? शायद नहीं, पर इतिहास के पन्नों में ऐसी महिलाओं का नाम दर्ज है जो अपनी क्रूरता  के लिए कुख्यात थीं. आज हम दुनिया की सबसे क्रूक और खूंखार महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने जीवनकाल में करीब 600 महिलाओं  को मौत के घाट उतार दिया क्योंकि उसे किसी की जान लेने में मजा आता था.के तहत हम आपको बताते हैं इतिहास की ऐसी महिलाओं के बारे में, जिन्होंने अपने सनकी रवैये से लोगों की जान ली और दुनिया को दिखाया कि क्रूरता क्या होती है. 

नेशनल जियोग्राफिक की वेबसाइट के अनुसार एलिजाबेथ बैथोरी का जन्म 1560 में हुआ था. वो एक अमीर घराने में पैदा हुई थी, इस वजह से उसके घर में हमेशा से नौकर-चाकर उसकी सेवा के लिए थे. अधिक संपन्न होने की वजह से वो अपने से छोटे वर्ग के लोगों को अपना दास समझती थी और उन्हें प्रताड़ित करना उसे पसंद था. अगर कोई लड़की उससे भी खूबसूरत, उसके सामने पड़ जाती तो वो उसकी जान ले लेती थी. 15 साल की उम्र में उसकी शादी फेरेंक नडास्डीसे हो गई थी और उनके 4 बच्चे भी हुए. एलिजाबेथ को युवतियों की हत्या करने का शौक था. उसका मानना था कि उनके खून को शरीर पर लगाकर वो लंबे वक्त तक जवान दिखती रहेगी.

एक पेंटिंग में दिखाया गया है कि एलिजाबेथ की एक कर्मी उनके लिए खून से टब को भर रही है जिससे वो उससे नहा सकें. एलिजाबेथ अपने पति के सामने ही कई बार लड़कियों को मार डालती थी और फिर उनके खून से नहाती थी. उसने अपने महल में नौकर रखे थे जो हत्याओं में उसकी मदद करते थे. 48 साल की उम्र में जब पति की हत्या हुई तो वो उत्तरी-पश्चिमी हंगरी के कैस्टल में शिफ्ट हो गई. उसे महिलाओं को टॉर्चर करना भी बहुत पसंद था. 

साल 1610 में हंगरी के राजा मैथियस द्वितीय को इन हत्याओं पर शक हुआ और उन्होंने एलिजाबेथ के खिलाफ जांच के आदेश दिए. तब जाकर पता चला कि उनके महल में करीब 80 युवतियों को मौत के घाट उतारा गया है. पर जो चश्मदीद थे, उनका कहना था कि महिला ने 600 से ज्यादा महिलाओं को महल में रहते हुए मार डाला था. एलिजाबेथ के नौकरों को तो मौत की सजा हुई थी, पर अमीर और उच्च दर्जे की होने की वजह से उसे सिर्फ एक कमरे में जीवन भर बंद रहने की सजा मिली थी. उसी कमरे में रहते हुए, 1614 में, 54 साल की एलिजाबेथ की मौत हो गई थी. तब से वो इतिहास के पन्नों में सबसे खतरनाक महिला सीरियल किलर के तौर भी कुख्यात हो गई थी.

G News 24:रमज़ान में ज़कात लेने के लिए मची भगदड़ में 85 लोगों की मौत !

 यमन की राजधानी सना में हुआ हादसा, 300 से अधिक घायल, 13 की हालत गंभीर...

रमज़ान में ज़कात लेने के लिए मची भगदड़ में 85 लोगों की मौत !

अदन। रमजान के दौरान जकात लेने की होड़ में 85 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, वहीं 13 लोगों की हालत गंभीर है, जब‎कि तीन सौ से अ‎धिक लोगों के घायन होने की सूचना है। मामला यमन की राजधानी सना के एक स्कूल का है, जहां व्यापारियों द्वारा जकात बांटने का आयोजन ‎किया गया था। मीडिया में आई जानकारी के अनुसार यमन की राजधानी सना में मची भगदड़ में मरने वालों तथा घायलों की पु‎ष्टि की गई है। गौरतलब है ‎कि यमन में ईरान-समर्थित हूती आंदोलन चल रहा है। जहां सना में स्वास्थ्य निदेशक का हवाला देते हुए बताया कि मृतकों के अलावा कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें 13 की स्थिति काफी गंभीर है। हूती नियंत्रित आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि मुसलमानों के पवित्र महीने रमजान के अंतिम दिनों में व्यापारियों द्वारा जकात बांटने के दौरान भगदड़ मच गई। प्रवक्ता ने इस घटना को ‘दुखद’ बताया। गौरतलब है ‎कि जकात एक तरह का धर्मार्थ दान होता है। प्रत्येक सक्षम मुस्लिम के लिए हर साल अपनी कुल जमा संपत्ति में से ढाई फीसद हिस्सा बतौर जकात गरीबों में बांटना फर्ज होता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बचाव के प्रयास में शामिल दो चश्मदीदों के हवाले से बताया कि इस जकात के ‎लिए एक स्कूल में सैकड़ों लोग जमा हो गए थे। यहां हर व्यक्ति को 5,000 यमनी रियाल या भारतीय मुद्रा में कहें तो लगभग 1500 रुपये मिलने वाले थे। आंतरिक मंत्रालय ने एक अलग बयान में यह भी कहा कि जकात कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जिम्मेदार दो व्यापारियों को हिरासत में लिया गया है और इस मामले की जांच चल रही है। ‎फिलहाल हूती नियंत्रित आंतरिक मंत्रालय ने मृतकों की सटीक संख्या नहीं दी, लेकिन एक हूती सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। सोशल मीडिया पर इस हादसे से जुड़े कई वीडियो भी डाले गए हैं, जिसमें एक बड़े परिसर के अंदर जमीन पर पड़ी लाशें देखी जा सकती है और आसपास एकत्र लोग चिल्ला रहे हैं। 

हालांकि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं जा सकी है कि ये वीडियो इसी हादसे से जुड़े हैं। यमन में वर्ष 2014 में गृहयुद्ध छिड़ गया था, जब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने सना पर कब्जा कर लिया, जिससे सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को समर्थन देने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा। इस गृहयुद्ध के चलते वहां की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो गई और कई लोग भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।


G News 24 :PFI जैसे संगठनों का 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का था लक्ष्य !

मुस्लिम युवाओं को दी जाती थी हिंदू नेताओं की हत्या करने की ट्रेनिंग !

PFI जैसे संगठनों का 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का था लक्ष्य !

नई दिल्ली । पिछले साल सितंबर के महीने में देशभर में NIA और अलग अलग राज्य की पुलिस ने ​पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छापेमारी कर 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की थी। महाराष्ट्र के पीएफआई के हेडक्वार्टर पुणे में भी एनआईए और महाराष्ट्र ATS ने छापेमारी की थी। पुणे में छापेमारी कोंढवा इलाके में केजेड एजुकेशनल सोसाइटी नाम की बिल्डिंग में की गई थी। तब एनआईए ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था व केजेड एजुकेशनल सोसाइटी के चौथे और पांचवें मंजिल में चल रहे पीएफआई के दफ्तर से कई कागजात बरामद किए थे।

NIA ने केजेड एजुकेशनल सोसाइटी के चौथे मंजिलें के गेट पर जो अटैचमेंट ऑर्डर चिपकाया है उसमें साफ लिखा है कि यहां पर मुस्लिम युवाओं को हिंदू नेताओं की हत्या करने की ट्रेनिंग दी जाती थी। अटैचमेंट ऑर्डर में यह भी लिखा है कि पहले युवाओं को भड़काऊ भाषणों के जरिए कट्टर बनाया जाता है उसके बाद उन्हें पीएफआई का सदस्य बनाया जाता था। जब मुस्लिम युवा पीएफआई का सदस्य बन जाता था तब उसे पीएफआई के दफ्तर में आने की इजाजत होती थी। यहां आने पर मुस्लिम युवाओं को हसुआ, चाकू, तलवार और लोहे की छड़ से कैसे हिंदू नेताओं पर हमला कर उनकी जान ली जा सकती है वह सिखाया जाता था।

2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का था लक्ष्य

एनआईए के मुताबिक उन कागजातों से पता चला कि पीएफआई 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाना चाहता था। इस्लामिक देश बनाने के लिए पीएफआई पुणे केजेड एजुकेशन सोसाइटी के चौथे और पांचवे मंजिल पर मुस्लिम युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों में प्रशिक्षित कर रहा था। एनआईए ने 16 अप्रैल 2023 को केजेड एजुकेशनल सोसाइटी के चौथे और पांचवें मंजिल को अटैच कर दिया है। इसका मतलब ये कि इन दो फ्लोर्स को बिना एनआईए या फिर कोर्ट की परमिशन के ना किराए पर दिया जा सकता है और ना ही बेचा जा सकता है।

टारगेट पर थे हिंदू नेता और संगठन

एनआईए ने अपने ऑर्डर ऑफ अटैचमेंट में यह भी लिखा है कि इनके टारगेट पर वो हिंदू नेता और संगठन थे जिनसे पीएफआई को लगता था कि यह नेता या संगठन भारत को इस्लामिक देश नहीं बनने देंगे। यह भी लिखा है कि यहां आने वाले मुस्लिम युवाओं को देश की शांति, एकता और अखंडता को भंग करने के लिए हिंसक जिहाद के तरफ मोड़ने के लिए उकसाया जाता था। ऑर्डर में यह भी लिखा है कि मुस्लिम युवाओं को सरकार की नीतियों को गलत तरीके से पेश करके यह बताया जाता था कि यह कैसे ये नीतियां मुसलमानों के खिलाफ है।

किसी से ज्यादा बात नहीं करते थे यहां आने वाले लोग

केजेड एजुकेशनल सोसायटी पांच मंजिला इमारत है। ग्राउंड फ्लोर और पहले फ्लोर पर उर्दू मीडियम स्कूल चलता है। वहीं, दूसरे और तीसरे मंजिलें पर बच्चों के लिए इंग्लिश स्कूल चलाया जाता है। चौथी और पांचवीं मंजिल पिछले 4 से 5 सालों से डिग्निटी एजुकेशन ट्रस्ट को लीज पर दी गई था जहां पीएफआई ने अपना दफ्तर खोल लिया था। उर्दू स्कूल को चलाने और पढ़ाने वाले शिक्षक हो या फिर दूसरे और तीसरे मंजिल पर चलने वाले स्कूल के शिक्षक या फिर इमारत के ग्राउंड फ्लोर में दुकान चलाने वाला शख्स सब का यही कहना था कि चौथी और पांचवीं मंजिलों पर क्या होता था किसी को इस बात का इल्म नहीं था।

चौथी और पांचवीं मंजिलों पर कोंढ़वा, पुणे के दूसरे इलाके के लोगों के साथ साथ कई बार पुणे के बाहर के लोगों को भी आते जाते देखा गया। इमारत के लोगों के मुताबिक जो भी लोग यहां आते थे सब पढ़े लिखे दिखते थे और ज्यादा किसी से बात नहीं करते थे। चौथे मंजिल की सीढ़ियां जहां से शुरू होती हैं वहीं पर एक गेट लगा दिया गया था ताकि कोई भी बिना इजाजत दफ्तर में ना पहुंच सके।

G News 24:ऑफिस में सिगरेट पीने पर 9 लाख का भारी-भरकम जुर्माना लगाया !

 4500 से ज्यादा बार ऑफिस में पी सिगरेट...

ऑफिस में सिगरेट पीने पर 9 लाख का भारी-भरकम जुर्माना लगाया !

टोक्यो । कार्यालय में काम करने के दौरान कई नियम होते हैं। कुछ लोग इन नियमों को मानते हैं और कुछ इन नियमों को ताक पर रखे देते हैं और इसे बार-बार तोड़ते हैं। जापान में एक ऐसी ही घटना हुई है, जहां सरकारी कर्मचारी ने अपनी नौकरी के दौरान बार-बार एक ही नियम को तोड़ा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक जापानी सिविल सेवक पर नौकरी के दौरान 14 सालों में 4500 से अधिक बार धूम्रपान करने का आरोप लगा है। इसके लिए उस पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है। 

शख्स को अपनी इस करतूत के लिए लगभग 1.44 मिलियन येन (लगभग 9 लाख रुपये) का जुर्माना देना होगा।ओसाका शहर में 20 मार्च को अधिकारियों ने प्रीफेक्चर के वित्त विभाग में 61 वर्षीय कर्मचारी और उसके दो सहयोगियों पर चेतावनी मिलने के बावजूद ड्यूटी के दौरान धूम्रपान करने के लिए जुर्माना लगाया। जुर्माने के अलावा अधिकारियों ने 6 माह के लिए कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कटौती का आदेश दिया है।

उल्लेखनीय है कि ओसाका में सरकारी परिसरों में सिगरेट पीने पर पूर्ण प्रतिबंध साल 2008 में लगाया गया था। सरकारी कर्मचारियों को अब काम के घंटों के दौरान धूम्रपान करने की अनुमति नहीं है, यह प्रतिबंध साल 2019 में शुरू हुआ। तीन कर्मचारियों को पहली बार सितंबर 2022 में उनके सुपरवाइजर द्वारा चेतावनी दी गई थी। दिसंबर 2022 में एक फॉलो अप इंटरव्यू के दौरान तीनों ने कथित तौर पर धूम्रपान न करने के बारे में झूठ बोला। उन्होंने काम के घंटों के दौरान लगभग 355 घंटे और 19 मिनट का समय सिगरेट पीने में बर्बाद किया। कर्मचारियों में से कुछ ने तर्क दिया कि बातचीत के लिए ब्रेक लेना और चाय और नाश्ता करना भी काम के घंटों के दौरान समय बर्बाद करने के रूप में माना जा सकता है।